2018 और 2020 के बीच, झारखंड में हिरासत में 166 मौतें हुईं. यह आंकड़ा हर राज्य में अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सबका कारण एक ही है, वह है नृशंस पुलिसिया दमन. सत्ता, कॉरपोरेट, अपराधी और पुलिसिया सांठगांठ के सहारे जिस तरह देश की जनता के संसाधनों को छीनने के लिए युद्ध छेड़ दिया है, उसका परिणाम इसी रुप में …
जेलों और पुलिस हिरासत में लगातार मौतें, विकल्प है ‘जनताना सरकार’
