Home कविताएं मनुष्यता

मनुष्यता

0 second read
0
0
247
मनुष्यता
मनुष्यता

मनुष्य के
लिए
भूख
जितनी जरूरी है

उतना ही
जरूरी है
अवसर की
समानता

उतनी ही
ज़रूरी है
प्रत्येक की
गरिमा

उतनी ही
जरूरी है
प्रत्येक के बीच
समानता

उतनी है
जरूरी है
प्रत्येक की
स्वतंत्रता

उतनी ही ज़रूरी है
संसाधन बंटवारा में
प्रत्येक के बीच
एकरूपता

उतनी ही
जरूरी है
सबके बीच
मनुष्यता

यह कोई
जागरण नहीं
प्रत्येक की मौलिक
जरूरत है

  • बुद्धिलाल पाल

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
G-Pay
G-Pay
  • भूख

    भूख पुरानी नहीं पड़ती बासी रोटी की तरह भूख से सनी कविताएंं भी डेग डेग पर गुंंथी रहती हैं त…
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…