आश्चर्य की बात है कि देश के निर्माण में मजदूरों की केन्द्रीय भूमिका है लेकिन आज किसी अखबार ने मजदूरों की खबरें अपने पहले पन्ने पर नहीं दीं. टीवी चैनलों में मजदूर गायब है, इंटरनेट पर मीडिया वेबसाइट पर मजदूर गायब है. अरे कुछ तो शर्म करो कृतघ्नों ! मजदूरों के बिना यह देश नहीं चलता. यह देश मजदूरों का …
मई दिवस पर विशेष : आधुनिक सभ्यता का कोहिनूर हैं मजदूर
