Home गेस्ट ब्लॉग ease of doing business रैंकिंग और हम

ease of doing business रैंकिंग और हम

29 second read
0
0
566

ease of doing business रैंकिंग और हम

मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि सामने आई है दुनिया के पैमाने पर. भारत में बिजनेस करने में आसानी के मामले में आज भारत का स्थान तेजी से 2014 के मनमोहन सिंह के समय के 142 स्थान से उछल कर 77 वें पायदान पर पहुंंच चुकी है. इससे बड़ी उपलब्धि कुछ और हो भी नहीं सकती. पूरे देश में इस उपलब्धि के बड़े-बड़े पोस्टर पटेल की प्रतिमा को भी अगले कुछ हफ़्तों में ढंक लेंगे.




लेकिन ठहरिये मित्र ! आप इतना खुश क्यों हो रहे हैं ?

क्या आप अम्बानी खानदान से हैं ? वे तो एशिया के भी बादशाह हो चुके हैं, जैक मा को पीछे छोड़कर.

क्या आप का काम धंधा पहले से बेहतर हुआ है ?

अगर नहीं हुआ है तो यह ease of doing business में रैंकिंग भी आपकी नहीं हुई है.

आज अदम गोंडवी के “100 में 70 आदमी फिलहाले दिले नाशाद है, दिल पर रखकर हाथ कहिये मुल्क क्या आजाद है ?” के बजाय 100 में 99 आदमी पहले से सिकुड़ चुका है.




जैसे कल पटेल जी की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति का उद्घाटन हुआ तो वहां के आस पास के 70 से अधिक गांंवों के लोगों के घर चूल्हा नहीं जला, ठीक वैसे ही जैसे जैसे विकास का बबुआ पैर पसारेगा, आपके नीचे की जमीन खिसकती जायेगी.

अभी तो अमेरिका में खुद व्यवसाय के साधन बढ़ रहे हैं, और इतना सब करने के बावजूद देश में विदेशी निवेशकों का पैसा आने के बजाय भाग रहा है. लेकिन जैसे ही माहौल फिर से ज्यादा लूट सकने का बनेगा, इस रैंकिंग का फायदा मिलेगा.




Ease Of Doing Business का मतलब है आइये, आपके लिए इस देश में जमीन खाली करा दी गई है, आपके साथ राफेल टाइप सौदा समझौता करने के लिए देशी दलाल मौजूद रहेगा, सरकार आपके साथ और उसके साथ मुस्तैदी से डटी रहेगी, इस देश के मजदूरों के ट्रेड यूनियन और उनके रेगुलर होने की समस्या से हम निपट चुके हैं, कोई चूं नहीं करेगा, पूरी दुनिया से सस्ता लेबर हम देंगे, जब चाहो निकाल देना, साथ में आपके माल के लिए बाजार हमारे से बड़ा ३०-४० देश मिलकर भी नहीं दे सकते, आप जो कमाएंगे उसे अपने देश या चाहें तो पनामा पैराडाइज़, स्विस मारीशश कहीं भी ले जाएंं. बीमा और बैंकिंग सेक्टर में आइये. बीमा करिये और अपनी शर्तें बाद में बताएं. यह देश विकास के लिए अपनी जान दे देगा, पर चूं नहीं करेगा.




वैसे भी ग्लोबल वार्मिंग के चलते आपके यूरोप और अमेरिका में फैक्ट्री से निकला धुआं और प्रदूषण आपके स्वास्थ्य को कितनी हानि पहुंचा रहा है.आइये, हमारे देश में. फ़ालतू में 60-70 करोड़ ज्यादा आबादी है, इसे मारने में सहयोग करें.  (ये भाषा नहीं होती,लेकिन इंटेंशन यही हैं).

आज देश के 1% के पास कुल सम्पदा का 70 फीसद पर कब्ज़ा हो चुका था 2017 तक. 2022 तक शायद यह 90 % हो जाय. फिर इस देश के मध्य वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीब की खाई पूरी तरह से पट जाए और देश में कुछ बदलाव असली वाला हो.

तब तक हम सब इस भिकास के स्वागत में आइये, दिल्ली की सड़कों पर PM 2.5 का लुत्फ़ लें.

– रविन्द्र पटवाल




Read Also –

भारत में सरकारी तंत्र और आम आदमी
अरुंधति भट्टाचार्य का अंबानी के यहां नौकरी, यह खुलेआम भ्रष्टाचार है
CMIE रिपोर्ट : नौकरी छीनने में नम्बर 1 बने मोदी
देश को सबसे ज्यादा कर्ज में डुबाने वाले पहले प्रधानमंत्री बने मोदी
पूरी तरह फर्जी है मोदी सरकार




प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]




[ लगातार आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रतिभा एक डायरी को जन-सहयोग की आवश्यकता है. अपने शुभचिंतकों से अनुरोध है कि वे यथासंभव आर्थिक सहयोग हेतु कदम बढ़ायें. ]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

ठगों का देश भारत : ठग अडानी के खिलाफ अमेरिकी कोर्ट सख्त, दुनिया भर में भारत की किरकिरी

भारत में विकास के साथ गटर होना बहुत जरूरी है. आपको अपने पैदा किए कचरे की सड़ांध बराबर आनी …