भारत का समाज ऐतिहासिक रूप से कमोबेश सहिष्णु और समावेशी रहा है. अनेक प्रकार के धर्म, जाति, सांस्कृतिक समुदाय और भाषाई समूह भारत में हजारों साल से रह रहे हैं. एक दूसरे का सम्मान करना और आगे की ओर बढ़ना ही हमारी शक्ति है. विभिन प्रकार की और कई बार आपस में टकराती हुई विचारधाराएं भी एक साथ प्रस्फुटित भी …
नफरती भाषण और नफरती हिंसा : हमारा दायित्व
