हजारों लोगों की हत्या करने वाले अपराधी सरगना नरेन्द्र मोदी झूठे वायदों से लोगों के अंदर एक फर्जी आशा जगाकर देश की सत्ता पर काबिज होते ही अपने तमाम वायदों को भुला कर ठीक वहीं कार्य करने लगे जो कांग्रेस ने अधूरे छोड़े थे और जिसका देश की जनता और खुद भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने नरेन्द्र मोदी विरोध कर रहे थे. मसलन, जीएसटी, एफडीआई वगैरह. नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल के 5 सालों में अपने किये चुनावी वायदों में से एक भी पूरा नहीं किये उल्टे देश को नोटबंदी और जीएसटी जैसे आपदा में फंसा कर सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतारे डाले, लाखों लोगों का रोजगार छीनकर उसे बेरोजगार बना कर दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया. हजारों किसान कर्ज के जाल में फंसकर आत्महत्या कर लिये.
सरकारी नौकरी में लाखों पदों पर बहाली को रोक कर उन पदों को ही समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं देश की तकरीबन 12 लाख करोड़ रूपया कर्ज के नाम पर देश के कॉरपोरेट घरानों को देकर माफ कर दिया और उसे देश से बाहर जाने का रास्ता सुलभ कर दिया. ऐसे में देश की तमाम जनता मोदी की इन कारगुजारियों से उब गई है और मोदी को सत्ताच्युत करने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा दी है.
तब बहुरूपिया नरेन्द्र मोदी आसन्न लोकसभा चुनाव में आम मेहनतकश जनता के खून में डूबे अपना छद्म चेहरा लेकर चुनावी सभाओं को जहां-तहां सम्पन्न कर रहे हैं और लोगों को भ्रम में डालने का असफल प्रयास कर रहे हैं. इसी प्रक्रिया में रविवार को त्रिपुरा के उदयपुर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि ‘विपक्षी दल उन्हें सत्ता से हटाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं, भले ही उन्हें इसके लिए पाकिस्तान के गीत ही क्यों न गाना पड़े.’ इसमें सबसे मजेदार बात यह है कि खुद नरेन्द्र मोदी बिना बुलाये पाकिस्तान जाते हैं, बिरयानी खाते हैं और उसके आईएसआई जैसी खुफिया ऐजेंसियों को सूचना मुहैय्या कराते हैं. उसके पार्टी के कार्यकर्ता उसके एजेंट बनकर सेना की गुप्त जानकारियां मुहैय्या कराते हैं. पठानकोट आतंकी हमले की जांच उसी आईएसआई से कराकर अपनी पीठ थपथपाते हैं. बेहद ही निर्लज्ज चेहरा है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का.
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के दौरान हुए शारदा घोटाले आदि का जिक्र करते हुए नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि ‘यह चौकीदार लूटे गये एक-एक पैसे का हिसाब मांगेगा.’ जबकि उस घोटाले तमाम अभियुक्त भाजपा में शामिल हो चुके हैं और पवित्र बन गये है. उसी तरह देश के 12 लाख करोड़ रूपये लेकर भगाने वाले उद्योपतियों के साथ मोदी और भाजपा के बेहद प्रागाढ़ रिश्ते जगजाहिर हैं. काले धन को देश से वापस लाने के नाम पर देश से लाखों करोड़ रूपये विदेश में सुरक्षित पहुंचा आने वाले मोदी आखिर किस मूंह से ‘एक-एक पैसे का हिसाब मांगेगा’ ?
मोदी सरकार के 5 साल के शासन काल में जब देश की तमाम संस्थायें भाजपा का दलाल बन चुकी है, और अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ जमकर देश की तमाम संवैधानिक संस्थानों को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर ही है. इसके बावजूद जब आम जनता नरेन्द्र मोदी से सवाल करना बंद नहीं कर रही है तब वह देश के अंदर पाकिस्तान का हौब्बा बनाकर खड़ा करना चाह रही है. यह अनायास नहीं है कि पाकिस्तान के इमरान खान सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया है कि ‘भारत 16 से 20 अप्रैल के बीच देश (पाकिस्तान) पर एक और हमला करने की योजना बना रही है. और इस कार्रवाई को जायज करार देने के लिए किसी तरह का हादसा कराया जा सकता है.’
पाकिस्तान का यह अंदेशा अनायास नहीं है. भाजपा खुद पुलवामा हमले में 44 सिपाहियों की हत्या करा कर देश में राष्ट्रवादी माहौल पैदाकर आसन्न चुनाव को टालने का भरसक प्रयास किया था. परन्तु पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सधे कदम ने एक ओर जहां राष्ट्रवाद के गुब्बारे का हवा निकाल दिया वहीं दुनिया भर में मोदी की किरकिरी हुई. तब उसने अंतरिक्ष में अपने ही सैटेलाईट को मिसायल से नष्ट कर अंतरिक्ष में और ज्यादा मलबा पैदा कर अन्तराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को ही खतरे में डाल दिया, जिसके कारण भी मोदी सरकार की दुनिया भर में किरकिरी हुई. जिस कारण मोदी के तमाम दाव एक के बाद विफल होते जा रहे हैं और देश में मोदी के जनविरोधी नीतियों का विरोध थम नहीं रहा है. तब देश में एक बार फिर राष्ट्रवादी माहौल पैदा करने के लिए पुलवामा जैसे हमले की आड़ में पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.
नरेन्द्र मोदी के 5 साल के शासन काल की अवधि में भारत की विदेश नीति का आलम यह है कि बेटी-रोटी के संबंध जैसे भारत के प्रबल समर्थक नेपाल जैसे हिन्दु राष्ट्र भी मोदी की नीतियों से बिक्षुब्ध हो गया है. परिणामतः वह अब चीन की ओर झुक रहा है और चीन अपने देश से नेपाल तक हिमालय में सुरंग बनाकर रेल लाईनों का विकास कर रहा है, जो भारत विरोध का नया अध्याय लिखेगी, जो नरेन्द्र मोदी के नेपाल विरोधी नीतियों का ही परिणाम है.
नरेन्द्र मोदी के 5 साल का शासनकाल भारत को दुनिया भर में बदनाम करने और देश को अवैज्ञानिक माहौल में ढकेलने का नया अध्याय लिखने के लिए सदा याद किया जायेगा. इसी के साथ अगर नरेन्द्र मोदी की सरकार अगर एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब होती है तब बतौर भाजपा नेता देश में फिर कभी चुनाव नहीं होगा और देश की भाजपा सत्ता सीधे तौर आम लोगों को लूटने और कुचलने के लिए उन सारे कुकर्मों को अंजाम देगी, जो मुनस्मृति में दर्ज है.
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