पिछले दो लेखों में हमने अराजकतावाद के सम्बन्ध में सर्वसाधारण तथ्य लिखे थे. ऐसे महत्त्वपूर्ण विषय पर जोकि दुनिया के पुराने विचारों एवं परम्पराओं के विरुद्ध नया-नया ही सामने आये, इतने छोटे लेख से पाठकों की जिज्ञासा को शान्त नहीं किया जा सकता. इस प्रकार अनेक शंकाएँ जन्म लेती हैं. फिर भी हम उनके मोटे-मोटे सिद्धान्त पाठकों के सामने रख …