रुपया, डॉलर के मुकाबले निम्नतम गिरावट पर पहुंच एक के मुकाबले 69 हुआ.
मनमोहन के काल मेंं डॉलर 60, 61, 62, 63, 65, 67, 68 आदि होता था. इससे रुपया हमेशा डॉलर के सामने भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान को गिराता रहता था.
अब मोदी जी के प्रताप से डॉलर के मुकाबले रुपया 69 की पोजीशन में आ गया है. ‘वात्सायन’ के ‘कामसूत्र’ को पढ़ने वाले 69 पोजीशन को पुनर्स्मरण करें, याद करें, ज़रा-सा VISUALISE करें.
किसी भारतीय मंदिर की दीवार पर खोज लें. खजुराहो से लेकर कोणार्क तक आम हैं ऐसी पोजीशन वाली मूर्तियां. जो लोग कामसूत्र पढ़ व देख नहीं सकते, वे अमरीकी XXX मूवी के किसी दृश्य को याद कर लें. परम भक्त डॉलर और रुपये के इस 69 वाले आंकड़ें की व्याख्या इसी परिप्रेक्ष्य में कर रहे हैं.
कांग्रेस के शासन काल में पहले डॉलर एकतरफा अपमान जनक तरीके से रुपये में स्खलित होता था. मोदी जी ने अपनी नीतियों से बराबर और समानता के व्यवहार की व्यवस्था की है. अब अगर डॉलर रुपये के जिस अंग में स्खलित होगा, अपना स्वदेशी रुपैय्या भी डॉलर के उसी अंग में स्खलित होकर बदला लेगा. ये भक्त छाप डॉलर रुपया 69 आंकड़े संबंधी सिद्धान्त है.
इसे कहते हैं अमरीका से लाल आंखों से बात करना. अब सुषमा राजघाट पर नृत्य प्रदर्शन फिर से कर सकती हैं.
भक्तों की डॉलर और रुपये के रिश्ते की ऐसी व्याख्या सुन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडॅम स्मिथ फिर से अपनी क़ब्र में हार्ट अटैक से जूझ रहे हैं.
– तनवीर अल हसन फरीदी
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