Home गेस्ट ब्लॉग अमेरिकी आंदोलन : तथाकथित गेस्चर्स को वायरल करने से बचें

अमेरिकी आंदोलन : तथाकथित गेस्चर्स को वायरल करने से बचें

1 second read
0
0
588

अमेरिकी आंदोलन : तथाकथित गेस्चर्स को वायरल करने से बचें

5 दिन पहले अमेरिका में 4 पुलिस वालों ने एक अश्वेत नागरिक को गिरफ्तार करते वक़्त उसकी हत्या कर दी. मुख्य अभियुक्त पुलिस वाले की बीबी ने शर्म, अफसोस और गुस्से का इज़हार करते हुए इस घृणित अपराध के चलते पति के खिलाफ न्यायालय में तलाक़ की अर्जी दे दी.

फिर एक शहर में पुलिस वालों ने घुटने मोड़कर अपने साथी हत्यारे पुलिसकर्मी के लिए जनता से माफी मांगी और जब डोनाल्ड ट्रम्प ने गवर्नरों को धमकाते हुए कहा कि – ‘जाओ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करो, उनका पीछा करो, उन्हें ढूंंढ कर लाओ, उन्हें 10 साल के लिए जेलों में ठूंस दो, फिर ये सब तमाशा कभी नहीं दिखेगा … अगर तुम यह नहीं कर सकते तो मैं सेना भेज रहा हूंं और फिर वो होगा जो लोगों ने इससे पहले कभी नहीं देखा होगा.’ तो ह्यूस्टन के पुलिस चीफ आर्ट एसवेदो ने ट्रम्प को जवाब दिया – ‘आप कुछ ढंग का काम नहीं कर सकते तो अपना मुंंह बन्द रखो.’

अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुई उपरोक्त सब पब्लिक गेस्चर्स या एक्शन्स में मुख्य अभियुक्त की बीबी द्वारा सच्ची संवेदना दिखाते हुए तलाक़ के लिए न्यायालय में अर्जी देना ही सच्ची बात है क्योंकि जो पुलिस घुटने मोड़कर माफी मांंगती दिख रही थी, बाद में उसी पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर अपनी गाड़ियां चढ़ाते हुए सैकड़ों लोगों को कुचला. प्रदर्शनों को कवर करते हुए पत्रकारों को गिरफ्तार किया, उनके साथ गंभीर हिंसा की.

ह्यूस्टन के उसी पुलिस चीफ ने हजारों लोगों को जेलों में ठूंस दिया, जिसका इनाम उन निजी जेलों के मालिक उसे जल्द दे देंगे. इससे भी आगे बढ़कर वो बोल रहा है कि ये प्रदर्शन सामान्य नहीं है, इन्हें दूसरे शहरों से आये लोगों ने भड़काया है. अब उसने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस पर हमला करने समेत हिंसा के गंभीर आरोप लगाए हैं.

मेरी आप सबसे गुज़ारिश है कि भारतीय चैनलों की तरह सबसे तेज़ दिखने के चक्कर में तथाकथित गेस्चर्स को वायरल करने से बचें. ध्यान रखो गोरा चाहे देशी हो या विदेेशी, उसकी हरकत सिर्फ आपको बेवकूफ बनाने और ठंडा करने के लिए होती है.

  • जार्ज ओरवेल

Read Also –

पुलिसिया जुल्म के खिलाफ अमेरिका से यह भी सीख लो
आजाद भारत में कामगारों के विरुद्ध ऐसी कोई सरकार नहीं आई थी

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…