'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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23 मार्च पर विशेष : अमर शहीद भगत सिंह का लिखित आलेख – ‘हमारा फर्ज’

आज हिन्दुस्तान में कितने नौजवान हैं जो देश को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से पागल हुए फिर रहे हैं ? चारों ओर काफी समझदार आदमी नजर आते हैं, लेकिन प्रत्येक का अपना जीवन सुखपूर्वक गुजारने की चिन्ता हो रही है. तब हम अपने हालात, देश की हालात सुधारने की क्या उम्मीद रखें. कारावास की काल-कोठरियों से लेकर झोंपड़ियों तथा बस्तियों …

23 मार्च, शहीदों की शहादत पर लगेंगे हर दिवस मेले !

23 मार्च, भारत के क्रांतिकारी इतिहास का एक अमर दिन, एक अमिट दिन. एक ऐसा अविस्मरणीय दिन जिसने भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के इतिहास में एक ऐसा अध्याय लिख दिया, जिसकी बदौलत अंग्रेजों को भारत से जाना पड़ा. नित्य स्मरणीय भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की शहादत ने हर जिन्दादिल इंसान की रगों में रक्त का प्रवाह तेज कर दिया था. हालांकि …

लोकतंत्र, न्यायिक व्यवस्था और हम

26 नवंबर, 1949 को संविधान को देश ने ‘अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मर्पित’ किया था। भारतीय संविधान का पहला शब्द है ‘हम’. धर्म, जाति, रंग, भाषा, समुदाय, लिंग, आयु किसी भी भेद से रहित है यह हम यह सर्वाधिक मूल्यवान शब्द जिसमें मनुष्य को मनुष्य के रूप में देखा जा सकता है. इस हम से शुरू होने वाला भारत क्या एक …

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उन आम औरतों की कहानी है जिन्होंने इतिहास की सृष्टि की थी. समाज में पुरूषों के साथ समान स्थान और भागीदारी पाने के लिए सदियों से स्त्रियां जो लड़ाई लड़ती आ रही थीं, उसी में इसकी जड़ें विद्यमान हैं. परिस्थितियों के प्रति विरोध की भावना को पैदा करने वाला तेजी से बढ़ता औद्योगीकरण और पूंंजीवादी आर्थिक विस्तारवाद …

जनता अभी भी मनुष्य है, ट्रोल नहीं है…

जी, तो 20 रुपए में एक वक्त के खाने के हिसाब से 30 हज़ार किसानों को 1 करोड़, 80 लाख रुपए का खाना कैसे मिला… तो एक काम कीजिए, गूगल कीजिए…देखिए वो समाचार चैनल्स के इंटरव्यू, जिनमें गुरुद्वारों से लेकर सड़क तक सिख समुदाय, मंदिरों के सेवक, मस्जिदों के नमाज़ी, मदरसों के तालिब और गांव-शहर-सड़क के लोग, ढाबे वाले इनके …

अपराध खत्म करने के नाम पर जब सरकार ही कराने लगी फर्जी मुठभेड़

उत्तर प्रदेश में सत्तासीन योगी आदित्यनाथ की सरकार अपराधियों के सफाए पर जोरशोर से काम कर रही है। प्रदेश में अक्सर पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती है। इसी तरह बाराबंकी मुठभेड़ में पुलिस ने जहां इसे मुठभेड़ दिखाकर अपनी पीठ थपथपाई वहीं, एक घायल अपराधी ने अपने आप को साथियों सहित तीन दिन पूर्व ही …

त्रिपुरा : चुनाव के बाद

25 वर्ष की अवधि तक राज कर रही माकपा की हार हो गई विधानसभा चुनाव में. इनकी हार और उनकी जीत पर बहस हो सकती है और हो रही है. बहस इस पर भी जारी है कि कम्युनिस्ट पार्टी के लोग अपेक्षाकृत ज्यादा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, जनता के प्रति ज्यादा जवाबदेह होते हैं. भ्रष्टाचार, परिवारवाद जैसे गंभीर आरोपों से लगभग अलग …

एक केजरीवाल को मिटाने में पूरी सियासत नंगी हो गई

भ्रष्टाचारियों की ही जेब में जा रहा है देश की जनता का दिया हुआ टैक्स का पैसा. देश की जनता के दिए हुए टैक्स के पैसे से अडानी, अंबानी, वीडियोकॉन जैसे उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपये का सरकारी ऋण माफ करने के साथ-साथ हजारों करोड़ रुपये और दे दिए टैक्स रिबेट के रूप में नरेन्द्र मोदी सरकार और नेहरू-गांधी परिवार …

सैन्य राष्ट्रवादिता के खिलाफ

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने 14 जनवरी से 19 जनवरी के बीच भारत की यात्रा की. इस साल भारत और इजरायल के बीच 1992 में शुरू हुए राजननियक संबंध के 25 साल पूरे हुए. इन संबंधों की शुरुआत सोवियत संघ के विघटन के साथ अंत हुए शीत युद्ध के परिप्रेक्ष्य में हुई थी. 2017 में 4 से 6 जुलाई …

भारत में मीडिया की सिमटती आजादी

मीडिया वेबसाइट हूट की इंडिया फ्रीडम रिपोर्ट, 2017 इस नतीजे पर पहुंची है कि पिछले एक साल में भारत में पत्रकारिता के लिए माहौल खराब हुआ है. गौरी लंकेश समेत दो पत्रकारों की गोली मारी गई. एक और पत्रकार की हत्या की गई. कुल 11 पत्रकार मारे गए. लेकिन इनमें से तीन की हत्या सीधे-सीधे उनकी पत्रकारिता से जुड़ती है. …

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