Home गेस्ट ब्लॉग भारत में हिन्दु राष्ट्र की धोखाधड़ी

भारत में हिन्दु राष्ट्र की धोखाधड़ी

15 second read
0
0
627

भारत में हिन्दु राष्ट्र की धोखाधड़ी

आज बजरंग दल, शिवसेना, विश्व हिन्दु परिषद में ओबीसी, दलित और आदिवासी बड़ी तादात में मिलेंगे. संघ द्वारा एक तरफ तो इन ओबीसी, दलित, आदिवासियों का इस्तेमाल मुसलमानों और इसाइयों पर हमलों में किया गया. दूसरी तरफ इससे भाजपा को सत्ता में आने में इन वर्गों ने महत्वपूर्ण भूमिका निबाही क्योंकि संघ के मालिकान सवर्ण भारत की आबादी में अल्पसंख्यक हैं लेकिन अपनी चालाकी से यह सवर्ण अमीर कम संख्या में होते हुए भी हिन्दु राष्ट्र का धोखा खड़ा कर के सत्ता पर काबिज़ है.

एक युवक से फोन पर बातचीत हुई. वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे. बहुत लम्बी बातचीत में उनकी कई शंकाओं का समाधान हुआ. मैंने उन्हें संघ के सांस्कृतिक पुनरूत्थान के षडयंत्र के बारे में समझाया. संघ कहता है कि हमें भारत का स्वर्ण युग वापिस लाना है लेकिन भारत मैं कोई स्वर्ण युग था ही नहीं.

भारत के अतीत में दास प्रथा है.
भारत के अतीत में जात पात है.
भारत के अतीत में औरतों की गुलामों जैसी हालत है.

भारत के अतीत की झलक देखनी है तो आज के भारत से पीछे को देखना शुरू कीजिये.




संघ अतीत की महानता की काल्पनिक कहानियां आपकी दिमागों में भरता है. अतीत के गौरवशाली वीर देवता जिन राक्षसों को मार रहे थे, वे भारत के दलित और आदिवासी थे. ऋषि-मुनि राजाओं के चापलूस पुरोहित थे. राजा असल में व्यापारियों, महाजनों और भूमिवानों की रक्षा करता था. मेहनत करने वाले नीच जात घोषित कर दिये गये. किसान, कारीगर, मज़दूर नीच जात और गरीब बना दिये गये थे. सारी सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक ताकत राजा, सैन्य अधिकारी, महाजन, भूमिवान और पुरोहितों के पास आ गयी थी.

आज़ादी के बाद सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक समानता लाना तय हुआ था लेकिन आज़ादी की लड़ाई से घबरा कर पुराने शासक वर्ग में घबराहट थी.  उसी पुराने शासक वर्ग ने अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिये संघ का गठन किया. ध्यान दीजिये संघ में सवर्ण, धनी लोगों का वर्चस्व है.

संघ के लोग आज़ादी की लड़ाई में भगत सिंह, अम्बेडकर, नेहरू और गांधी का विरोध करते रहे. संघ के लोग हमेशा अंग्रेजों की चापलूसी करते रहे और बराबरी की बात करते वालों पर हमले करते रहे. आज़ादी मिलते ही संघ ने गांधी की हत्या कर दी. अम्बेडकर पर राजनैतिक प्रहार किये. संघ ने समानता की घोषणा करने वाले संविधान को कभी स्वीकार नहीं किया.




संघ में शामिल बड़ी जातियों के अमीर, सवर्ण, भूमिपति गिरोह ने मिलकर भारत की राजनीति की दिशा को भटका दिया. इन्होंने कहा भारत की समस्या सामाजिक राजनैतिक या आर्थिक गैर बराबरी नहीं है बल्कि भारत की समस्या मुसलमान, ईसाई और साम्यवादी है और इसका हल यह है कि भारत में हम हिन्दु गौरव की स्थापना करें और भारत को हिन्दु राष्ट्र बनायें.

हिन्दु राष्ट्र बनाने की मुहिम को भड़काने के लिये आज़ादी मिलते ही बाबरी मस्जिद में राम की मूर्ति रखी गई. मन्दिर निर्माण को हिन्दु गौरव की पुर्नस्थापना का प्रतीक बना दिया गया. संघ द्वारा हिन्दु राष्ट्र बनाने की मुहिम में ओबीसी, दलित और आदिवासियों को एक रणनीति के तहत जोड़ा गया.




आज बजरंग दल, शिवसेना, विश्व हिन्दु परिषद में ओबीसी, दलित और आदिवासी बड़ी तादात में मिलेंगे. संघ द्वारा एक तरफ तो इन ओबीसी, दलित, आदिवासियों का इस्तेमाल मुसलमानों और इसाइयों पर हमलों में किया गया. दूसरी तरफ इससे भाजपा को सत्ता में आने में इन वर्गों ने महत्वपूर्ण भूमिका निबाही क्योंकि संघ के मालिकान सवर्ण भारत की आबादी में अल्पसंख्यक हैं लेकिन अपनी चालाकी से यह सवर्ण अमीर कम संख्या में होते हुए भी हिन्दु राष्ट्र का धोखा खड़ा कर के सत्ता पर काबिज़ है.

संघ के झ्स हिन्दुत्व के धोखे से सबसे बड़ा नुकसान भारतीय समाज को यह हुआ कि भारत के दलित, ओबीसी और आदिवासी बराबरी के लिये संघर्ष करने की बजाय संघ की वानर सेना बन कर रह गये इसलिये संघ का स्वर्ण युग की वापसी का नारा दरअसल सवर्ण अमीरों का वर्चस्व बनाये रखने का षडयंत्र है. हम इसलिये संघ का विरोध करते हैं.

  • हिमांशु कुमार





Read Also –

1857 के विद्रोह को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम कहने का क्या अर्थ है ?
मनुस्मृति : मनुवादी व्यवस्था यानी गुलामी का घृणित संविधान (धर्मग्रंथ)
भारत का गौरवशाली इतिहास !?
माया से बाहर निकलो और धर्म के लिए वोट करो क्योंकि हिन्दुराज में हिंदुत्व ही खतरे में है … !
भीमा कोरेगांवः ब्राह्मणीय हिन्दुत्व मराठा जातिवादी भेदभाव व उत्पीड़न के प्रतिरोध का प्रतीक
रामराज्य : गुलामी और दासता का पर्याय




प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी…