Home लघुकथा गधे की विडंबना

गधे की विडंबना

6 second read
0
0
83
गधे की विडंबना
गधे की विडंबना

एक गधा था‌. इसे विधि की विडंबना कहिए या कुछ और कि उसके दो पैर और दो हाथ थे. इस कारण गधे, उसे गधा नहीं मानते थे और आदमी, उसे आदमी नहीं. दोनों तरफ से उसे लात पड़ती. इधर से लात पड़ती तो उधर जाता और उधर से पड़ती तो इधर आता. और जाए भी कहां ?

वह गधों से कहता कि मेरे दो हाथ, दो पैर हैं तो क्या हुआ, मैं बाकी शरीर, मन, वचन और कर्म से तो एक सौ एक प्रतिशत गधा हूं ! तो गधों की बिरादरी का मुखिया कहता कि गधा होने के लिए चार पैर होना प्राथमिक योग्यता है. मनुष्यों के दो पैर, दो हाथ होते हैं. तुम मनुष्य हो, उनके पास जाओ. हम अपनी जाति की शुद्धता को तुम जैसों के कारण कलंकित नहीं होने दे सकते. हम मनुष्यों जैसे गये- बीते नहीं हैं. उनके यहां सब चल जाता होगा. हमारे यहां नहीं चलता !

वह मनुष्यों के मुखिया के पास गया कि मेरे साथ बहुत अन्याय हो रहा है तो जवाब मिला तो क्या तू हमें हम गधों से भी गया-बीता समझता है ? गधे, तुझे गधा मानने को तैयार नहीं, इसलिए हम तुझे मनुष्य मान लें ? तूने हमें समझ क्या रखा है ? मानव इस ब्रह्माण्ड का सर्वोपरि प्राणी है. फौरन, भाग यहां से वरना तुझे इतने डंडे पड़ेंगे कि नानी-दादी, सब एक साथ याद आ जाएगी. दुबारा अपनी ये बदसूरत शक्ल मत दिखाना वरना साले का भुर्ता बना दूंगा ! अकल है नहीं, शकल है नहीं और चले आए हैं आदमी बनने ! केवल दो पैर, दो हाथ होने से क्या होता है ? भाग यहां से. उल्लू के पट्ठे, गधे की औलाद !

फिर से वह गधों की शरण में गया. गधों ने कहा, तू फिर आ गया ?थोड़ी शरम बची है या नहीं कि सारी की सारी घोल कर पी चुका है ? मनुष्यों ने ठेल कर इधर भेज दिया तो तू इधर आ गया ? अड़ा रहता. लड़ता उनसे. हक मांगता. दो लातें जमाता उन्हें तो मरदूद ठीक हो जाते. इन्होंने हमें भी बहुत बेवकूफ बनाया है, हमारा भी बहुत शोषण किया है. ऊपर से हमारा नाम गधा रखकर अपमानित भी किया है. खैर, हां तो बता, हम तेरा अब क्या करें ?

उसने कहा कि ये बताइए प्रकृति ने मुझे ऐसा बनाया. इसमें मेरा क्या दोष ? न इधर का रखा, न उधर का. उसकी सजा मुझे क्यों ?

तो प्रकृति से जाकर न्याय मांग ! किसने रोका है तुझे ? और ये बता, तूने यही बात मनुष्यों से भी कही कभी ?

नहीं कही.

हिम्मत नहीं हुई होगी तेरी, क्यों ?और हमारे सामने आकर बड़ी हिम्मत दिखा रहा है ? अच्छा चल फिर भी हम तुझे एक राहत देते हैं. हम मनुष्यों जैसे निर्दयी नहीं हैं. ऐसा कर तू आपरेशन करवा. दो की जगह, चार टांग करवा ले. हम तुझे अपनी बिरादरी में शामिल कर लेंगे. जाकर मनुष्यों से कह कि वे तेरा आपरेशन करवा दें. तेरे दो हाथों को भी दो टांगों में बदल दें. तुझे चार पैरों से चलना सिखा दें. जा-जा, इतनी सी तो बात है, वे फौरन मान लेंगे. उनके सिर का बोझ हट जाएगा. जा-जा. परेशान मत हो. इधर-उधर धक्के मत खा.

फिर गया वह मनुष्यों के पास. मनुष्यों ने कहा कि अरे बेशरम, तू फिर आ गया ? मना किया था न ? हम तेरा आपरेशन करवाएंगे ? क्यों भाई, क्यों ? पागल कुत्ते ने काटा है हमें ? गधा समझ रखा है हमें ? हम आदमी हैं, निखालिस आदमी. क्या समझा हम- आ द और मी हैं- आ द मी. मनुष्य. मनुष्यता शब्द मनुष्यों से बना है, गधों से नहीं. हम इस पृथ्वी के सर्वश्रेष्ठ प्राणी हैं. सबसे बुद्धिमान हैं. सबसे चतुर हैं. पढ़े-लिखे हैं. तमाम खोजों के जनक हैं. पुस्तकों के लेखक हैं. कलाओं के सृजनकर्ता हैं. तू जा अपना रास्ता नाप. अभी बहुत प्रेम से, शांति से, नरमी से समझा रहे हैं. गधों को समझाना हमें बहुत अच्छी तरह आता है. हम इस कला में पारंगत हैं. सदियों से गधों को हांकते आए हैं. तेरी तो हमने बात सुन ली, यही तुझ पर हमारा बहुत बड़ा एहसान है. हमारी मनुष्यता का सबसे बड़ा प्रमाण है ! तेरी दो टांगें और दो हाथ न होते तो हम सीधे डंडे से बात करते. अच्छा अब, नमस्कार वरना डंडा है मेरे पास है. लाऊं ?

तब से गधे की विडंबना है कि वह त्रिशंकु की तरह बीच में लटका हुआ है. न उसे जिंदगी मिल रही है, न मौत !

  • विष्णु नागर

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
G-Pay
G-Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • देश सेवा

    किसी देश में दो नेता रहते थे. एक बड़ा नेता था और एक छोटा नेता था. दोनों में बड़ा प्रेम था.…
  • अवध का एक गायक और एक नवाब

    उर्दू के विख्यात लेखक अब्दुल हलीम शरर की एक किताब ‘गुज़िश्ता लखनऊ’ है, जो हिंदी…
  • फकीर

    एक राज्य का राजा मर गया. अब समस्या आ गई कि नया राजा कौन हो ? तभी महल के बाहर से एक फ़क़ीर …
Load More In लघुकथा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…