इन दिनों ब्लूमबर्ग, इंडिपेंडेंट और गार्जियन जैसे तथाकथित वैश्विक मुख्यधारा की मीडिया और उनकी झूठन परोसने वाला तथाकथित ‘प्रगतिशील’ इंडियन एक्सप्रेस यह दावा कर रहा है कि जनवादी कोरिया (जिसे ये उत्तर कोरिया जैसे गलत नाम से पुकारते हैं) ने बाढ़ की समस्याओं पर अनाम अधिकारियों को फांसी दे दी है या फांसी दे दी होगी.
इनकी खबरों में किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिया गया है और न ही यह बताया गया है कि उन्हें कैसे फांसी दी गई या उन्हें कहां फांसी दी गई या कथित फांसी किस तारीख को दी गई ?
सच तो यह है कि जनवादी कोरिया की मीडिया में किसी फांसी या मुकदमे की रिपोर्ट नहीं की गई है. जनवादी कोरिया के प्रमुख अखबार रोदोंग सिनमुन के ऑनलाइन अंग्रेजी संस्करण के 3, 4 और 5 सितम्बर की प्रमुख खबरों का स्क्रीन शॉट लगाया गया है. इसमें कहीं भी फांसी के ‘फ’ शब्द का जरा सा भी जिक्र नहीं है.
अनुमान लगाएं कि इस तथाकथित ‘जानकारी’ का स्रोत क्या है ? यह वास्तव में दक्षिण कोरियाई कठपुतली मीडिया में उद्धृत दक्षिण कोरियाई कठपुतली ‘नेशनल इंटेलिजेंस सर्विस’ है ! दूसरे शब्दों में, यह फर्जी समाचार, दुष्प्रचार और बदनामी है, जिसका उद्देश्य दुनिया में जनवादी कोरिया की छवि को खराब करना और समाजवादी व्यवस्था को कमजोर करना है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर में उद्धृत दक्षिण कोरिया का ‘चोसन टीवी’ हमारे यहां का ‘सुदर्शन न्यूज’ सरीखा ही है. वैसे तो अमेरिकी साम्राज्यवाद की पैदाइश दक्षिण कोरिया ही जनवादी कोरिया को लेकर एक बहुत बड़ा व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी है. और ऐसे दक्षिण कोरिया द्वारा वित्त पोषित अन्य देशों के विश्वविद्यालयों में चलाए जा रहे कोरियन लैंग्वेज सेंटर, कोरियन कल्चरल सेंटर और कोरियन स्टडीज सेंटर उस व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की शाखाएं हैं.
सच तो यह है कि जनवादी कोरिया में 2013 के बाद लगभग 11 वर्षों से किसी को भी फांसी नहीं दी गई है. वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) के किसी भी एक अधिकारी की फांसी (ये तो 30 अधिकारियों की फांसी का दावा कर रहे हैं) के लिए वर्कर्स पार्टी की सेंट्रल कमिटी या पोलिट ब्यूरो की बैठक होगी, फिर अपराधी की निंदा करने के लिए सामूहिक बैठकें होंगी और फिर मुकदमा चलेगा. पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. पूरी कहानी दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों द्वारा आविष्कृत एक हास्यास्पद कल्पना मात्र है !
(सच्चाई यह है कि) जनवादी कोरिया हाल में आई भीषण बाढ़ के कारण अपने घर खोने वाले स्थानीय निवासियों के लिए लगातार विभिन्न कदम उठा रहा है, जिसमें राजधानी फ्यंगयांग में सरकारी सुविधाओं में रहने की अनुमति देना भी शामिल है. विगत 15 अगस्त को काॅमरेड किम जंग उन ने इसी दिन फ्यंगयांग पहुंचे बाढ़ प्रभावित उत्तरी फ्यंगआन प्रांत (평안북도), छागांग प्रांत (자강도) और रयांग्गयांग प्रांत (량강도) के निवासियों का स्वागत किया.
बच्चों, छात्रों, बुजुर्गों, रोगियों, सैनिकों और माताओं सहित लगभग 13,000 लोगों ने 25 अप्रैल होटल और सैन्य परेड प्रशिक्षण शिविर के अतिथि गृह में प्रवेश किया. इस अवसर पर वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया और सरकारी अधिकारी भी काॅमरेड किम जंग उन के साथ थे. इसके अलावा ऐसे कदम भी उठाए गए थे कि बाढ़ पीड़ित अपनी चिंताओं को भूल सकें और राजधानी फ्यंगयांग में बेफिक्र होकर रह सकें.
इस संबंध में, कोरिया की वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति के द्वारा आपातकालीन सहायता प्रदान करने के उपायों को दृढ़ता से लागू किया गया, और बाढ़ प्रभावितों को ठहराए गई जगहों में बच्चों, छात्रों और वयस्कों के पढ़ाई और देखभाल, रहने और आराम और इलाज के लिए उच्च स्तर की व्यवस्था की गई.
काॅमरेड किम जंग उन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के सामने एक स्वागत भाषण में कहा, ‘हमने देश के सीमांत और उत्तरी अंतर्देशीय इलाकों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में असुविधा में रह रहे सम्मानीय बुजुर्गों, माताओं, सैनिकों और बच्चों के लिए अच्छे इंतजाम के साथ रहने की व्यवस्था की है और हम इसे प्रदान करने में सक्षम होने के लिए भाग्यशाली हैं.’
फिर उन्होंने कहा, ‘अप्रैल 25 होटल[1], जहां आप आज से रहेंगे, यह देश में कोई बड़ी बैठक या कोई वृहत कार्यक्रम के आयोजन के वक्त देश भर से आने वाले प्रतिनिधियों के ठहरने की जगह है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘आज का दिन वास्तव में मार्मिक और खुशी का दिन है. हमारी पार्टी और सरकार के लिए आज का दिन सबसे गौरवपूर्ण है.’
उन्होंने कहा, ‘आपको इस तरह का भव्य स्वागत और ईमानदारी से सेवा प्राप्त करने का पूरा अधिकार है, और हमारी पार्टी और सरकार का कर्तव्य है कि वह गणतंत्र के क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों के जीवन और स्वस्थ विकास की पूरी तरह से जिम्मेदारी ले और इसकी गारंटी दे.’ उन्होंने कहा, ‘यह देश की पूर्ण जिम्मेदारी और सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है.’
काॅमरेड किम जंग उन ने कहा, ‘आप हमारी पार्टी और देश का मजबूती से समर्थन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका और भविष्य को आगे बढ़ाने वाले मुख्य पात्र के रूप में अपनी आत्मविश्वासपूर्ण उपस्थिति के कारण सर्वोत्तम आतिथ्य और सेवा प्राप्त करने के हकदार हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आपके फ्यंगयांग प्रवास की अवधि यहां के नागरिकों की अंतहीन ईमानदारी और सहयोग की बदौलत अधिक सुखद और यादगार दिनों से भरी होगी.’
काॅमरेड किम किम जंग उन ने कहा, ‘मैं चलंत शिक्षा कोर के सदस्यों, जो बच्चों की शिक्षा के प्रभारी हैं, और चलंत मेडिकल यूनिट के सदस्यों जो मरीजों के इलाज और बुजुर्गों की देखभाल के प्रभारी हैं, उनसे अत्यंत ईमानदारी और निस्वार्थ प्रयासों की आशा करता हूं और बुजुर्गों, माताओं और बच्चों को उनको सौंपता हूं.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘इस समय, राजधानी फ्यंगयांग के पार्टी के कई सदस्य और युवा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर स्थिति सामान्य करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और फ्यंगयांग से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता का प्रवाह निर्बाध रुप से जारी है,’ उन्होंने आगे कहा, ‘एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारण, प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों के दिलों के जख्म को देखना हृदयविदारक है, लेकिन हमारा बड़ा समाजवादी परिवार इसके लिए महान भावना के साथ और एकजुट हो गया है.’
काॅमरेड किम जंग उन ने इस स्वागत भाषण में विशेष रूप से यह भी कहा, ‘इस वर्ष की दूसरी छमाही में कई राष्ट्रीय स्तर के बड़े कार्यक्रमों का आयोजन होना है, पर हमने इस पूरे होटल को बाढ़ प्रभावित इलाकों की जनता को दे दिया है.’ काॅमरेड किम जंग उन ने यह भी कहा कि ‘अपनी जनता का विश्वास किसी भी धन दौलत से भी ज्यादा बड़ा और मूल्यवान है.’
अंत में काॅमरेड किम जंग उन बच्चों के लिए चलाए जा रहे मेस का दौरा किया और एक एक चीज पर ध्यान देते हुए बच्चों से कहा, ‘कृपया अच्छा खाएं, अच्छे से बढ़ें, और खुश बच्चे बनें.’
इन सबसे यह साबित होता है कि जनवादी कोरिया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निवासियों की सुविधा सुनिश्चित करने को ‘राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मामला’ मानता है. क्या यह किसी तथाकथित विकसित ‘लिबरल डेमोक्रेसी’ में संभव है ? जहां प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों को कुछ दिन अस्थायी टेंटों में रखकर नाममात्र का मुआवजा देकर दर-दर भटकने छोड़ दिया जाता है.
जिस फ्यंगयांग के बारे में पूरी दुनिया में यह खबर फैलाई जाती है कि यह एलीट लोगों का शहर है, पर वहां के लोग भारी तादाद में तन मन से बाढ़ग्रस्त इलाकों में जाकर पुनर्निर्माण के कार्य में लगे हुए हैं. साथ ही फ्यंगयांग में ठहराए गए बाढ़ पीड़ित बेफिक्र होकर बिल्कुल मुफ्त में तब तक वहां रहेंगे जब तक उनके इलाकों में पुनर्निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता.
सबसे बड़ी बात जनवादी कोरिया में यह सभी राहत कार्य और पुनर्निर्माण कार्य बिना किसी विदेशी सहायता के चल रहे हैं. जनवादी कोरिया ने किसी भी तरह की विदेशी सहायता की पेशकश ठुकरा दी थी. क्या यह सब तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियां बनी ? नहीं, उन्हें तो जनवादी कोरिया को एक विफल राष्ट्र के रूप में चित्रित करना है.
- पीपुल्स कोरिया[2] में प्रकाशित
फुटनोट :
- अप्रैल 25 होटल जनवादी कोरिया का राष्ट्रीय होटल है, जिसका निर्माण 1998 में पूरा हुआ था. 25 अप्रैल 1932 को राष्ट्रपति काॅमरेड किम इल संग द्वारा जापान विरोधी सशस्त्र संघर्ष के दौरान कोरियाई पीपुल्स रिवोल्यूशनरी आर्मी की स्थापना की गई थी. सैन्य परेड प्रशिक्षण शिविर का अतिथि गृह सैन्य परेड में भाग लेने वाले सैनिकों के ठहरने के लिए बनाया गया है.
- जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) से जुड़े मिथकों और दुष्प्रचार को दूर करने और वहां की समाजवादी व्यवस्था की उपलब्धियों के साथ साथ दक्षिण कोरिया की कड़वी सच्चाइयों को सामने लाने का हिंदी में एक छोटा सा प्रयास. इस ब्लॉग को चलाने वाले कोरियाई भाषा के अच्छे जानकार हैं और कोरियाई प्रायद्वीप से संबंधित अध्ययन से 15 से ज्यादा सालों तक जुड़े हुए हैं.
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