'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
Home गेस्ट ब्लॉग (page 3)

गेस्ट ब्लॉग

Featured posts

ठोस सबूत, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र !

भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों में अंतर यह है कि बाकी दल कोरे राजनीतिक दल हैं और उनमें से अधिकांश की कोई दीर्घकालिक राजनीतिक-सामाजिक और सांस्कृतिक नीति नहीं है. इसके विपरीत भाजपा संघ परिवार की एक राजनीतिक शाखा है, जिसका एक निश्चित विध्वंसकारी एजेंडा है, जबकि कांग्रेस आदि दलों का अपना कोई स्थायी लक्ष्य, स्थायी धर्मनिरपेक्ष एजेंडा तक …

परिवर्तनकामी संस्कृतिकर्मी के योद्धा शहीद अनिल ओझा

प्रसिद्ध सांस्कृतिककर्मी अनिल ओझा अक्सर कहा करते थे, ‘अगर कोई मुझसे दो मिनट बात करने का मौका देगा तो वह कभी उन्हें नहीं मार पायेगा.’ लेकिन उनकी हत्या करने वालों ने उन्हें बात करने का भी वक्त दिया या नहीं, हम कभी नहीं जान पायेंगे. उनकी मौत सांस्कृतिककर्मियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच सदैव के लिए मिस्ट्री बन गई. प्रस्तुत …

मार्क्स और यहूदी फिंगरप्रिंट का प्रश्न

कार्ल मार्क्स दुनिया के सबसे मेधावी दार्शनिक थे, जिन्होंने दुनिया के इतिहास को दो भाग में बांट दिया. मार्क्स के पहले और मार्क्स के बाद. ऐसे महान प्रतिभाशाली दार्शनिकों को तमाम समूहों द्वारा अपना बताने की होड़ लग गई है. इसी कड़ी में यहूदी समूह भी है, जो खुद को मार्क्स की आढ़ में समेटना चाहता है. ज्ञातव्य हो कि …

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस में : युद्ध उद्योग का विस्तार और चुनौतियां

रूस का कजान शहर इस समय सर्वोच्च सुरक्षा घेरे में में है. वहां पर इस समय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. 5 देशों द्वारा शुरू किए ब्रिक्स संगठन में अब 10 देश शामिल हैं. भारत के प्रधानमंत्री ब्रिक्स बैठक में शामिल होने के लिए इस समय रूस पहुंच चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी व चीनी राष्ट्रपति शी …

पर्वत के उस पार – बैक्ट्रिया

इतना लिखता रहता हूं हिस्ट्री पर, जाने क्यों ये गजब इतिहास छूट गया. पर आज जमकर उगली आ रही है. रीलबाज, मीमिये, कम पढ़ने वाले दफा हो जायें. हिस्ट्री लवर्स आगे पढ़ें. तो मितरो, लाखों साल पहले जब इंडियन प्लेट, एशियन प्लेट से टकरायी, एक पहाड़ बना. हम उसे दक्षिण में, नीचे से देखते हैं, हिमालय कहते हैं. चाइनीज ऊपर …

यादों के झुरमुट में मुक्तिबोध

मुक्तिबोध को सबसे पहले 1958 में साइंस काॅलेज रायपुर के प्रथम वर्ष के छात्र के रूप में मैंने देखा सुना था. ललित मोहन श्रीवास्तव के अध्यक्ष तथा ऋषिकुमार तिवारी के सचिव पद की समिति का मैं कक्षा-प्रतिनिधि बनाया गया था. ललित मोहन श्रीवास्तव बाद में भौतिकशास्त्र के प्राध्यापक बने. मूलतः वे कवि थे. उनका काव्यसंग्रह ‘दीपक राग नए’ शीर्षक से …

संघी फिर से अपने द्विराष्ट्र सिद्धांत को आगे बढ़ा रहे हैं

मुसलमानों को दोयम दर्जे के नागरिक बना कर और उनकी आर्थिक गतिविधियों पर चोट पहुंचा कर संघी फिर से अपने द्विराष्ट्र सिद्धांत को आगे बढ़ा रहे हैं. मैं जब कहता हूं कि भारत एक और विभाजन का दंश झेलने के लिए तैयार रहे तो इसका मतलब भारत का कई टुकड़ों में बंटना नहीं है, यद्यपि भाजपा सरकार अगर 2029 तक …

लोकतंत्र, बाड़ ही खेत को खाने लगी

कभी-कभी लगता है संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू ने उद्देशिका वाले प्रस्ताव के मजमून में लोकतंत्र शब्द नहीं लिखकर शायद ठीक किया था. सदस्यों के विरोध के कारण ‘लोकतंत्र’ शब्द जोड़ा गया. प्रस्ताव में संविधान के मकसद में ‘गणतंत्र’ शब्द था. भारत की गांव पंचायतों की तरह पश्चिमी पुरातन देश यूनान में भी छोटे छोटे गणराज्यों की हुकूमत थी. यूरोपीय …

आदिवासियों की समतावादी जीवन शैली और परंपरा में निकृष्ट ब्राह्मणवाद का घुसपैठ

आदिवासी समाज और संस्कृति के प्रति हमारे तथाकथित सुसंस्कृत समाज का रवैया क्या है ? वो चाहे सैलानी – पत्रकार लेखक हों या समाजशास्त्री, आम तौर पर सबकी एक ही मिलीजुली कोशिश इस बात को खोज निकलने की रही है कि आदिवासियों में अदभुत और विलक्षण क्या है ? उनके जीवन और व्यवहार में आश्चर्य और तमाशे के लायक चीजों …

किसान आंदोलन फिर से लय में आने लगा है !

चुनाव को ‘मैनेज’ करने के हथकंडे अनेक हैं. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में हेराफ़ेरी के ज़रिए, ‘जनमत’ हांसिल करने, ‘लोकप्रिय सरकार’ बनाने का तरीका हुकूमत ने ढूंढ लिया है. लेकिन लगातार बिकट होती जा रहीं आर्थिक परिस्थितियों से उपजते आक्रोश और बेचैनी को ‘मैनेज’ करना संभव नहीं. जन-विक्षोभ को ‘मैनेज’ करने का कोई फार्मूला होता, तो मानव विकास के इतिहास-क्रम में, …

1234...322Page 3 of 322

Advertisement