भेड़िये इस जंगल के हों
या उस जंगल के
भेड़िया बस भेड़िया होता है
जंगल के बदलने से
भेड़िये नहीं बदलते
भेड़िया, भेड़िया रहता है
किताबों के नाम
अलग अलग हो सकते हैं
निचोड़ सबका एक ही है
और सबों से हशीश के
नशीले अर्क टपकते हैं
ये भेड़िया हमेशा
एक दूसरे से बेहतर साबित करने की
गलाकाट प्रतियोगिता में रहते हैं
कुछ भेड़िये हैं जो
भेड़िया कहलाने से गुरेज़ नहीं करते
परवाह भी नहीं करते कि
दुनिया क्या राय बना रही है
और कुछ ऐसे हैं जिसे
भेड़िया कहने से ऐसे भड़कते हैं
जैसे भेड़िया नहीं इंसानियत का
सबसे खूबसूरत चेहरा वही हो
भेड़ियों की यह पाखंडी क़िस्म
सबसे खतरनाक क़िस्म होती है
भेड़िया खुले जंगल का हो
या पिंजराबंद किसी चिड़ियाखाने का
अक्सर मांसभक्षी होते हैं
हड्डियां चबाते हैं, खून पीते हैं
इनका अनुशासन
पिंजरे का अनुशासन होता है
अच्छा भेड़िया, बुरा भेड़िया जैसा
कुछ नहीं होता
इनके अच्छे या बुरा में
बस इतना ही फर्क है
जितना फर्क सफेद नाग और
काले नागों के जहर में है
- राम प्रसाद यादव
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