विश्व गुरु भारत में कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता जहां किसी न किसी दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं के खिलाफ जातिय हिंसा न हो रही हो. कहीं मंदिरों के बाहर शुद्रों-महिलाओं का प्रवेश न होने देने के लिए सर्वण जातियां हिंसा कर रही है तो कहीं, धर्मशास्त्र के नाम पर शुद्रों को दोनों हाथों लूट रही है. और यह …
नफरत से भरी मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच आफ थाट्स जैसी किताबों को जला देना चाहिए
