इस टाइम लाइन पर ग़ौर कीजिए :
26 जनवरी को बियर ग्रिल्स ट्वीट करते हैं, ‘भारत के लिए आज बड़ा दिन है. मैं जल्द ही वहांं कुछ बेहद ख़ास शूट करने आ रहा हूंं.’
12 फ़रवरी को बियर ग्रिल्स एक और ट्वीट करते हैं. इसमें वो एयरपोर्ट पर ली गई अपनी सेल्फ़ी के साथ बताते हैं कि वो भारत पहुंंच रहे हैं.
14 फ़रवरी को बियर ग्रिल्स उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने शो की शूटिंग कर रहे होते हैं. ठीक इसी वक़्त ख़बर आती है कि ‘पुलवामा में बड़ा आतंकी हमला हो गया है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं.’ इस ख़बर से पूरा देश ठिठक कर थम सा जाता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का कैमरा प्रेम नहीं थमता. वे इस वक़्त भी अपने निर्लज अट्टहास के साथ शूटिंग जारी रखते हैं.
यह ख़बर जल्द ही सार्वजनिक हो जाती है कि देश पर हुए इतने बड़े आतंकी हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी अपनी शूटिंग में व्यस्त थे. बियर ग्रिल्स के साथ नदी किनारे चाय पी रहे थे. भाजपा तुरंत डैमेज कंट्रोल की मुद्रा में आती है और इन ख़बरों को निराधार बताती है. इतना ही नहीं, बियर ग्रिल्स के वो ट्वीट भी डिलीट कर दिए जाते हैं जो उन्होंने 26 जनवरी और 12 फ़रवरी को भारत आने के संबंध में किए थे.
14 फ़रवरी को नरेंद्र मोदी क्या कर रहे थे, ये ख़बर वहीं दफ़न हो जाती है. इसके बाद भाजपा और नरेंद्र मोदी पूरी बेशर्मी से पुलवामा में शहीद हुए जवानों के नाम पर ख़ुद को वोट देने की अपील करने लगते हैं.
फिर एक सर्जिकल स्ट्राइक होती है. वही वाली सर्जिकल स्ट्राइक जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायु सेना को सुझाया था कि ‘बादलों में छुपकर हमला कर दो, रडार पकड़ नहीं सकेगा.’ इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर अपनी ही मिसाइल के निशाने पर आने के चलते ध्वस्त हो जाता है, जिसमें 6 जवानों की मौत होती है. लेकिन यह ख़बर भी चुनाव होने तक पूरी तरह ग़ायब रहती है. जवानों-शहीदों के नाम पर वोट की अपील की जाती है, भाजपा बंपर बहुमत के साथ चुनाव जीत कर सरकार बना लेती है.
इसके बाद स्वीकार कर लिया जाता है कि स्ट्राइक के दौरान एक भारतीय हेलिकॉप्टर अपनी ही मिसाइल के निशाने पर आने के चलते ध्वस्त हुआ था, जिसमें 6 जवान मारे गए थे.
आज कुछ महीने और बीत जाने के बाद यह भी सामने आ जाता है कि जिस दिन देश ने अपने 40 जांंबाज़ बेटे खोए थे, उस दिन प्रधानमंत्री मोदी जंगलों में बियर ग्रिल्स के साथ हाथी का मल सूंघ रहे थे ताकि उनकी महामानव वाली छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सके.
12 अगस्त को इस कार्यक्रम का प्रसारण होने जा रहा है. डिस्कवरी चैनल पर इसे ज़रूर देखिएगा लेकिन देखते हुए यह भी याद रखिएगा कि यह शूटिंग ठीक उसी वक़्त की है, जब देश के 40 जवानों के चीथड़े हो चुके शरीर समेटे जा रहे थे.
– राहुल कौटियाल
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