Home गेस्ट ब्लॉग ब्राह्मणवाद को इस देश से समाप्त कर डालो !

ब्राह्मणवाद को इस देश से समाप्त कर डालो !

6 second read
0
0
4,430

[असमानता, अंधविश्वास, क्रूरता, अमानवीय शोषण को अगर एक शब्द में समेटा जाये, तो वह एक शब्द होगा – हिन्दू-धर्मशास्त्र. हिन्दुओं के द्वारा रचित तमाम धर्मशास्त्र शोषण और अमानवीयता की एक से बढकर एक मिसाल पेश करती है. यहां प्रस्तुत है हिन्दुओं के विभिन्न धर्मशास्त्रों (मनुस्मृति सहित) में मनुष्यों के ही खिलाफ बनाए क्रूर नियमों की एक झलक ]

ब्राह्मणवाद को इस देश से समाप्त कर डालो !

जिस धर्म के धर्मशास्त्र  में ऐसी बातें लिखी है, क्या वह धर्म धर्माचरण करने लायक है. जब लोग पढ़े लिखे नहीं थे तो हमारी मजबूरी थी लेकिन आज शिक्षित समाज को ऐसे धर्म के धर्माचरण क्यों करना चाहिए ?

1. यह जो ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्य व शूद्र का जो विभाजन है, वह मेरा द्वारा ही रचा गया है.
– गीता 4-13

2. मेरी शरण में आकर स्त्री, वैश्य, शूद्र भी जिन कि उत्पत्ति पाप योनि से हुई है, परमगति को प्राप्त हो जाते है.
– भगवत गीता 9-32

3. शूद्र का प्रमुख कार्य तीनों वर्णो की सेवा करना है.
– महाभारत 4/50/6

4. शूद्र को सन्चित धन से स्वामी कि रक्षा करनी चाहिये.
– महाभारत 12/60/36

5. शूद्र तपस्या करे तो राज्य निर्धनता में डूब जायेगा.
– वाo .रामायण 7/30/74

6. ढोल .गवार .शूद्र पशु नारी |
सकल ताड़ना के अधिकारी ||
– रामचरित मानस 59/5

7. पूजिये विप्र सील गुन हीना, शूद्र न गुण गन ग्यान प्रविना.
– रामचरितमानस 63-1

8. वह शूद्र जो ब्राह्मण के चरणों  का धोवन पीता है, राजा उससे कर TAX न ले.
– आपस्तंबधर्म सूत्र 1/2/5/16

9. जिस गाय का दूध अग्निहोत्र के काम आवे, शूद्र उसे न छुये.
– कथक सन्हिता 3/1/2

10. शूद्र केवल दूसरो का सेवक है, इसके अतिरिक्त उसका कोई अधिकार नही है.
– एतरेय ब्राह्मण 2/29/4

11. यदि कोइ ब्राह्मण शूद्र को शिक्षा दे तो उस ब्राह्मण को चान्डाल की भाँति त्याग देना चाहिये.
– स्कंद पुरान 10/19

12. यदि कोइ शूद्र वेद सुन ले तो पिघला हुआ शीशा, लाख उसके कान में डाल देना चाहिये. यदि वह वेद का उच्चारण करे तो जीभ कटवा देना चाहिये. वेद स्मरण करे तो मरवा देना चाहिये.
– गौतम धर्म शूत्र 12/6

13. देव यज्ञ व श्राद्ध में शूद्र को बुलाने का दंड 100 पर्ण.
– विष्णु स्मृति 5/115

14. ब्राह्मण कान तक उठा कर प्रणाम करे, क्षत्रिय वक्षस्थल तक, वैश्य कमर तक व शूद्र हाथ जोड़कर एवं झुक कर प्रणाम करे.
– आपस्तंब धर्म शूत्र 1,2,5,/16

15. ब्राह्मण की उत्पत्ति देवता से, शूद्रो की उत्पत्ति राक्षस से हुई है.
– तेत्रिय ब्राम्हण 1/2/6/7

17. यदि शूद्र जप, तप, होम करे तो राजा द्वारा दंडनिय है.
– गौतम धर्म सूत्र 12/4/9

17. यज्ञ करते समय शूद्र से बात नहीं करना चाहिये.
– शतपत ब्राम्हाण 3;1/10

18. जो शूद्र अपने प्राण, धन तथा अपनी स्त्री को, ब्राह्मण के लिए अर्पित कर दे , उस शूद्र का भोजन ग्राह्य है.
– विष्णु पुराण 5/11

19. महाभारत कहती है – शूद्र राजा नहीं बन सकता.

20. गीता कहती है – शूद्र को ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों की गुलामी करनी चाहिए.

21. रामायण कहती है – शूद्र को ज्ञान प्राप्त करने पर मृत्युदंड मिलना चाहिए.

22. वेद कहते है कि – शूद्र ब्रह्मा के पैरों से पैदा हुआ है इसलिये वो नीच है.

23. मनुस्मृति के अनुसार – शूद्र का कमाया धन ब्राह्मण को बलात् छीन लेना चाहिए.

24. वेद कहते है – शूद्र का स्थान ऊपर के तीनों वर्णों के चरणों में है. तीनों वर्णों की सेवा करना ही उसका धर्म है.

25. पुराण कहते हैं – शूद्र केवल गुलामी के लिए जन्म लेते हैं.

26. रामचरित मानस कहती है – शूद्र को पीटना धर्म है.

फिर भी एक सहनशील “शूद्र” अब भी इन हिंसक धर्म ग्रंथो और इन देवी देवताओं को सीने से लगाए फिरता है.

गुलामी की बेड़ियॉ तोड़ डालो !
ब्राह्मणवाद को इस देश से समाप्त कर डालो !!

Read Also –

रामराज्य : गुलामी और दासता का पर्याय
आरक्षण पर मिश्रा जी (पंडित) और यादव जी (अहिर) की परिचर्चा
वरवर राव की गिरफ्तारी में दिखा हिंसक पुलिस का विद्रुप ब्राह्मणवादी चेहरा
भीमा कोरेगांवः ब्राह्मणीय हिन्दुत्व मराठा जातिवादी भेदभाव व उत्पीड़न के प्रतिरोध का प्रतीक 

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

[ प्रतिभा एक डायरी ब्लॉग वेबसाईट है, जो अन्तराष्ट्रीय और स्थानीय दोनों ही स्तरों पर घट रही विभिन्न राजनैतिक घटनाओं पर अपना स्टैंड लेती है. प्रतिभा एक डायरी यह मानती है कि किसी भी घटित राजनैतिक घटनाओं का स्वरूप अन्तराष्ट्रीय होता है, और उसे समझने के लिए अन्तराष्ट्रीय स्तर पर देखना जरूरी है. प्रतिभा एक डायरी किसी भी रूप में निष्पक्ष साईट नहीं है. हम हमेशा ही देश की बहुतायत दुःखी, उत्पीड़ित, दलित, आदिवासियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के पक्ष में आवाज बुलंद करते हैं और उनकी पक्षधारिता की खुली घोषणा करते हैं. ]

  • भारत में शुद्र असल में दास है ?

    विकीपीडिया लिखता है कि मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है, उनमें सबसे भयाव…
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी…