जिद्दी पुतिन एक इंच पीछे नहीं हटने वाले हैं. पिछले 24 घंटे में जहां एक ओर रूसी सेना ने यूक्रेन के 573 सैनिकों को ढेर कर दिया, वही लेबनान इजरायल सीमा पर हिजबुल्ला ने इजरायल के 23 सैनिकों को ढेर कर 113 सैनिकों को अगवा कर लिया है. पश्चिमी खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक हिजबुल्ला के पास रूस ने टेक्टिकल न्यूक्लियर भेज दिए हैं. यानी, यूक्रेन के बाद एक और हरा-भरा देश इजरायल भी खंडहर बनने जा रहा है.
इधर फिलिस्तीन के राफा व गाजा क्षेत्र में भी इजरायली सेना किश्तों में मौत का निवाला बन रही है. इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने एक रिपोर्ट में जाहिर किया है कि हिजबुल्ला और हूथी के लड़ाकू संगठनों में बड़े पैमाने पर विदेशी लड़ाकू शामिल हो चुके हैं. इजरायल में ब्रिटिश राजदूत ने टिप्पणी की है कि इजरायल इस चौतरफा युद्ध में अपनी सैन्य शक्ति को ठीक से अपडेट नहीं कर पा रहा है.
उधर क्रेमलिन ने साफ कहा है कि यूक्रेन को अगर नाटो देशों से F-16 लड़ाकू जेट मिलते हैं तो इससे यूक्रेन में रूस के स्पेशल मिलिट्री आपरेशन की दिशा व दशा में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि जेलेंस्की को अभी तक F-16 जेट नहीं मिले हैं लेकिन जेलेंस्की ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से सभी F-16 फाइटर जेट किसी नाटो देश के एयरबेस पर रखे जायेंगे.
उधर उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने एक बार फिर कहा है कि नाटो देशों के परमाणु बमों से उत्तर कोरिया पर आंच आने की संभावना हुई तो हम अमरीका को खंड-विखंड भू-भाग में तब्दील कर देंगे. चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने नाटो देशों को किसी भी तरह के परमाणु हथियारों के उकसावे के गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है.
तमाम उहापोह के बीच न्यूयार्क से महज 150 किमी की दूरी पर रूसी परमाणु पनडुब्बी की मौजूदगी से उभरे परमाणु युद्ध संकट को टालने के लिए नाटो चीफ ने कहा है कि हमारा लक्ष्य यूक्रेन की आजादी ही होना चाहिए, इसकी आड़ में अन्य कार्रवाइयां पूरे मानव जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं. फिलहाल युद्ध जारी है और इस समय युद्ध में विध्वंसक समीकरण कभी भी अपना प्रलयकारी तांडव दिखा सकते हैं.
परमाणु बम विस्फोट करेगा यूक्रेन युद्ध की समाप्ति की घोषणा
पश्चिमी मीडिया के मुताबिक रूसी सेना ने पिछले 5 दिनों में यूक्रेन के 5673 सैनिकों को मार दिया है. हथियारों की नई खेप मिलने से प्रफुल्लित व नाटो देशों के उकसावे पर जेलेंस्की अब रूसी सीमा के भीतर तक हमले करने पर उतारू हो गया है लेकिन जेलेंस्की का हर हमला यूक्रेन के लिए कभी न खत्म होने वाली पीड़ा परोस रहा है. जेलेंस्की ने क्रीमिया पर हमले तेज कर दिए हैं तो इसके उलट रूस की सेना ने खारकीव व राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में प्रलय मचा रखी है.
मीडियाई खबरों के मुताबिक इस समय रूसी सेना यूक्रेन पर अंतहीन बारूदी बवंडर मचाये हुए है. अमरीकी खुफिया एजेंसियों ने यह भी दावा किया है कि पुतिन ने भारी मात्रा में हूथी हिजबुल्ला व हमास जैसे लड़ाकू संगठनों को खतरनाक हथियार पकड़ा दिए हैं, जिससे इजरायल पर भीषण हमले हो रहे हैं. यहां तक इजरायली सेना को कई मोर्चों से पीछे हटना पड़ रहा है. इजरायल का कथित शक्तिशाली एयर डिफेंस आयरन डोम के हिजबुल्ला ने परखच्चे उड़ा दिए हैं वहीं दूसरी ओर लाल सागर में हूथी ने अमरीकी युद्ध पोतों पर मिसाइल हमलों से तबाही मचा दी है.
अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पेंटागन को लाल सागर से अपने युद्ध पोतों को वापस बुलाने की कार्रवाई के आदेश दिए हैं. फिलिस्तीन के राफा इलाके में इजरायली हमले बदस्तूर जारी हैं. सैकड़ों बच्चों, महिलाओं व निरीह नागरिकों की दारुण चीत्कारों से राफा दहल रहा है लेकिन क्रूरता की पराकाष्ठा दिखाने वाला नेतन्याहू पर दुनिया के किसी भी देश के दबाव का फर्क नहीं पड़ रहा है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल को बच्चों पर क्रूरता दिखाने वाले संगठनों में डालकर ब्लैक लिस्टेड कर दिया है.
फिलहाल युद्ध जारी है और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों पर किसी न किसी रूप में युद्ध विस्तार हो रहा है. युद्ध समाप्त होने की कोई डगर नहीं दिख रही है सिवाय परमाणु बम विस्फोट के. अगर ऐसा हुआ तो ब्रिटेन, पोलैंड सहित यूरोप के कई देश मानव सभ्यता के इतिहास से हमेशा के लिए मिट जायेंगे जिसके लिए मानवता का शत्रु देश अमरीका जिम्मेदार होगा.
अमरीका के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाये
विश्व समाजवाद की दुर्गति एकमात्र अमरीका ने की है, इसके लिए उसे माफ करने का तो सवाल ही नहीं उठता. विश्व समाजवाद के लिए संघर्षरत सजग प्रहरियों को रूसी राष्ट्रपति पुतिन का हर संभव समर्थन करना चाहिए. शत्रु में मानवता कुरेदने वाले लोग कभी भी स्वस्थ राजनीतिक संघर्षों के झंडाबरदार नहीं हो सकते. वियतनाम में लाखों बच्चों महिलाओं का कत्लेआम मचाने वाला, क्यूबा, इराक, ब्राजील आदि मुल्कों में खूनी लड़ाइयों को अंजाम देने वाला, उत्तर कोरिया मुक्ति संघर्ष को कुचलने के लिए विश्वयुद्ध की शक्ल देने वाला अमरीका के साथ कोई रियायत नहीं बरती जा सकती.
भारतीय वामपंथियों का रूस को समर्थन देने के लिए पेट में मरोड़ इसलिए पड़ रही है कि उन्हें जेलेंस्की सच्चा राष्ट्रवादी नेता दिख रहा है. ये वही जेलेंस्की है जिसने 2005 में यूक्रेन के सभी कम्युनिस्ट पार्टी व संगठनों पर प्रतिबंध लगा रखा है. यूक्रेन में लाल झंडे वालों को चुनाव में भागीदारी करने पर पाबंदी है और किसी भी तरह की वामपंथी गतिविधि नजर आने पर वहां की सेना को कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं को सीधे गोली मारने के आदेश हैं.
जेलेस्की सिर्फ एक अमरीकी पुछल्ला है. उसने दिसंबर 2023 में जर्मन के नाजीवादी गुटों को यूक्रेन में रूस के विरुद्ध साथ देने की अपील की थी. अब खबर आ रही है कि अमरीकी जनता में रूसी परमाणु हमले को लेकर अफरा-तफरी मची हुई है. दुनिया भर की खुफिया एजेंसियां पुतिन के परमाणु हमले का विचार को अवश्यंभावी घोषित कर चुकी हैं.
यूक्रेन को बारूदी बवंडर में झोंक कर नाटो देश अब अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित दिख रहे हैं. जो लोग इस समय पुतिन के लिए परमाणु बम न फेंकने के लिए मानवता दिखाने की अपील कर रहे हैं, उन्होंने हीरोशिमा, नागासाकी परमाणु हमले के लिए अमरीका से माफी क्यों नहीं मंगवाई ?
अमरीका ने यूक्रेन युद्ध के रास्ते पुतिन को छेड़कर एक ऐसे जिद्दी सनकी राष्ट्राध्यक्ष को नाटो देशों के लिए गलफांस बना दिया है, जिसका अंत परमाणु विस्फोट से ही तय होने जा रहा है. अमरीकी साम्राज्यवाद का खात्मा ही दुनिया के उन तमाम महान क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन महान क्रांतिकारियों में हमारे आपके सबसे प्यारे कामरेड चे-ग्वेरा भी एक थे.
- ए. के. ब्राईट
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