पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ
ब्रांडेड हो या अनब्रांडेड, लघु उद्योग हो या शिल्प उद्योग, निर्मित वस्तु कोई भी क्यों न हो अगर वह सेलिंग प्रोडक्ट है तो उस पर बारकोड लिखा होना जरूरी होता है और उस बार कोड में संबंधित सारी जानकारी का डिजिटलाइजेशन रहता है. अतः एक बात हमेशा अपने जहन में रखिये कि किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले कुछ और देखे या न देखे मगर बारकोड अवश्य चेक कर लें क्योंकि किसी भी तरह की वस्तु के निर्माण के बाद उस पर संबंधित कम्पनी ही नहीं बल्कि संबंधित देश का बारकोड लगाना भी अनिवार्य होता है. अतः पतंजलि हो या हिंदुस्तान यूनिवर या फिर कोई विदेशी कम्पनी, उस पर बारकोड अवश्य चेक करे क्योंकि इससे आपको ये पता चलेगा कि आप स्वदेशी खरीद रहे हैं या विदेशी (बहुत सारी कम्पनियांं उपभोक्ता को बेवकूफ बना रही है और स्वदेशी के नाम पर विदेश में बने प्रोडक्ट बेच रही है).
याद रखे – इंडिया में बनी हुई वस्तु पर 890 बारकोड होगा जबकि दूसरे देश में बनी हुई वस्तु पर उस देश का बारकोड होगा और जिस पर बारकोड न हो समझ लीजिये कि कम्पनी रजिस्टर्ड नहीं है. या तो उसे सरकार से छुपाकर चोरी छुपे बनाया और बेचा जा रहा है या फिर वो स्मगलिंग द्वारा लाया गया माल है, दोनों ही स्थिति में सारा धन काला हो रहा है.
बारकोड को ऑप्टिकल स्कैनर (बारकोड रीडर) से पढ़ा जा सकता है और उसमें से संबंधित देश और कम्पनी की सारी जानकारी निकाली जा सकती है. बारकोड लगाने की दो विधियांं हैंं, जिसमें पहली विधि में समान्तर रेखाओं द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, जिसे लाइनर बारकोड कहा जाता है. ये 1D कोड होता है. दूसरी विधि में द्विबीमीय रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जिसे QR कोड कहा जाता है और ये 2D कोड होता है.
1D बारकोड का प्रयोग साधारण उत्पादों जैसे साबुन,पेन और मोबाइल इत्यादि में किया जाता है जबकि 2D बारकोड इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड और डिजिटल पेमेंट इत्यादि में प्रयोग किया जाता है और आप इसे आप एंड्रॉयड मोबाइल इत्यादि पर भी स्कैन कर सकते हैं.
चूंंकि कंप्यूटर केवल 0 और 1 की भाषा अर्थात binary कोड को ही समझता है इसीलिये बारकोड को 95 खानों में केवल 0 और 1 के रूप में बांटा जाता है. इन 95 खानों को भी 15 अलग-अलग विभागों में बांटा जाता है, जिनमें 12 खानों में बारकोड लिखा जाता है, जबकि 3 खानों को गार्ड्स के रूप में बांटा जाता है.
बारकोड को बायें से दायें पढ़ा जाता है और पूरे बारकोड में बायें और दायें अलग-अलग नंबर दिये गये होते हैं. बायें हाथ की तरफ 1 की संख्या विषम (3 या 5 बार) होती है जबकि दाई तरफ 1 की संख्या सम (2 या 4 बार) होती है. बायीं तरफ के बारकोड में नंबर 0 से शुरू होकर 1 पर ख़त्म होते हैं, जबकि दायीं तरफ के नंबर 1 से शुरू होकर 0 पर ख़त्म होते हैं.
बारकोड के सबसे दायीं ओर लिखा गया 0 यह बताता है कि यह उत्पाद किस प्रकार का है और क्या यह उत्पाद मांस के बना है या फिर प्लास्टिक से बना हुआ है. यदि इस जगह पर 2 लिखा होता तो इसका मतलब होता कि उत्पाद या तो खाना है या मांस और यदि 3 लिखा होता तो इसका मतलब होता कि उत्पाद फार्मेसी का है (इस बार कोड में सबसे बायीं ओर (लेफ्ट गार्ड के पास) लिखे दो अंक 0 और 5 यह बताते हैं कि उत्पाद किस देश में बना है. बारकोड के दायीं ओर दिया गया अंतिम अंक 7 एक चेक संख्या है जो यह सुनिश्चित करती है कि कंप्यूटर की मदद से इस जानकारी को ठीक से पढ़ा गया है कि नही.
कुछ प्रमुख देशों के बारकोड के बारे में जान लीजिये यथा —
अमेरिका या कनाडा में बने उत्पादों का कोड 00 से लेकर 13 तक है.
फ़्रांस – 30 से 37
जर्मनी – 40 से 44
जापान – 45, 49
रूस – 46
यूनाइटेड किंगडम – 50
नॉर्वे -70
स्वीडन – 73
स्विट्जरलैंड – 76
ऑस्ट्रेलिया – 93
ताइवान – 471
श्रीलंका – 479
फिलीपींस – 480
जॉर्जिया – 486
हांगकांग – 489
चीन – 690 से 692
ब्राजील – 789
सिंगापुर – 888:
भारत – 890
बारकोड आवंटित करने वाली इकाई GS1 (Global Standards One) एक गैर-लाभकारी वैश्विक इकाई है, जो पूरे विश्व में बार कोड का प्रबंधन और मानकीकरण करता है. भारत में, GS1 India की स्थापना वर्ष 1996 में भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा वाणिज्य और उद्योग के प्रमुख चैंबर के गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की गई थी लेकिन GS1 India से बारकोड प्राप्त करने के लिये आवश्यक शुल्क के साथ-साथ कुछ दस्तावेज भी पंजीकरण फार्म के साथ जमा करवाने जरूरी होते हैं, जिसमें उत्पाद वर्गीकरण शीट, बैलेंस सीट की कॉपी, प्रोप्राइटरशिप संबंधी कागजात, पैनकार्ड, कम्पनी की स्थिति (भूमि) के प्रमाण या स्थायी पता, वैट संबंधी कागजात, साझेदारी हो तो भागेदारी विलेख, आधारकार्ड आदि-इत्यादि.
चूंंकि GS1 india, GS1 Global के सहयोगी के रूप में भारत में बारकोड को प्रशासित और आवंटित करता है, अतः इसका बारकोड विश्व में कहीं भी स्कैन किया जा सकता है और उपरोक्तानुसार जरूरी प्रक्रिया द्वारा भारत में बारकोड आसानी से प्राप्त भी किया जा सकता है.
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