विश्व साम्राज्यवादी ताकतों के तत्कालीन अगुआ ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने विश्व प्रतिक्रियावादियों को प्रशिक्षित करते हुए कहा है कि ‘‘जहां भी कोई लोकप्रिय आन्दोलन चल रहा हो, उस आन्दोलन में शामिल हो जाओ. सबसे ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए आगे आ जाओ और फिर उस आन्दोलन का नेतृत्व करते हुए अपने मन मुताबिक उसे अपने उंगली पर नचाते हुए अपने हित में उस आन्दोलन का इस्तेमाल करो.’’
विन्सटन चर्चिल की इस शिक्षा को विश्व प्रतिक्रियावादियों ने न केवल अच्छी तरह आत्मसात ही किया वरन् एक-एक कर तमाम आन्दोलनों को ही खत्म कर दिया. यहां तक कि वह सोवियत संघ और चीन जैसी मजबूत समाजवादी शिविर को अन्दर से तोड़ डाला.तमाम जगह चर्चिल की शिक्षा ने पेशेवर प्रतिक्रिवादियों के माध्यम से अपना असर दिखाया है. विश्व के तमाम देशों की तरह भारत में भी चर्चिल की शिक्षार्थियों ने जुल्मों के खिलाफ उठी हर बुलन्द आवाज को उसमें शामिल होकर उस आन्दोलन को ही खत्म कर डाला है.
वर्तमान में यह रंग आम आदमी पार्टी के खिलाफ चर्चिल के शिक्षार्थियों ने जो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में जनविरोधी गतिविधि चला रही है, आजमाया है. कपिल मिश्रा, जो देश के प्रतिक्रियावादी संस्थान आर.एस.एस माता-पिता की संयुक्त विरासत को ढ़ो रहे हैं, आम आदमी पार्टी के खिलाफ एक सधा कदम उठा रहे थे. वह चर्चिल के ही अनुसार इस लोकप्रिय आन्दोलन में शामिल होकर सबसे ज्यादा सक्रियता दिखाते हुए मंत्री पद को हथिया लेने में सफल हो गये. पुनः अपने अनेक प्रयासों के तहत् आम आदमी पार्टी को अन्दर से तोड़ डालने के लिए आम आदमी पार्टी की सबसे कमजोर कड़ी कुमार विश्वास को जो बेहद ही भावुक कवि हैं और राजनीतिक रूप से आदर्शगत सोच को रखने वाले हैं, को कपिल मिश्रा ने भड़काकर वर्तमान नेतृत्व – अरविन्द केजरीवाल – को हटाकर कुमार विश्वास को नेतृत्व हासिल करने के लिए उकसाया. कपिल मिश्रा का यह मानना हो सकता है कि एक बार अगर अरविन्द केजरीवाल नेतृत्व से हटा दिये जाते हैं तो कुमार विश्वास जैसे भावुक कवि को हटाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा. फिर आम आदमी पार्टी का नेतृत्व खुद या अपने मंजे हुए गैंग के माध्यम से हथियाकर जनता की इस सशक्त आवाज को खत्म किया जा सकता है या अंबानी-अदानी के चरणों में सहज ही अन्य दलों की तरह बिछाया जा सकता है.
इसी के प्रयास के तहत् उसने दिल्ली सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पानी को घर-घर पहुंचाने जैसे कामों को असफल करने का पूरजोर प्रयास किया ताकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार को बदनाम किया जा सके. पर पार्टी की सतर्क निगाहों से बच नहीं सका और उसकी कलई खुल गई.
इन दिनों भारतीय जनता पार्टी न केवल सत्ता के लालची भ्रष्ट लोगों की ही पार्टी बनी है वरन् वह अब्बल दर्जे की बहसी और देशद्रोहियों की पार्टी भी बनकर उभरी है. वह बिना किसी हिचकिचाहट झूठ बोलने, बोल कर उलट जाने, झूठे आरोपों की बौछार करने में माहिर बन चुकी है. सत्ता के तमाम अंगों को अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ बेहिचक इस्तेमाल कर रही है. इसमें किसी भी प्रकार का कोई न्यूनतम समझ तक नहीं है. मुख्यधारा की मीडिया जो शुद्ध रूप से भारतीय जनता पार्टी का मुखपत्र बन चुका है, अब्बल दर्जे की दलाली में उतर आया है. जिस मीडिया को तमिलनाडु से आये नंग-धड़ंग किसानों की दुर्दशा को दिखाने तक का कोई वक्त नहीं था, वही कपिल मिश्रा के नौटंकी का लाईव प्रसारण दिन-रात कर रहा है.
इस बात को बेहतरी के साथ समझ लेना होगा कि वर्ग समाज में वर्गों की राजनीति होती है. इसमें आदर्श की कोई जगह नहीं होती. वर्ग समाज में आदर्श दरअसल शोषक वर्ग की ही राजनीति करने का एक छद्म नाम है. दोनों ही वर्ग एक दूसरे से विरोधी होते हैं. पर शोषक वर्ग, शोषित वर्ग के वगैर जिन्दा नहीं रह सकता इसलिए शोषित को भ्रमित करने के लिए आदर्शवादी तरीका अपनाता है. परन्तु, इसके ठीक विपरीत शोषित वर्ग को शोषक वर्ग की कोई जरूरत नहीं होती. वह शोषक वर्ग को उखाड़ फेंकना अपना लक्ष्य बनाता है. यही कारण है कि शोषित वर्ग के द्वारा शोषक परजीवी वर्ग के खिलाफ जारी जंग में विजय शोषित वर्ग की ही निश्चित है. गरीब शोषित वर्ग की राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी को जरूरी है कि अपने कदम मजबूती से और कपिल मिश्रा जैसे चर्चिल के शिक्षा से पोषित शोषकों के दलालों से निपटते हुए आगे बढ़ा जायें और अरविन्द केजरीवाल के शानदार नेतृत्व में आम आदमी पार्टी को शोषित वर्ग के हित में और मजबूती से आगे बढ़ाया जाये. यही आज के समय के पाॅलिटिक्स की जरूरत है.
S. Chatterjee
May 16, 2017 at 4:57 am
Usurption through infiltration.
Rohit Sharma
May 17, 2017 at 2:47 am
घुसपैठ के माध्यम से उथल-पुथल. सटीक विश्लेषण
cours de theatre
September 30, 2017 at 1:13 pm
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