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सेंगोल

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सेंगोल
सेंगोल

राम कोई
इतिहास पुरुष नहीं
प्रतिकात्मक रूप में
भारतीय सामंती वर्णवादी
मर्दवादी सत्ता का घमंड है

राम निर्बल का राम नहीं
शंबूक वध सीता परित्याग
वर्णव्यवस्था का आचरण
राजा की भक्ति वाली जनता
स्त्री को सजा में अंग भंग
सच्चा अच्छा राजा राम यही है

राम कोई भगवान नहीं
मध्यकालीन सत्ता का रूपक है
उस सत्ता का आदर्श राजधर्म है
सामंत के वर्चस्व का राज घमंड
ब्राह्मणी दंड राजदंड सेंगोल है

  • बुद्धिलाल पाल

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ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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