आत्म निर्भर शब्द का
क्या वही मतलब है
जो कल
घोषणा के पूर्व था
या आज
जो घोषणा के बाद है ?
हिंदी के बिचारे
कितने निर्दोष शब्द
ऐसे ही आतंकी हमलों की
भेंट चढ़ गए.
चीनी उत्पादों का
बहिष्कार हो, न हो
अलग बात है,
डर तो इस बात का है
कि बहिष्कार का ही
कहीं बहिष्कार न होने लगे.
आतताइयों के हाथों
बेटियां ही असुरक्षित नहीं हैं
बल्कि अपने
हिंदी शब्दों के गुलदस्ते भी
उतने ही असुरक्षित हैं
अवमूल्यन रुपयों का ही नहीं
शब्दों का भी हो गया है
- राम प्रसाद यादव
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