[ “लोग पूछते हैं कि मोदी ने देश को क्या दिया, तो मोदी ने देश को मां बहन की गाली देने वाली संस्कृति दी है. बेरोजगार युवाओं को लिंचिंग करने वाला हत्यारा बना दिया.” रविश कुमार की यह तीखी टिपणी देश के प्रधानमंत्री मोदी पर सटीक है. परन्तु बात अब इससे भी आगे की है चुकी है और वह है आर्थिक अपराध कर देश से ससम्मान भाग जाना और विदेशों मेें जाकर बस जाना. गिरीश मालवीय की मोदी के गुजरात मॉडल की पोल खोलती यह रिपोर्ट ]
मोदी के मशहूर गुजरात मॉडल की हकीकत सामने आने लगी है. 2014 में जिसे सोना समझा गया था चार साल में उसकी कलई उतर गई है और अब अंदर का पीतल नजर आने लगा है.
गुजरात मॉडल यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से गुजराती उद्योगपतियों को पहले अनाप-शनाप कर्जे दिलवाओ ओर जब कर्ज चुकाने की बारी आये तो चुपचाप उन्हें विदेश रवाना कर दो.
पहले जतिन मेहता, फिर नीरव मोदी, निशल मोदी और मेहुल चोकसी ओर अब नितिन संदेसरा … यह है गुजरात मॉडल के जीते जागते सुबूत.
नितिन और उसके भाई चेतन जयंतीलाल संदेसरा वडोदरा की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के डायरेक्टर हैं. कंपनी ने बैंकों से 5,383 करोड़ रुपए का लोन लिया. बाद में यह कर्ज एनपीए में बदल गया. यह मामला 2017 का है जब सीबीआई ने अक्टूबर 2017 में संदेसरा के खिलाफ मामला दर्ज किया, तभी यह बात सामने आयी कि इस कंपनी पर 300 से ज्यादा बेनामी कंपनियों के जरिए हेर-फेर की है. मामला दर्ज होने से पहले ही संदेसरा परिवार को फरार करवा दिया गया था.
आंध्रा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्शियम से स्टर्लिंग बायोटेक को लोन दिलवाया गया और बाद में यह कर्ज एनपीए में बदल गया.
आज यह मामला क्योंं चर्चा में आया यह जानना भी बहुत दिलचस्प है. इसी से आप समझ पाएंगे कि मोदी सरकार किस तरह से ऐसे भगोड़े गुजराती उद्योगपतियों की मदद करती है.
एक माह पहले ही खबरें आयी कि देश के आर्थिक अपराधी गुजरात बेस्ड कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन संदेसारा दुबई में हिरासत में लिया गया हैं.
संदेसरा को यूएई में किसी स्थानीय मामले में हिरासत में लिया गया था. अब UAE से हमारी प्रत्यर्पण सन्धि भी है और सरकारी एजेंसियों को यह जानकारी शुरू से थी कि यह आरोपी दुबई में मौजूद है.
भारतीय जांच एजेंसियां पिछले डेढ़ सालो में यह ऑफिशियल लेटर नही दे पायी कि अगर उन्हें नितिन संदेसारा दुबई में दिखाई दे तो वह उसे हिरासत में ले और जब उन्हें यह जानकारी मिली कि उसे पिछले महीने दुबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है तब भी वह आंंखों मे पट्टी बांध कर सोती रही. और अब वह व्यक्ति वहांं से नाइजीरिया निकल गया है तो लकीर पीटने की रस्म निभाई जा रही हैं.
लेकिन अभी भी इन भगोड़े गुजरातियों की लिस्ट पूरी नही हुई है. अभी भी हीतेश नरेंद्रभाई पटेल, मयूरीबेन पटेल, आशीष सुरेशभाई, पुष्पेश बैद, आशीष जोबानपुत्र, प्रीति आशीष जोबानपुत्र, उमेश पारेख, कमलेश पारेख, नीलेश पारेख, जैसे उद्योगपति अभी बाकि है.
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