'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
Home ब्लॉग (page 80)

ब्लॉग

“बिन ईवीएम सब सून !”

ईवीएम के जादूई तिलिस्म अब अपना रंग छोड़ रहे हैं. कभी न टेम्परर्ड होने वाली ईवीएम मशीन ने वीवीपैट मशीन के लगते ही उसका जादुई तिलिस्मी रंग उतर गया है और अब बगल झांकने लगा है. कहा जाता है कि ईवीएम ने उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब और दिल्ली एमसीडी चुनाव में अपना तिलिस्मी रंग खूब दिखाया था. पर साॅफ्टवेयर …

मोदी सरकार के तीन साल: हाथ कंगन को आरसी क्या ?

केन्द्र की मोदी सरकार अपने तीन साल के कार्यकाल को अपने विदेशी दौरों और चुनावी मोड में रहकर पूरा करने का जश्न मना रही है वहीं देश की विशाल आबादी खुद से ही यह सवाल करते हुए अपना अपने दुर्दिन को कोसते हुए पूछ रही है कि ‘‘आखिर क्यों हमने इस सरकार को चुनाव में वोट दिया था ?’’ विदित …

प्रतिव्यक्ति वार्षिक आय: दिल्ली सरकार बनाम केन्द्र सरकार

जब केन्द्र सरकार की तुलना एक छोटे केन्द्रशासित प्रदेश की राज्य सरकार से होने लगे तब केन्द्र सरकार की भ्रष्ट और काॅरपोरेट परस्त दलाल नीतियां सहज ही सवाल के घेरे में आ जाती है, जिसे झुठलाने के लिए केन्द्र सरकार को काॅपोरेट घरानों के ही दलाल तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया को भारी धन देकर खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा …

‘‘आपकी पाॅलिटिक्स क्या है … ?’’

विश्व साम्राज्यवादी ताकतों के तत्कालीन अगुआ ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने विश्व प्रतिक्रियावादियों को प्रशिक्षित करते हुए कहा है कि ‘‘जहां भी कोई लोकप्रिय आन्दोलन चल रहा हो, उस आन्दोलन में शामिल हो जाओ. सबसे ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए आगे आ जाओ और फिर उस आन्दोलन का नेतृत्व करते हुए अपने मन मुताबिक उसे अपने उंगली पर नचाते हुए अपने …

धृतराष्ट्र चुनाव आयोग और उसकी ‘‘अनोखी ईवीएम’’

इतिहास के एक पन्ने में दर्ज है एक छोटी-सी घटना. अंग्रेजी हुकूमत देश पर राज कर रही थी और असम में गवर्नर कार्यालय को घेरे हुई थी अपनी मांगों के समर्थन में आक्रोशित लोगों का विशाल हुजूम. हकलान अंग्रेज इस समस्या से निजात पाने का तरीका सोच ही रहे थे कि गवर्नर ने एक शानदार सुझाव दिया. उसने आदेश दिया …

आखिर क्यों अरविन्द केजरीवाल को भ्रष्ट साबित करने पर तुली है भाजपा की केन्द्र सरकार?

भ्रष्टाचार के खिलाफ उठे विशाल जनान्दोलन की लहर से निकली एक छोटी पार्टी ने जब दिल्ली की सत्ता पर काबिज होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान को और तेज कर दिया तभी उसी लहर पर सवार होकर केन्द्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने भ्रष्टाचार का तगमा अपने गले में लटकाये अंबानी और अदानी जैसे काॅरपोरेट घरानों की …

कुमार विश्वास का “अविश्वास”

अमानतुल्ला के ब्यान ने कुमार विश्वास के असली चेहरा को सामने ला दिया है. बकौल अमानतुल्ला, ‘‘कुमार विश्वास बीजेपी और आर.एस.एस. के एजेंट हैं’’ से भड़के कुमार विश्वास मीडिया के सामने बहुत कुछ कह गये और वे जितना ज्यादा कहते गये, उनका असली चेहरा जनता के सामने उतना ही ज्यादा साफ आता गया. कुमार विश्वास के अनुसार, ‘‘अमानतुल्ला खान अगर …

आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास का संकट

कहा जाता है कि जो समाज जितना ज्यादा पिछड़ा और विभाजित होता है और शिक्षा की सकारात्मक भूमिका जितना ही निम्न होता है, वहां काल्पनिक और आरोपित सत्य के आधार पर जन-भावनाओं को प्रभावित करना उतना ही आसान होता है. भारत इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है. यहां सत्ता गरीबों में खैरात बांटती है और मध्यम वर्ग में सपने परन्तु, वास्तविक भला …

जूते का राष्ट्रवाद!

यह कैसा सवाल है ? भला जूते का भी कोई राष्ट्रवाद होता है ? वह जूता जो हमेशा पैरों के नीचे पहना जाता है, उसका राष्ट्रवाद से भला क्या सम्बन्ध ? नहीं, कतई नहीं. जूते का राष्ट्रवाद से कोई सम्बन्ध नहीं होता. यह परम सत्य है. इसकी कोई काट नहीं है. क्यों नहीं है ? क्योंकि जूते में कोई जीवन …

फर्जी राष्ट्रवाद, भ्रष्ट मीडिया और राष्ट्रवादी जूता

भारत को अब तक एक राष्ट्र के तौर पर राष्ट्रीय भावना को उभारने वाली तीन यादें हैं, जिस पर सारे भारत के लोग एकजुट होकर बहस में शामिल हुये हैं. पहली बार यह भावना महात्मा गांधी के नेतृत्व में उभरी थी, जब पूरा देश अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हो गया था. दूसरी बार यह राष्ट्रीय भावना अमर शहीद भगत सिंह …

1...798081...84Page 80 of 84

Advertisement