जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने एल0 जी0 नजीब जंग को दिल्ली की चुनी हुई सरकार के ऊपर सर्वोच्च शासक का दर्जा दिया तब उत्साह से लबरेज एल0 जी0 नजीब जंग ने 30 अगस्त, 2016 ई0 को आनन-फानन में वी0 के0 शुंगलु को बुला कर तीन सदस्यीय कमिटी का गठन कर आम आदमी पार्टी के द्वारा किये गये कामों की फायल पर जांच बैठा दिया. वी0 के0 शंुगलु तीन महीने तक खूब नाक रगड़ने के बाद 101 पन्नों की एक रिपोर्ट 27 नवम्बर, 2016 ई0 को एल0 जी0 को सौंप दिया परन्तु, इस रिपोर्ट को अगले चार महीने तक सार्वजनिक नहीं किया और शुभ-मुहूर्त का इंतजार करती रही और यह शुभ-मुहूर्त आया करीब चार महीने बाद होने वाली एम0सी0डी0 चुनाव के पूर्व संध्या पर.
शुंगलु कमिटी ने अपने 101 पन्नों की रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं ला पायी. शुंगलु कमिटी के इस 101 पन्नों के रिपोर्ट को एक लाईन में समेटा जा सकता था और वह यह था कि ‘‘आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार ने अपने निर्णय की फाईल एल0 जी0 को नहीं भेजा.’’
सर्वविदित है कि आम आदमी पार्टी की सरकार इस मान्यता के साथ सरकार चला रही थी कि संविधान मंे चुनी हुई सरकार को अपने दायरे में रहकर निर्णय लेने की स्वतंत्रता है. इसी कारण उसने भ्रष्ट एल0 जी0 नजीब जंग जो भ्रष्ट भारतीय जनता पार्टी की मदद में पूरी ताकत से जुटी हुई थी और आम आदमी पार्टी के किसी भी निर्णय में केवल टांग अड़ाने के सिवा और कुछ नहीं करती थी, को अपने निर्णय की फायल नहीं दी. अब जब दिल्ली में एम0सी0डी0 का चुनाव सामने है, एल0जी0 ने शंुगलु कमिटी की चार माह पुरानी जांच रिपोर्ट के फिजूल रिपोर्ट को सार्वजनिक की है, तो मकसद बिल्कुल साफ दिखता है और वह है आम आदमी पार्टी पर कीचड़ उछालना जो दिल्ली के आम आदमी पार्टी की सरकार को बदनाम करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है. केन्द्र की पूरी सरकार, सी0बी0आई0, आई0बी0, ए0सी0बी0, दिल्ली पुलिस के महकमा समेत जब हाथ धो कर आम आदमी पार्टी के सरकार के पीछे पड़ी हुई है तब भी किसी प्रकार की गिरफ्तारी का नहीं होना, कोई एफ0आई0आर0 का नहीं होना दर्शाता है कि शुंगलू कमिटी की पूरी रिपोर्ट न केवल फर्जी है बल्कि ओछी मानसिकता का परिचायक भी है.
कौन है वी0 के0 शुंगलु ?
भूतपूर्व आई0एस0एस0 वी0 के0 शंुगलु भारतीय जनता पार्टी के अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में ‘‘कैग’’ सदस्य के तौर पर कार्यरत् रहे. वर्तमान में ये स्वघोषित तौर पर दिल्ली पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष बने हुए हैं क्योंकि इनके कार्यकाल के दौरान इन पर अनेक वित्तीय घोटाले का आरोप दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाईटी ने लगाये हैं और इन्हें बर्खास्त कर दिल्ली सरकार से जांच की मांग कर दी है, फिर भी शुंगलु खुद को दिल्ली पब्लिक स्कूल का अध्यक्ष बताते हैं. जनवरी 2017 में दिल्ली सरकार ने इनके खिलाफ लगे वित्तीय घोटाले की जांच को अपनी मंजूरी भी दे दी है. वी0 के0 शुंगलु एक सरकारी जांच आयोग से मोटी तनख्वाह, रिटायमेंट पेंशन लेने के साथ-साथ ए0एस0ई0आर0सी0 प्राईवेट लि0 कम्पनी और दिल्ली सेफ डिपोजिट नामक कम्पनी के अध्यक्ष भी हैं. इतने सारे लाभ के पदों पर विराजमान रहने के वावजूद उसे ही बार-बार जांच आयोग की अध्यक्षता क्यों सौंपी जाती है ? यह खुद ही जांच का विषय है.
एम0सी0डी0 चुनाव पर शुंगलु कमिटी का प्रभाव
दिल्ली में होने वाले एम0सी0डी0 चुनाव के पूर्व संध्या पर सार्वजनिक शुंगलु कमिटी की रिपोर्ट महज मसखरों के हंगामें से ज्यादा और कुछ नहीं है. दिल्ली सहित देश भर की आम जनता इस बात से वाकिफ है कि केन्द्र की भाजपा सरकार के द्वारा उछाले जा रहे कीचड़ से अलावा इसका और कोई अस्तित्व नहीं है. एम0सी0डी0 में भारतीय जनता पार्टी के दौर में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोर अराजकता से दिल्ली की आम जनता उब चुकी है और अब इनसे निजात पाना चाहती है. आम जनता इनके किसी भी भड़कावे में नहीं आने वाली है. हां भारतीय जनता पार्टी का अब एक मात्र सहारा ई0वी0एम0 के जरिये वोटों के उलट-पुलट का बचा रह जाता है, पर दिल्ली की जागरूक जनता इसका भी मुंहतोड़ जबाव देगी.
cours de theatre
September 30, 2017 at 3:54 pm
Major thankies for the post.Much thanks again. Really Cool.