फकीर

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एक राज्य का राजा मर गया. अब समस्या आ गई कि नया राजा कौन हो ? तभी महल के बाहर से एक फ़क़ीर गुजर रहा था. किसी ने सलाह दी कि इस फ़क़ीर को बना दो. न इसके कोई आगे-पीछे, यह राज्य के लिए ठीक रहेगा. फ़क़ीर को पकड़ कर लाया गया और राज्य का नया राजा घोषित कर दिया गया.

अब फ़क़ीर की अच्छी मौज आई. सत पक्वानी भोजन, सोने के लिए मखमल के बिस्तर, पहनने को रेशम के वस्त्र और सारा दिन दरबारियों के साथ चोपड़ खेलना. यह बात पडोसी राज्य के राजा को पता चली कि फ़क़ीर को राजा बना दिया है, जो सारा दिन चोपड़ खेलता रहता है, तो उसने हमला कर दिया.

सेनापति ने फ़क़ीर को बताया कि महाराज चोपड़ बाद में खेलना पडोसी राज्य ने हमला कर दिया. कुछ करिए ? फ़क़ीर बोला, चिंता मत करो. कुछ नहीं होगा. एक बाजी और खेलने दो, फिर देखते हैं.

सेनापति फिर आया कि महाराज सेना महल के पास आ गई है, अब तो कुछ करिए ? फ़क़ीर बोला, ‘चिंता मत कर कुछ नहीं होगा, एक बाजी और खेल लूं.’

थोड़ी देर बाद सेनापति फिर पहुंचा और बोला कि महाराजा सेना महल में घुस चुकी है, अब तो कुछ कीजिये ? फ़क़ीर बोला, अच्छा ! सेना महल में घुस चुकी है ? फिर मेरे कौन से बाल-गोपाल रो रहें हैं ? फ़क़ीर आदमी हूं झोला उठाकर चल दूंगा…’.

…और फकीर ने झोला, झंडी उठाई और महल की खिड़की से कूदकर फरार हो गया.

  • अनाम

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ROHIT SHARMA

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