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सीरियाई राष्ट्रपति फरार, अमरीकी प्रॉक्सी गुट HTS ने की फतह की घोषणा

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सारांश : सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के बारे में एक दिलचस्प खबर है. हाल ही में, सीरिया में एक चुनाव हुआ था, जिसमें असद की पार्टी ने जीत हासिल की थी. लेकिन अब यह खबर आ रही है कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद गायब हो गए हैं और अमेरिकी प्रॉक्सी समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने जीत की घोषणा की है. यह खबर बहुत ही आश्चर्यजनक है, क्योंकि सीरिया में राजनीतिक स्थिति बहुत ही जटिल है. HTS एक जिहादी समूह है जो सीरिया में सक्रिय है और इसके संबंध अमेरिका से होने की खबरें हैं. यह घटना सीरिया में राजनीतिक स्थिति को और अधिक जटिल बना सकती है. हमें आगे की घटनाओं का इंतजार करना होगा और देखना होगा कि यह स्थिति कैसे विकसित होती है.
सीरियाई राष्ट्रपति फरार, अमरीकी प्रॉक्सी गुट HTS ने की फतह की घोषणा
सीरियाई राष्ट्रपति फरार, अमरीकी प्रॉक्सी गुट HTS ने की फतह की घोषणा

शिया सुन्नी के नाम पर बर्बरता व कत्लोगारत मचाने वाले अमन के दुश्मनों के लिए हमास का ग़जा प्रतिरोध कभी मुद्दा नहीं था. इन्हें अमरीका व नाटो मुल्कों की जूठन व झूठी तसल्लियों की सस्ती रेवड़ियां ही पसंद हैं. सीरिया में लगभग कब्जा कर चुका अमरीकी प्राक्सी गुड HTS (हयात तहरीर अल-शाम) यूं तो अपने को किसी देश का पिट्ठू गुट नहीं मानता है लेकिन हथियारों की सप्लाई कहां से आ रही है इस पर वो कोई सटीक जबाब नहीं दे पाते हैं.

जबसे रूस ने यूक्रेन के नीप्रो शहर में ओरेशनिक मिसाइल दागकर अमरीका की बची खुची सुपरपावर होने की इज्जत की चिंदियां उड़ा रखी हैं, तभी से जलाभुना अमरीका रूस को किसी न किसी स्तर पर नीचा दिखाने की कोशिश में था. सीरिया में रूस का एक ताकतवर टार्टस सैन्य बेस है, जिससे रूस पश्चिमी देशों को टार्टस शहर से मिसाइल हमला करने की धमकी भी देते रहा है.

तुर्की जार्डन व ईराक से घिरा सीरिया फिलहाल अमरीका के लिये एक मुफीद जगह साबित हुआ. हालांकि रूसी हमलों में HTS के तकरीबन 4500 लड़ाकू ढेर कर दिए गए हैं, बावजूद रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि तुर्की, इजरायल व अमरीका की मदद से HTS ने सीरिया पर लगभग अपना कब्जा पूरा कर लिया है. अपुष्ट खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति असद राजधानी दमिश्क के एयरपोर्ट से अज्ञात जगह के लिए फरार बताए जा रहे हैं.

अमरीकी हथियार निर्माता कंपनियां, खुफिया एजेंसियों के बल पर बड़े हथियारों के लिए बड़े देशों में खूनी संकट खड़ा कर रही हैं और छोटे हथियारों की खपत के लिए दर्जनों प्राक्सी गुट बना लिए हैं. ईराक द्वारा अमरीका के सारे सैन्य बेस हटाने की मुहिम पहले से चल रही है, जिसमें अमरीका लगभग अपने सभी सैन्य बेस हटा भी चुका है. रूस यूक्रेन युद्ध ने दुनिया के हथियार निर्माता कंपनियों के लिए मनमाफिक मुनाफा लूटने का मंत्र दे दिया है.

हालांकि मीडिया का एक धड़ा कह रहा है कि रूस इस समय यूक्रेन युद्ध में उलझने की वजह से कमजोर हो चुका है इसलिए सीरिया में बैकफुट पर आ गया है, जबकि ऐसा कतई नहीं है. रूस हो या ईरान कोई भी मुल्क दूसरे मुल्क में सैन्य हस्तक्षेप एक सीमा तक ही करेगा. ऐसा नहीं है कि रूस व ईरान सीरिया में परमाणु हमले कर दें. युद्ध की पक्षधरता हितों पर आधारित होती है. यदि हित न हो तो पक्षधरता को मामूली बहाने से भी छुड़ाया जा सकता है.

सीरिया युद्ध खत्म होने के साथ दुनिया में युद्ध खत्म नहीं होने जा रहे हैं. दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लागू हो गया है, उत्तर कोरिया द्वारा हमले की आशंका जताई जा रही है. इजरायल-लेबनान सीज फायर की शर्तें रद्दी की टोकरी में डाल दी गई हैं. गजा में इजरायली हमले जारी हैं उधर यूक्रेन में रूसी हमले ताबड़तोड़ कहर मचाये हुए हैं. बीते कल शाम 7 बजे रूस ने यूक्रेन के 11 इलाकों में एक साथ 73 मिसाइलों से हमला किया, जिसमें कीव के समीप एक अस्थाई सैन्य कमांडर पोस्ट पर रूसी मिसाइल हमले से 259 यूक्रेनी सैनिकों के मारे जाने की खबर है. बाकी 10 मिसाइल हमलों में कितने यूक्रेनी सैनिक हताहत हुए हैं इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.

बहरहाल, सीरिया में भले ही अभी असद तख्ता पलट के साथ युद्ध खत्म हो जाये लेकिन सीरिया देश के साथ सीमा विवाद, सामाजिक ढांचा, शिया-सुन्नी फसाद सीरिया को एक शांत व संप्रभु राष्ट्र होने में अभी अनगिनत रोड़े अटकायेंगे. रूस को अगर सीरिया में स्थित अपने टार्टस सैन्य बेस हटाने से भारी नुकसान नजर आता है तो रूस पूरे सीरिया का यूक्रेन -2 बना देगा, इसमें जरा भी संदेह नहीं किया जाना चाहिए.

नोट : अनुमान है कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की विमान दुर्घटना में मौत हो गई है.

  • ए. के. ब्राइट

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ROHIT SHARMA

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