साफ हवा की मांग कर रही 17 साल की स्नोलिन को तमिलनाडु पुलिस ने बर्बरता से मार डाला. 17 साल की स्नोलिन ने अभी 12वीं पास की थी. वकील बनना उसकी आकांक्षा थी क्योंकि स्टरलाइट (वेदांता) के फैलाये प्रदूषण की वजह से उसने दोस्तों-पड़ोसियों को कैंसर से मरते देखा था और वह उसके खिलाफ अपने समुदाय के लिए संघर्ष करना चाहती थी. वह इस आंदोलन में सक्रिय थी और 22 मई को अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ विरोध प्रदर्शन में गई थी.
तमिलनाडु का मुख्यमंत्री कहता है कि ‘पुलिस को उससे इतना खतरा था कि उन्हें अपने बचाव के लिए उसके मुंंह में पिस्तौल घुसाकर गोली मारनी पड़ी.’
उसकी चाची जया बताती हैं, ‘हम वहांं सबके लिए लड़ने गए थे, पर उन्होंने हमारी बेटी को मार डाला. वह सिर्फ 17 साल कि थी. हम वहांं इंसाफ मांगने गए थे, गड़बड़ी फैलाने नहीं. यहांं लोग कैंसर से मर रहे हैं, अगर हम खुद अपने लिए नहीं लड़ेंगे तो कौन लड़ेगा ?’
उसके पड़ोसी ब्रूटस ने बताया, ‘ये हमारे जीवन और जीविका का संघर्ष है. हम भोजन और जल बगैर कैसे जिंदा रहें ? यहांं हर कोई किसी किस्म के कैंसर से ही मरता है. वह सिर्फ मूल जरूरतों की मांग कर रही थी. वह अपने समाज और माता-पिता की मदद करना चाहती थी. अब उसके सपने बिखरकर एक डब्बे में बंद हो गए हैं. हम उसे हमेशा के लिए खो चुके हैं. अब हम चाहते हैं कि स्टरलाइट भी हमेशा के लिए बंद हो जाए.’
– मुकेश असीम के ब्लॉग से
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