Home ब्लॉग पांच माओवादियों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या के खिलाफ आज से बिहार-झारखण्ड बंद -सीपीआई (माओवादी)

पांच माओवादियों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या के खिलाफ आज से बिहार-झारखण्ड बंद -सीपीआई (माओवादी)

6 second read
0
0
731
पांच माओवादियों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या के खिलाफ आज से बिहार-झारखण्ड बंद -सीपीआई (माओवादी)
पांच माओवादियों की फर्जी मुठभेड़ में हत्या के खिलाफ आज से बिहार-झारखण्ड बंद -सीपीआई (माओवादी)

3 अप्रैल, 2023 को पांच माओवादी की ठंढ़े दिमाग से हत्या कर देने वाली अर्द्धसैनिक बलों और नरसंहारी सत्ता के खिलाफ सीपीआई (माओवादी) का खुला चैलेंज है कि वह अपने पांच साथियों गौतम पासवान, अजीत उरांव उर्फ चार्लीस, अमर गंझू उर्फ धीरू, नंदू उर्फ अजय यादव और संजीत भुइयां उर्फ सागर की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने वाली अपराधी पुलिसिया गिरोह को इसकी कीमत चुकानी होगी. अपने साथियों की खून से सनी शरीर को लाल सलाम पेश करने वाली सीपीआई (माओवादी) ने अपने सशस्त्र सैन्य बल पीएलजीए की टुकड़ी को अपने साथियों के खून का बदला खून से लेने का आदेश दिया है और इसके लिए उसने इसकी बकायदा घोषणा भी की है, जिसके प्रथम चरण में आज 14 अप्रैल से 15 अप्रैल तक दक्षिण बिहार और पश्चिमी झारखण्ड में दो दिवसीय बंद का आह्वान किया है.

सीपीआई (माओवादी) के पांच साथियों की झारखण्ड के चतरा में पुलिस द्वारा शहीद कर दिये जाने से बौखलाये सीपीआई (माओवादी) ने आज से जिस दो दिन के बंद का आह्वान किया है, उसका असर आज साफ तौर पर इलाके में दिख रहा है. इस बंद के लिए उसने बकायदा हस्तलिखित पोस्टर भी जारी कर दिया था. इस पर्चे और पोस्टर के माध्यम से सीपीआई (माओवादी) ने आम जनता से अपील किया है कि वह इस बंद को शानदार तरीके से असरदार बनाए. यही कारण है कि आज से शुरू हो रहे बंदी के पहले ही दिन दक्षिण बिहार और पश्चिमी झारखण्ड में इस बंदी का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. सीपीआई (माओवादी) ने इन्हीं इलाकों को बंदी में शामिल होने का आह्वान किया था.

सीपीआई (माओवादी) द्वारा जारी पोस्टर में आम जनता को खुलकर सामने आने और गरीबों की लड़ाई को अंतिम चरण तक ले जाने में साथ देने का अपील किया है. लोगों ने इस बंद को खुलकर अपना समर्थन दिया, जिसका परिणाम है कि आज पहले ही दिन शुक्रवार को बंदी का खासा असर दिखने को भी मिल रहा है. बंदी के दौरान डुमरिया पटना स्टेट हाईवे 69 पर यात्री वाहन, माल वाहक वाहन के अलावे बड़ी गाड़ियों का परिचालन बंद है.

सीपीआई (माओवादी) की इस बंदी के ऐलान के कारण इमामगंज, रानीगंज, गुरिया, सलैया, गंगटी, कोठी, सहित अन्य प्रमुख बाजार में सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है. खबर के अनुसार ऐलान का समर्थन नहीं करने पर जन अदालत लगाकर सजा देने की बात भी कही गई है. हालांकि बंदी के इस ऐलान में प्रेस-मीडिया, दूध, एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं को इस बंदी से मुक्त रखा गया.

सीपीआई (माओवादी) के इस बंद के दौरान इस बात की पूरी संभावना है कि सत्ता और उसके कारिंदें सिपाहियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़े, आखिर सीपीआई (माओवादी) की सैन्य कमांड पीएलजीए स्पष्ट तौर पर अपने साथियों के खून का बदला अपने दुश्मन के खून से लेता है. सीपीआई (माओवादी) की दो दिन के बंद की यह तो महज शुरूआत है. इस दौरान अगर सत्ता के कारिंदे ये तथाकथित सुरक्षाबल नहीं मारे जाते हैं तो इस बात की पूरी संभावना है कि जल्दी ही इन इलाकों में बारूदी सुरंगों के बिस्फोट से इन कारिंदों का चिथरा उड़ते दिखें.

Read Also –

आदिवासियों के जल-जंगल-जमीन छीनने के लिए मोदी सरकार ड्रोन-हेलीकॉप्टर से बरसा रही है बम
भारत की सत्ता से टकराते जनान्दोलन के एक सदस्य का साक्षात्कार
अब रंग ला रहा है सेना-पुलिसकर्मियों से माओवादियों की अपील
सेना में रहने वाले लोग अक्सर मानसिक रूप से विकृत होते हैं

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

मीडिया की साख और थ्योरी ऑफ एजेंडा सेटिंग

पिछले तीन दिनों से अखबार और टीवी न्यूज चैनल लगातार केवल और केवल सचिन राग आलाप रहे हैं. ऐसा…