माहौल तो बदल रहा है. इन बदलावों को देखना है तो भाजपा की घटती लोकसभा सीटों में ही नहीं, सिटीजन जर्नलिज्म की बढ़ती व्यूअरशिप में भी देखिए. सोशल मीडिया में प्रोग्रेसिव लोगों की टिप्पणियों पर लोगों के उमड़ते रेले में भी देखिए. फेसबुक में उन लेखकों की पोस्ट खोजते लोगों की व्यग्रता में देखिए जिनकी रीच खुद फेसबुक पता नहीं …
इस चुनाव परिणाम ने भाजपा का पर कतर दिया
