आज दिनांक 2 जून, 2024 को संध्या 6 बज कर 15 मिनट पर 10, मंत्री एनक्लेव, (माननीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन के आवास) गर्दनीबाग, पटना में प्रेस वार्ता आयोजित की गई है. इस प्रेस वार्ता को राजद विधायक दल के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन और माननीय विधायक मसौढ़ी श्रीमती रेखा देवी पासवान सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया.
इस संवाददाता सम्मेलन में राजद नेताओं ने मसौढ़ी विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान के साथ हुए दुर्व्यवहार, अपमानित करने तथा जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करने तथा बुथ कब्जा करने वालों पर कब कार्रवाई होगी, का सवाल उठाते हुए राज्य सरकार पर हमला बोला है. दरअसल मौजूदा चुनाव में बड़े पैमाने पर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा गड़बडिय़ों किये जाने की शिकायतें देश भर से आ रही है. ऐसी ही एक गड़बडिय़ों की जानकारी राजद की ओर से दिया गया है.
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता श्री शक्ति सिंह यादव, राजद के विधानसभा में मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, मसौढ़ी की विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान एवं प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि मीडिया चैनल पर जो भी खबरें चल रही है, वह मिथ्या और मनगंढ़त तथा भाजपा के ईशारे पर चलाई जा रही है.
इन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र से भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव द्वारा अपने समर्थकों को बचाने के लिए इस तरह की बातें प्रचारित की जा रही है. इन्होंने कहा कि जिस तरह से दलित समाज से आने वाली एक महिला विधायक के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उस मामले से ध्यान भटकाने के लिए राजनीति कर रहे हैं. जबकि हकीकत यह है कि मसौढ़ी विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान को अपमानित किया गया और उन्हें भद्दी भद्दी गलियां और जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया गया.
इन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग से अनुमति प्राप्त गाड़ी पर मसौढ़ी विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान को जब यह पता चला कि तिनेरी स्थित बुथ संख्या 178 पर भाजपा समर्थकों के द्वारा राजद के पोलिंग एजेंट को भगा दिया गया और वहां पर दलित, शोषित, वंचित को वोट देने से रोका गया, इससे आहत मसौढ़ी विधायक फौरन वहां पहुंची. वहां पहुंचने पर जिस तरह से वीडियो वायरल हुआ, उसमें स्पष्ट रूप से दिखता है कि विधायक श्रीमती रेखा देवी जी को जाति सूचक शब्दों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. और उनके साथ वहां पर मुखिया और उनके समर्थकों ने मारपीट भी की.
इस तरह की घटना को बढा चढ़ाकर रामकृपाल यादव इसलिए प्रस्तुत कर रहे हैं क्योंकि उनको पता चल गया है कि वह चुनाव हार रहे हैं और अपनी हार और अपने समर्थकों को बचाने के लिए वह मनगढ़ंत और मिथ्या बातों के सहारे अपने समर्थको को बचाना चाहते हैं. जबकि सभी को पता है कि इस तरह का गलत व्यवहार और महिला को जाति सूचक शब्दों के साथ अपमानित करवाने में उनकी ही भूमिका रही है.
इस अवसर पर मसौढ़ी विधायक श्रीमती रेखा देवी पासवान ने कहा कि ‘कल जब वह पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में घूम रही थी तभी उन्हें सूचना मिली कि तिनेरी बूथ संख्या 178 पर गरीब, दलित और महिलाओं को वोट देने से रोका जा रहा है. जब वह वहां पर पहुंची तो देखा कि हल्का गेट बंद करके भाजपा के पक्ष में वोटिंग कराई जा रही है. वहां पर हमारे द्वारा जब इसका प्रतिकार किया गया और पूछा गया कि हमारे पोलिंग एजेंट कहां गए तो हमारे साथ भद्दी भद्दी गालियां दी गई, दुर्व्यवहार किया गया.
‘इसके साथ ही वहां पर स्थानीय मुखिया और उनके समर्थकों के साथ किस तरह का व्यवहार रहा यह उनके द्वारा ही वायरल वीडियो से समझा जा सकता है. मेरे साथ मारपीट भी की गई. इस संबंध में हमने मसौढ़ी थाना में एफआईआर भी दर्ज करवाया है, लेकिन उन लोगों पर कार्रवाई करने की जगह राजद समर्थक दलित समाज के लोगों के घरों पर पुलिस लगातार छापेमारी की कार्रवाई कर रही है और महिला के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है.
‘मठिया पर गांव के सभी लोग आतंकित हैं और उनको समझ में नहीं आ रहा है कि इस तरह से पुलिस अन्यायपूर्ण व्यवहार क्यों कर रही है, जबकि उनके साथ मारपीट तथा उन्हें वोट डालने से वंचित किया गया. इस तरह का शासन प्रशासन का रवैया स्पष्ट करता है कि किस तरह से बिहार में शासन और प्रशासन दलित, शोषित वंचित के साथ दुर्व्यवहार कर रही है.’
इन्होंने यह भी बताया कि हमारे साथ दिन के 12:30 बजे की घटना हुई जबकि उल्टे रामकृपाल यादव शाम में 7:00 बजे पहुंच कर अपने लोगों को बचाने के लिए मनगढ़ंत और अपने हिसाब से फिर से फर्जी एफआईआर दर्ज करवाने का कार्य किया, जबकि उस समय उनके साथ कोई घटना दुर्घटना नहीं हुई. उल्टे उनके ही बॉडीगार्ड ने वहां पर गोलीबारी की.
इन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी का इस तरह का व्यवहार कहीं ना कहीं दलित समाज को अपमानित करने वाले अपने समर्थकों को बचाने का प्रयास है और पूरी सुनियोजित साजिश के तहत इस तरह का कार्य कर रहे हैं. इन्होंने इस मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की है.
राजद के विधानसभा में मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि लोग विधायक के साथ हुए दुर्व्यवहार जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल तथा उन्हें अपमानित किए जाने के कारण आक्रोश में हैं. साथ ही पुलिस के द्वारा जिस तरह का रवैया अपनाया जा रहा है, पूरी तरह से गलत है. इस मामले में रामकृपाल यादव जो मारपीट की बातें कर रहे हैं वह दरअसल अपने लोगों को बचाने का प्रयास मात्र है.
जबकि जिसने बुथ लूटा है और जिसने विधायक के साथ दुर्व्यवहार की है और दलित समाज तथा महिला को अपमानित करने का कार्य किया है उन पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इस तरह से एक तरफा कार्रवाई से लोगों का शासन प्रशासन पर से विश्वास उठ गया है. इन्होंने अविलंब इस मामले में विधायक श्रीमती रेखा देवी द्वारा दर्ज कराये गये एफआईआर में दर्ज नामित सभी अभियुक्तों के साथ-साथ इस मामले में साजिशकर्ता पर भी कार्रवाई की मांग की है, जिससे कि सच और सच्चाई सामने आ सके.
राजद का यह प्रेस कॉन्फ्रेंस बताता है कि बिहार में हो रहे चुनावों में किस तरह की धांधली भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस की मिलीभगत से की जा रही है. चूंकि चुनाव आयोग प्रत्यक्ष तौर पर नरेन्द्र मोदी के अधीन है, इसलिए वह कोई भी कार्रवाई से साफ पीछे हट गई है. इस तरह की हजारों घटनाएं समूचे देश के सभी चरणों के चुनाव के दौरान देखा गया है. इससे एक चीज तो स्पष्ट हो गई है कि मौजूदा चुनाव न तो निष्पक्ष है और न ही विश्वसनीय. ऐसे में सवाल जनता के पास है कि वह क्या निर्णय लेती है क्योंकि अविश्वसनीय चुनाव से विश्वसनीय सरकार कैसे बन सकती है.
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