Home कविताएं आज गोएबल्स खूब गरजा

आज गोएबल्स खूब गरजा

0 second read
0
0
471

आज गोएबल्स खूब गरजा
इतना गरजा
इतना गरजा
कि
रायसीना हिल्स का फंसा
महीनों का गुंफित जल जमाव
एक बारगी फूट पड़ा

दिल्ली पानी पानी हो गई
सिवरेज और नालों ने
उनके छुपे सारे आपराधिक खेल
बेनकाब कर दिये

आज गोएबल्स खूब गरजा
इतना गरजा
इतना गरजा
कि ऑक्सीजन के गोदामों में आग लग गई

आखिरकार पता चल ही गया कि
गंगा में शव बहाने की
साजिश किसकी थी
यूपी में जो जानें बच सकती थीं
आखिर किसके चलते बच नहीं पाई़ं

एक पवित्र चेहरा को अपवित्र करने के पीछे
वह कौन घिनौना चेहरा था गोएबल्स ने आज
मीडिया और अखबार के सामने बेपर्द कर दिया

  • राम प्रसाद यादव

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध

    कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण ये शहर अब अपने पिंजरे में दुबके हुए किसी जानवर सा …
  • मेरे अंगों की नीलामी

    अब मैं अपनी शरीर के अंगों को बेच रही हूं एक एक कर. मेरी पसलियां तीन रुपयों में. मेरे प्रवा…
  • मेरा देश जल रहा…

    घर-आंगन में आग लग रही सुलग रहे वन-उपवन, दर दीवारें चटख रही हैं जलते छप्पर-छाजन. तन जलता है…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…