कुम्भीपाक नर्क का दृश्य है.
मार्गदर्शक जी एक कड़ाही में उबाले जा रहे थे. दर्द काफी था.
बगल में देखा, लोयाहंटर कमर तक तेल में तला जा रहा था.
मार्गदर्शक जी को नर्क के मैनेजर पर बड़ा गुस्सा आया. इसके करम तो मुझसे भी खराब थे.
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पूछा- अरे, जीतेजी ऐसा क्या ही सत्कर्म कर दिया तूने, कि सिर्फ आधा तला जा रहा है ??
लोयाहंटर बोले- वैसा कुछ नहीं है लौहपुरुष. मैं आज भी…गोभी जी के कंधे पर ही खड़ा हूं.
- मनीष सिंह
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