'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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कविता

कविता – कवि कहते हैं, होना चाहिए प्रेम प्रतिज्ञा अपने महबूब के प्रति. वर्णन हो, उसके अंग-प्रत्यंग का. नख से शिख तक का. कलात्मकता निहित हो, उसके सुखमय आलिंगन में ! परन्तु, कविता एक परम्परा भी है, मेहनतकशों के प्रति प्रतिबद्धता का भी है. जहां यह सब नहीं होता. कविता कल्पना में नहीं थाने के लाॅक-अप में भी हो सकता …

लकड़बग्घे की अन्तर्रात्मा !

27 जुलाई को बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि वह अपनी अन्तर्रात्मा की आवाज पर ऐसा कर रहे हैं. प्रसंग लालू प्रसाद यादव के कुनबों पर नरेन्द्र मोदी के “तोता” सीबीआई की लगातार छापेमारी और बेनामी सम्पत्तियों का “पकड़ा” जाना है, जिसे भ्रष्टाचार से अर्जित माना जा रहा है.  इसके …

सेना को खोखला और शर्मनाक हालात में ढकेल दिया है मोदी सरकार !

यह प्रतीकात्मक तस्वीर है जब कैग (नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) संसद में पेश की गयी अपनी रिपोर्ट में कहता है कि ‘‘यदि पड़ोसी मुल्कों से जंग की स्थिति पैदा हुई तो भारत के पास लगातार 10 दिन तक लड़ने के लिए भी आर्मामेंट नहीं है’’ तो यह सेना की कमजोर और हताशा को ही दर्शाती है, जिसे वर्तमान सर्वाधिक भ्रष्ट …

भारत, चीन के साथ सम्बन्ध खराब क्यों कर रहा है ?

चीन के साथ भारत का ऐतिहासिक और प्राचीन सम्बन्ध है, इसलिए चीन के साथ सम्बन्धों के खराब होने का सम्बन्ध भी ऐतिहासिक ही माना जाना चाहिए पर वास्तव में ऐसा नही है. चीन के साथ खराब सम्बन्ध का कारण समाजवादी क्रांति और साम्राज्यवादी साजिश में निहित है, जिसमें भारत साम्राज्यवादी हाथों की कठपुतली बना हुआ है. गौतम बुद्ध के द्वारा …

लूटेरी काॅरपोरेट घरानों के हित में मोदी की दलाली, चापलूसी की विदेश-नीति

लूटेरी काॅरपोरेट घरानों की दलाली, चापलूसी यौं तो अर्द्ध-औपनिवेशिक देश का चरित्र धारण किये भारत की विदेश-नीति दलाली की ही है, पर हजारों लोगों की हत्या और नफरत की राजनीति का परचम लहराये देश की सत्ता पर काबिज नरेन्द्र मोदी की दलाल विदेश-नीति दलाली से भी आगे बढ़कर अंबानी और अदानी और माल्या जैसे लूटेरी काॅरपोरेट घरानों की दलाली, चापलूसी …

कुमार विश्वास और ‘खाली दिमाग’ अमिताभ बच्चन

मारकण्डे काटजू ने जब अमिताभ बच्चन को ‘‘खाली दिमाग’’ वाला बताया था, तब बहुतों के गले यह बात नहीं उतरी थी. कईयों ने अनेकों प्रकार से प्रतिक्रिया भी दिया था. परन्तु अमिताभ बच्चन ने जल्दी ही देशवासियों को इस बात का यकीन दिला दिया कि ‘‘न केवल वह खाली दिमाग ही हैं, वरन् पैसों से भूखे भी हैं.’’ आम आदमी …

विदेशी निवेश के घातक प्रभाव: विदेशी कम्पनियों के “डैमेज कन्ट्रोल” की मांग

भारत जैसे विशाल बाजार को अन्तर्राष्ट्रीय बजार के सामने खुला छोड़ने और विदेशी निवेशकों को लाल कालीन बिछा कर देश में पूंजी लगाने का काला अध्याय अब दिखने लगा है. तत्कालीन सरकार के इस आत्मघाती कदम का देश की जनता तथा बुद्धिजीवियों ने जमकर विरोध भी किया था, पर अमेरिका के चरणों पर बिछने को आतुर देश की बिकी हुई …

अफीम के नशे से भी ज्यादा मदहोश करने वाली नशा है धर्म

कहा जाता है झूठ के पांव नहीं होते और सच के पंख नहीं होते. कुछ ऐसी ही हालत वर्तमान में इस देश के शासकों की हो गई है. दरिन्दगी और झूठ के सहारे शासन कर रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उसके भक्त जब यह ऐलान करते हैं कि देश की दुर्दशा का जिम्मेवार पिछले 60 साल – पहले 70 साल …

ड्रेकुला मोदी और उसके घड़ियाली आंसू

विश्व के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री पद पर विराजमान कोई शख्स देश की समस्याओं को लेकर खुलेआम अपने घड़ियाली आंसू बहाए हैं. प्रधानमंत्री पद पर विराजमान शख्स देश की समस्याओं का डटकर मुकाबला करता है. उसके खिलाफ संघर्ष करता है. आसन्न समस्याओं से देश की जनता को निजात दिलाने के लिए दिन-रात एक करता है. देश की सीमाओं की …

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