आरएसएस-भाजपा देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी, अल्पसंख्यकों का न केवल विरोध ही करते हैं, बल्कि जब वह डंके की चोट पर कहते हैं कि वह देश में मनुस्मृति को संविधान की जगह स्थापित करना चाहते हैं, तो इसका साफ मायने यह है कि वह मध्यकालीन युग में देशवासियों को ले जाने को कृतसंकल्पित है. आरएसएस-भाजपा देश में स्त्रियों के खिलाफ …
स्मृति ईरानी और स्त्री की “अपवित्रता”
