'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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माओ त्से-तुंग : जनता की लोकतांत्रिक तानाशाही पर, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की अट्ठाईसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में

1 जुलाई 1949 को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने अट्ठाईस साल पूरे कर लिए हैं. एक आदमी की तरह, एक राजनीतिक पार्टी का भी बचपन, जवानी, मर्दानगी और बुढ़ापा होता है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब बच्चा या किशोर नहीं रही, बल्कि वयस्क हो गई है. जब कोई आदमी बूढ़ा हो जाता है, तो वह मर जाता है; यही बात …

चीन में माओ त्से-तुङ ने वेश्यावृति और यौन रोगों का ख़ात्मा कैसे किया ?

1 अक्टूबर 1949 को चीन के मज़दूरों की क्रांतिकारी पार्टी ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी’ के नेतृत्व में सामंतवाद–साम्राज्यवाद विरोधी नव–जनवादी क्रांति को अंजाम दिया गया था. इसके बाद आर्थिक–सामाजिक लिहाज़ से बेहद पिछड़े इस देश में बड़े बदलाव हुए, नए सिरे से समाज का निर्माण की शुरूआत हुई. साल 1956 में चीन में समाजवादी व्यवस्था क़ायम की गई. मज़दूर वर्ग …

BRICS सम्मेलन : कजान से क़रीब दिखने लगा है डी-डॉलराइजेशन

रूसी शहर कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर पश्चिमी देशों में और दुनिया भर के वित्तीय दायरों में बना खौफ़ बेमानी साबित हुआ. ब्रिक्स मुद्रा के नाम पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन ने सम्मेलन में पूरी गंभीरता के साथ ऐसा एक नोट जरूर दिखाया, लेकिन यह एक प्रतीकात्मक चीज़ थी. सऊदी अरब के ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने …

..इस हश्र की शुरुआत तभी हो चुकी थी जब कोई चिल्लाया था ‘…अब कोई बात नहीं होगी !!’

बंगले में कुछ धडधडाती बूटों की आवाज आई. गोलियां चली. दरवाजा बजने लगा. पीएम ने खोला, तो कुछ युवा फौजी सामने थे. पीएम ने पूछा. एक बोला – तुम्हें मारने आये हैं. पीएम बोले – बैठो, बात करते हैं. सब बैठ गए. फ़ौजी बोले – ‘आप चीन पर अटैक नहीं करने दे रहे हो. आपको जीने का हक नहीं. पीएम …

यादों में मंटो

सआदत हसन मंटो की क़ब्र पर लिखा है – ‘यहां सआदत हसन मंटो दफ़्न हैं, उसके सीने में फ़न-ए-अफ़साना निगारी के सारे असरार-व-रमूज़ दफ़्न हैं. वो अब भी मनों मिट्टी के नीचे सोच रहा है कि वो बड़ा अफ़साना निगार है या ख़ुदा ?’ मंटो की ज़िंदगी उनके अफ़सानों की तरह न सिर्फ़ ये कि दिलचस्प बल्कि मुख़्तसर भी थी. …

ग्लोबल गांधी फिल्मों का विषय तो हो सकता है, उनका मोहताज कभी नहीं

1930 में टाइम मैगजीन ने गांधी को पर्सन ऑफ द ईयर नवाजा था. उनकी मशहूरियत अब तक भारत और दक्षिण अफ्रीका की सीमाओं से बाहर फैल चुकी थी. टाइम के कवर पर आधा दर्जन बार छपे. वैश्विक प्रेस उन्हें कवर करती थी. द एटलांटिक, द इकॉनमिस्ट, और न्यूयार्क टाइम्स में उनके साक्षात्कार छप रहे थे. आईंस्टीन और टॉलस्टॉय उन्हें पत्र …

हिंदू में मौलिक कुछ नहीं, बौद्ध परम्परा ही सिर के बल है !

बौद्ध परम्परा का पतन नहीं रूपांतरण हुआ है, बस जरा गौर करने की जरूरत है. बौद्ध ही हिंदू और हिंदू ही बौद्ध हैं. गणेश-लक्ष्मी प्रतीक है, बुद्ध व उनकी माता महामाया के. बोधिसत्व अष्ट विनायक, प्रथम पूज्य बुद्ध हैं. बोधिसत्व अवलोकितेश्वर का एक रूपांतरण शिव (अर्धनारीश्वर) एवम दूसरे रूप विष्णु में होता है. बोधिसत्व विनायक, हमारे गणेश हैं. बुद्ध की …

उप-साम्राज्यवादी भारत, अमेरिका के चीन-विरोधी ‘धुरी’ में

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अग्रणी नेता नरेन्द्र मोदी 9 जून 2024 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपने लगातार तीसरे पांच वर्षीय कार्यकाल में होंगे. लेकिन अपने पिछले दो कार्यकालों के विपरीत, जब भाजपा के पास संसद में बहुमत था, अब वह एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. हालांकि, हमेशा की तरह चलने वाली कार्यशैली ही …

द ग्रेट गेम…वे कैलकुलेशन से सोचते हैं, हम अगले इलेक्शन की देखते हैं

19वीं सदी का महान खेल ऐसे मैदान में खेला गया, जो सचमुच विशाल था. ये फैला था- कैस्पियन सागर से लेकर पूर्वी हिमालय तक. और खेल था साम्राज्यों की जियोपोलिटिक्स का. इसका पहला हीरो था – जलता हुआ सिकंदर…अंग्रेजी में- एलेग्जेंडर बर्न्स. आलेख बेहद चाटू, और लंबी है. रीलबाज, मीमिये दफा हो जाऐं. सुधिजन आगे बढें. तो भारत में तब, …

रिचर्ड तृतीय, ट्यूडर मिथक, और सामंतवाद से पूंजीवाद तक संक्रमण

‘एक घोड़ा, एक घोड़ा !!! एक घोड़े के बदले मेरा राज्य ! विलियम शेक्सपियर, रिचर्ड तृतीय , अधिनियम 5, दृश्य 4, पंक्ति 13 विलियम शेक्सपियर के नाटक रिचर्ड III को अंग्रेजी भाषा में लिखे गए अब तक के सबसे महान नाटकों में से एक माना जाता है. हालांकि इसे शेक्सपियर ने 1597 में एलिजाबेथ I के शासनकाल के दौरान पूरा …

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