नरेंद्र मोदी ने वो कर दिखाया जो पिछले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया था. भारत के एक अधिकारी को ‘Wanted by FBI’ बना दिया. इस अधिकारी का नाम विकास यादव है. ये भारत की गुप्तचर एजेंसी ‘Research & Analysis Wing’ (RAW) में काम करता था.
हुआ ये कि मोदी ने अमित शाह को बोला, जैसे गुजरात में मुसलमानों का एंकाउंटर करते थे, वैसे ही अब अमेरिका और कनाडा में सिखों को मारो. अमित शाह ने आगे अजित डोभाल को बोला कि अमेरिका और कनाडा में सिखों की हत्या करवाओ. डोभाल RAW का बॉस होता है. तो डोभाल ने RAW को बोला कि अमेरिका और कनाडा में सिखों की हत्या करवाओ. ज़िम्मा आया विकास यादव के सर.
विकास यादव ने निखिल गुप्ता नाम के एक आदमी को पकड़ा. गुप्ता ड्रग्स का ग़ैर-क़ानूनी धंधा करता था. उसने यूरोप के शहर प्राग (Prague) में एक भाड़े के हत्यारे को पकड़ा. गुप्ता को मालूम नहीं था कि जिसे वो भाड़े का हत्यारा समझ रहा था, वो दरअसल अमेरिका का एक गुप्त एजेंट था. गुप्ता ने इस एजेंट को अमेरिका में पंद्रह हज़ार डॉलर भी अग्रिम दिलवा डाले. ये सारा प्रकरण अमेरिका की FBI ने अपने कैमरे में क़ैद कर लिया. ये पिछले साल की बात है.
कुछ हफ़्तों बाद जब गुप्ता कथित हत्यारे से मिलने प्राग पहुंचा तो उसे एयरपोर्ट पर वहां की पुलिस ने पकड़ लिया. उसे वहां से छुड़वाने के लिए मोदी ने जी-जान लगा दिया. मगर दो महीने पहले प्राग की अदालत ने निखिल गुप्ता को अमेरिकी सरकार के हवाले कर दिया. अब निखिल गुप्ता अमेरिका की जेल में है. उस पर हत्या की साज़िश के आरोप का मुक़दमा शुरू होने वाला है. जब ट्रायल चालू होगा तो पता चलेगा कि उसने अपने इक़बालिया बयान में क्या-क्या राज़ खोले हैं.
आज अमेरिका के Department of Justice ने ऐलान किया है कि अब निखिल गुप्ता के साथ साथ विकास यादव भी उसी केस में आरोपी है. और फटाफट FBI ने ये नोटिस जारी कर दी है कि उसे विकास यादव की तलाश है. इन दिनों भारत सरकार की एक टीम अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में हाथ जोड़े बैठी है कि साहब हमने नहीं किया. ये तो विकास यादव अकेले बदमाशी कर रहा था.
तो अब विकास यादव भारत में दर-दर भटकेगा और ज़िंदगी भर छुपता रहेगा. अमेरिका भारत पर दबाव बनाता रहेगा कि विकास यादव को गिरफ़्तार क्यों नहीं करते ? और भारत की सरकार कहती रहेगी कि क्या करें साहब वो मिल ही नहीं रहा है. विकास यादव की ज़िंदगी बरबाद हो गई. उसके परिवार की ज़िंदगी बरबाद हो गई.
हमको नहीं भूलना चाहिए कि प्रधानमंत्री बनने से मोदी का असली चरित्र नहीं बदल गया. मोदी का पूरा जीवन अपराधी का रहा है. बहैसियत गुजरात मुख्यमंत्री मोदी ने आए-दिन मुसलमानों की हत्या के काम में अहमदाबाद के पुलिस वालों को लगा रखा था. बाद में सब पुलिस वाले पकड़े गए थे और जेल भेजे गए थे. उनकी क़िस्मत थी कि मोदी ने प्रधानमंत्री बन कर अदालत पर दबाव डाल कर सबको छुड़वा दिया.
अमित शाह पहले गुजरात से तड़ीपार था. अब वो पूरी दुनिया से तड़ीपार होगा. क्योंकि कनाडा कि पुलिस ने इस हफ़्ते कह दिया है कि वहां सिखों की हत्या करवाने की साज़िश का सरग़ना अमित शाह है. मोदी सरकार कह रही है कनाडा झूठ बोल रहा है. हमने किसी सरदार को वहां नहीं मारा. और भक्त ट्विटर पर चिल्लाए पड़े हैं कि देखा मोदी का जलवा, घर में घुस के मारा है.
ये घिनौना काम अमित शाह ने भारत के राजदूत और उसके मातहत अन्य अधिकारियों से करवाया है. कनाडा की पुलिस का कहना है कि ये राजदूत कनाडा में बसे सिखों की सर्वेलेंस करवा कर उनकी जानकारी भारत सरकार को भेज रहे थे. उस जानकारी को लेकर भारत सरकार लॉरेंस बिश्नोई गैंग से उन सिखों की हत्या करवा रही थी.
मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री रहते हुए जब कोई नेगेटिव ख़बर आती थी तो कुछ ही घंटों के अंदर कहीं न कहीं बम धमाका हो जाता था या फिर मुसलमानों की गिरफ़्तारी हो जाती थी और ख़बर बदल जाती थी. अब जबकि मोदी की सरकार पर कनाडा में हिंसा और जबरन वसूली के लिए भारतीय राजनयिकों का इस्तेमाल करने का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरोप लग रहा है, अचानक भारतीय हवाई जहाज़ों को कई बम धमकियां मिल गईं और ख़बर पलट गई. वही पुरानी घिसी-पिटी चाल.
भारत का मूर्ख मीडिया कह रहा है कि कनाडा झूठ बोल रहा है. उसको ये नहीं मालूम है कि कनाडा और अमेरिका में पुलिस और prosecution स्वतंत्र होते हैं और उन पर नेता का बस नहीं चलता है. अमेरिका का राष्ट्रपति भी केस वापस नहीं ले सकता है. वकील तक नहीं बदल सकता है. अगर ऐसा करने की कोशिश करेगा तो राष्ट्रपति जेल जाएगा.
कनाडा की पुलिस अगर कह रही है कि उसके पास सबूत है तो उसके पास सबूत ज़रूर होंगे. ट्रायल शुरू होगा तो सब सामने आएगा. नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पूरे भारत को माफ़िया बना कर रख दिया है.
- अजीत साही
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