हर दिन भाजपा के नेता से लेकर मामूली कार्यकर्त्ताओं तक के द्वारा देश की जनता के साथ किये जा रहे असंवैधानिक कारनामें खबरों में रहती आ रही है, इसके बावजूद की भाजपा के नेता यहां तक तक कि खुद प्रधानमंत्री मोदी भी देश की मीडिया को देश की जनता के टैक्स के पैसों का हजारों करोड़ रूपये देकर खरीद रखा है.
गुजरात के नाडियाल में भाजपा के युवा कार्यकर्त्ताओं द्वारा फिरौती की रकम हासिल करने के लिए महज 7 साल की बच्ची को अगवा कर हत्या कर देने की खबर देश के आम लोगों सन्न कर देने के लिए काफी है. यों तो भाजपा के नेता-मंत्री हर उस गतिविधि में शामिल होते हैं जिससे उन्हें पैसों की प्राप्ति हो सकती है. काले धन के नाम पर की गई नोटबंदी के माध्यम से भाजपा ने जहां 8.5 लाख करोड़ के महाघोटाले को अंजाम तक पहुंचाया तो वहीं अब देश भर में तमाम गैर-कानूनी कामों जिसमें हत्या, बलात्कार, बच्चा चोरी, अपरहण, नकली नोट छापना, स्मगलिंग करना, पाकिस्तानी जासूसी संस्था आईएसआई का एजेंट बनकर देश की गोपनीय सैन्य जानकारी पाकिस्तान या विदेशी जासूसी संस्थान को मुहैय्या कराना, देश भर में हिन्दु-मुसलमान के नाम पर दंगे भड़काना, गौरक्षा के नाम पर दलितों और मुसलमानों की हत्या करना और खुद गौरक्षा के नाम पर आये धन राशि को हड़प जाना, गोहत्या के नाम पर दलितों और मुसलमानों की हत्या करना जबकि खुद बड़े पैमाने पर गोहत्या कर गोमांस की बिक्री करना. भाजपा के गैर-कानूनी हर गतिविधि का मूल होता है पैसा कमाना और लोगों को डरा कर सत्ता पर काबिज हो जाना. महज इन 3 सालों में भाजपा नेताओं विधायकों मंत्रियों की आर्थिक क्षमता 500 % से 2.5 हजार प्रतिशत बढ़ी है, बाबाओं के साम्राज्य में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जबकि देश की जीडीपी में 2% की गिरावट आ गई है. नोटबंदी और जीएसटी के नाम पर लोगों को बेरोजगारी और व्यवसाईयों को बर्बादी के कागार पर धकेल दिया है. न्यनूतम जमा राशि के नाम पर सैकड़ों करोड़ रुपये खातोंं से काट लिये गये.
भाजपा के ही एक बाबाई एजेंट श्री श्री रविशंकर ने तो खुलेआम कहा था कि ‘सरकारी स्कूल नक्सली पैदा करते हैं’, अर्थात् शिक्षण की सरकारी व्यवस्था को पूर्णतः खत्म कर दिया जाये. भाजपा इस बात को जानती और समझती है कि देश की जनता जितनी ही अधिक अनपढ़ और अंधविश्वासी होगी, उसको मूर्ख बनाकर शासन और शोषण करना उतना ही सहज और सुरक्षित और दीर्घकालिक होगा. यही कारण है कि देश भर में तमाम शिक्षण संस्थान, जिसमें आम गरीबों का बच्चा शिक्षा या उच्च शिक्षा हासिल कर सकता है, उसे बंद करने का अधिकतम प्रयास कर रही है, तो वहीं निम्न तबके के बच्चों के प्रवेश को रोकने, आरक्षण के माध्यम से आने वालों गरीब व निम्न जातियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा से वंचित करने, उच्च शिक्षण संस्थानों को बदनाम कर उसे बंद करने की भरसक कोशिश करने, उच्च शिक्षण संस्थानों में आरएसएस के एजेंटों को उच्च पदों – यथा कुलपति आदि – पर बहाल करने, शिक्षा पर लगने वाले बजट को निरन्तर कम करने जैसे समाजघाती कदम उठाकर शिक्षण ढांचा को ही जड़ समेत उखाड़ फेंकने पर तुली हुई है.
भारतीय जनता पार्टी जनता की एक और बुनियादी अधिकार चिकित्सा को भी खत्म कर निजी हाथों में बड़े ही बेफिक्री और शातिराना अंदाज में सौंप रही है. उत्तर प्रदेश सहित देश भर में भाजपा शासित राज्यों में चिकित्सा को लगभग खत्म ही कर दिया है. जो भी सरकारी चिकित्सा संस्थान अस्तित्व में है और वहां गरीबों के बच्चों और बीमारों का इलाज होता भी है तो वह केवल विभिन्न दवाओं के प्रयोगस्थली के तौर पर किया जा रहा है ताकि विदेशी कम्पनियों के बनाये दवाओं की जांच हो सके. स्वस्थ आदमी ही स्वस्थ समाज का निर्माण करता है, यही कारण है कि भाजपा खास तरीके और अंदाज से लोगों को स्वस्थ होने से बंचित रखना चाहती है, ताकि स्वस्थ आदमी विरोध का स्वर न उठा सके.
चूंकि भाजपा यह बात अच्छी तरह समझ चुकी है कि देश की जनता भाजपा की जनविरोधी और देशद्रोहपूर्ण नीतियों के साथ बहुत समय नहीं चल सकती, क्योंकि उसकी यह नीतियां बुरी तरह जनता के बीच एक्सपोज हो चुकी है, इसलिए भाजपा के केन्द्रीय विचारकों ने जनता पर अपना भरोसा करना छोड़ दिया है और वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर चुनाव जीतने हेतु ईवीएम को अपना हथियार बना लिया है. ईवीएम एक ऐसी यांत्रिक मशीन है, जिसके माध्यम से देश की जनता के वोट को मनचाहे तरीके से न केवल बदला ही जा सकता है, बल्कि इसके बदले निर्णय को जबरन लागू कर देश में सरकार भी बना सकते हैं. इसके लिए भाजपा ने देश के तमाम संवैधानिक उच्च पदों पर अपने दलालों या एजेंटों को बिठाने का काम पूरजोर तरीके से कर रही है. ईवीएम के खिलाफ उठे हर सवाल को चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक पदों पर अपने एजेंट को बिठाकर ईवीएम के खिलाफ उठे हर सवाल को ढ़ीढ़तापूर्वक परे ढकेल दिया. जबकि यह बात अब पूर्णतः साबित हो चुकी है कि जिन-जिन चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं हुआ है, वहां-वहां भाजपा न केवल बुरी तरह हारी बल्कि एक भी सीट पाने में असफल हुई. यही कारण है कि भाजपा अब चुनाव जीतने के वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनता पर नहीं अपितु ईवीएम को अनिवार्य करने के लिए एड़ी जोड़ी का जोर लगाये हुए है.
इसके साथ ही भाजपा देश की जनता को बरगलाने और दिग्भ्रमित करने के लिए एक से बढ़कर एक झूठी बातें देश भर में फैला रही है. विदेशों के स्ट्रट लाईट और सड़कों को देश का बताकर अपनी उपलब्धि बताते हैं, तो 1 लाख 10 हजारा रूपये खर्च कर देश में लाये जा रहे बुलेट ट्रेन के बारे में खुद मोदी कहते हैं कि ‘बुलेट ट्रेन में वैसे कोई बैठने नहीं आएगा. बस दुनिया को दिखाने के काम आयेगी.’ केवल देश के लोगों को दिखाने और भ्रमित करने के लिए कि ‘हम महाशक्ति बन रहे हैं’ यह तमाम झूठे और बेवकूफाना हरकतें भाजपा कर रहीं है. ताकि देश में लाखों करोड़ रूपये की खुलेआम घोटाले व काॅरपोरेट घरानों की लाखों करोड़ की कर्जमाफी को जनता की निगाहों से छिपाये रखा सके. इसके लिए भाजपा हजारों करोड़ रूपये मीडिया और सोशल मीडिया पर खर्च कर अपने दलाल और गुडें बिठा रखे हैं ताकि कोई विरोध न सके. विरोधियों को देशद्रोही, सेना द्रोही के आरोपों सहित धमकी, गाली-गलौज और हत्या तक करने के लिए निजी गुंडे भी पाल रखे हैं.
भाजपा अपनी नीचतापूर्ण ब्राह्मणवादी गतिविधियों के कारण न केवल देश भर में वरन् विदेशों में भी पूरी तरह बदनाम हो चुकी है. देश की जनता अब भाजपा की आडम्बरपूर्ण रवैये को पूरी तरह समझ रही है, यही कारण है कि भाजपा और उसके नेता-कार्यकत्र्ता अब और ज्यादा नीचतापूर्ण रवैये पर उतर आया है. भाजपा जितनी ही ज्यादा नीचतापूर्ण गतिविधियों को अंजाम देगी, वह जनता से उतनी ही तेजी से कटती जायेगी और अपने खात्मे की ओर जायेगी.