आज से सौ साल पहले वह कलकत्ता से पानी के जहाज़ में बैठ एक अनजान सफ़र पर निकली थी. उस सफ़र में उसके साथ कोई अपना न था. वह अकेली थी. वह गर्भवती थी. ‘द क्लाईड’ नामक उस जहाज़ पर जो उसके हमसफ़र थे, उन्हें भी मंज़िल का पता न था. साथ में कुछ बहुत ज़रूरी चीज़ों के गट्ठर थे …
गिरमिटिया : बिदेसिया हुए पुरखों की कथा – ‘कूली वूमन- द ओडिसी ऑफ़ इन्डेन्चर’
