आज हिन्दुस्तान में कितने नौजवान हैं जो देश को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से पागल हुए फिर रहे हैं ? चारों ओर काफी समझदार आदमी नजर आते हैं, लेकिन प्रत्येक का अपना जीवन सुखपूर्वक गुजारने की चिन्ता हो रही है. तब हम अपने हालात, देश की हालात सुधारने की क्या उम्मीद रखें. कारावास की काल-कोठरियों से लेकर झोंपड़ियों तथा बस्तियों …