'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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नये अंदाज में भगत सिंह का लेख – ‘मैं नास्तिक क्यों हूं ?’

तुम अहंकारी हो गए हो भगत… प्रसिद्धि से दिमाग खराब हो गया है. घमंड, तुम्हारे और ईश्वर के बीच आ खड़ा हुआ है. ●● लाहौर जेल में वयोवृद्ध कैदी रणधीर सिंह ने भगत को डांटा. वे भी क्रांतिकारी थे, ईश्वर पर विश्वास करते. लेकिन भगत नहीं करता, जानकर बड़ा दुःख हुआ. तो मिलते ही बाबा ने लड़के को डांट लगाई. …

तसलीमा नसरीन : पुरुष क्या ज़रा भी स्त्री के प्रेम के योग्य है ?

मुझमें एक भारी दोष है कि मैं प्रेम में पड़ जाती हैं. प्रेम में पड़ते ही मैं पुरुषों के प्रति खूब हार्दिक हो जाती हैं. मैं तब पुरुषों के सात खून माफ़ कर देती हैं. मैंने बहुत बार अपने आप को चेतावनी दी है. कह चुकी हूं ‘और जो मन चाहे करना, लेकिन प्रेम कतई न करना.’ मेरा हृदय, शरीर …

एजाज अहमद से बातचीत : ‘राजसत्ता पर अन्दर से कब्जा हुआ है’

दुनिया के जाने-माने विद्वान एजाज़ अहमद का निधन हो गया है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजली. पेश हैं दुनिया के बारे में उनके विचार जो कुछ साल पहले देश विदेश के 10 मार्च, 2022 को अंक 33 में छपा था. जिप्सन जॉन और जीतेश पी एम ‘ट्राइकंटिनेंटल’ सामाजिक अनुसंधान संस्थान में फेलो हैं और द हिन्दू, द कैरेवन, द वायर और मंथली रिव्यू …

विश्वगुरु अर्थात दुनिया का सबसे अमीर घराना बनाने पर फोकस करना

वैसे यह ज्ञान दशकों से हमारे पास उपलब्ध है, लेकिन इसे बार-बार दिखाने और आम लोगों के दिमाग में घुसेड़ने की जरूरत है. भारत एक विकासशील देश था, है और रहेगा. बस फर्क इतना आया है कि पिछले डेढ़ दशक से सबकी जमापूंजी सिर्फ चंद लोगों के पास जमा हो रही है. नोटबंदी, जीएसटी, कोविड और K शेप अर्थव्यवस्था इन …

जन्मदिन पर विशेष : लाहौर नेशनल कॉलेज में भगत सिंह

भगत सिंह जहां एक जोशीला इंकलाबी था, वहीं एक बहुत अच्छा विद्यार्थी भी था. उसके अध्यापक होने के नाते मैं यह बात दावे से कह सकता हूं कि उसे पढ़ाने में बहुत आनन्द आता था. भगत सिंह को पढ़ने का बेहद शौक था. जब किसी भी किताब का नाम उसके सामने लिया गया तो उसने फौरन उसे पढ़ने की फरमाइश …

सभ्यताएं आइसोलेशन में विकासोन्मुख नहीं होती

बाबर का जन्म जहां हुआ, वो जगह अब उज्बेकिस्तान में है. वह इलाका, फगराना कहलाता है. बाबर मंगोलों की 11 वी पीढ़ी का था, और मां तैमूर की 9 वीं पीढ़ी से. वे अपनी मंगोल विरासत पसन्द नही करते थे. खुद को तैमूरी कहते. मुगल शब्द उनके लिए गाली था, जो बाद के दौर में चिपक गया. पिता मारा गया, …

सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा : स्पेस स्टेशन में कैसे खाते-पीते हैं लोग ?

आठ दिन से आठ महीने खिंच गई सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा ने भारत में अंतरिक्ष यात्रियों के खान-पान, रहन-सहन को लेकर उत्सुकता जगा दी है. सुनीता विलियम्स एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में यह उनकी तीसरी पारी है. वहां रहना सुनीता के लिए कोई तकलीफदेह तजुर्बा नहीं है और वापसी वाले अंतरिक्ष यान के साथ समस्या …

अमृतलाल नागर से मिलना

बात 40 साल पुरानी है. मेरी डायरी में अमृतलाल नागर जी का पता चौक, लखनऊ लिखा हुआ था लेकिन ‘शहर-ए-लखनऊ’ में उनके घर तक पहुंचने में हमें कोई दिक्कत नहीं हुई. एक पुरानी हवेली के बड़े-से फाटक पर उनके नाम की हस्ताक्षरनुमा पट्टिका देखकर मैं प्रसन्नता से भर उठा. आवाज दी तो दरवाजे पर उनकी पत्नी श्रीमती प्रतिभा नागर ने …

‘दो अक्तूबर को राजघाट से दस बजे सुबह निकलूंगा तलोजा जेल के लिए…’ – हिमांशु कुमार

उमर ख़ालिद सहित अन्य युवा छात्र जिन्हें सीएए एनआरसी जैसे संविधान विरोधी आन्दोलन में शामिल होने की वजह से सरकार ने चार साल से जेल में डाला हुआ है. संजीव भट्ट जिन्हें गुजरात जनसंहार में मोदी की मिलीभगत की सच्चाई बताने के कारण जेल में डाला गया है. सामाजिक कार्यकर्ता जिन्हें आदिवासियों और दलितों के मुद्दे उठाने के कारण भीमा …

संजय शर्मा नहीं रहे…

संजय शर्मा नहीं रहे. दिल जार जार है. आंखों से आंसू बहते जाते हैं. क्या ही एक जानदार, शानदार शख्स… शर्माजी, छोटे कद के आदमी थे, मगर ऊंचा म्यार था. पत्रकारिता की दुनिया में जब खबर और पीआर का में अंतर मुश्किल हो, एडिटोरियल और एडवरटोरियल गड्डमड्ड हो गए हों तो शीशे की तरह साफ साफ काला और सफेद दिखाने …

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