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दूसरा कौन ?

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हमारी सबसे बड़ी दिक्कत यह है
कि हम से बेहतर कोई हुआ नहीं
हम से बेहतर इस धरती पर कोई है नहीं
आप वाह कहो, चाहे आह कहो
तुम हंसो या रोओ
मानो या न मानो
देश विश्व में अब अपने के नाम से नहीं
देश विश्व में अब उस नाम से जाना जाता है
विश्व में अगर कहीं कोई डंका बज रहा है तो
एक हमारा ही डंका बज रहा है

जहां देखो बस एक नाम है
और उसी एक नाम की चर्चा है
और चर्चा परिचर्चा यह है कि
उसके बाद दूसरा कौन
दें तो किसे दें
चुनें तो किसे चुनें
साफ है इसके मरते ही
देश का मरना सुनिश्चित है

देश की उम्र अब उतनी ही है
जितना कि इस नाम की है
सोचो, देश और हम
किस ख़तरनाक दौर में हैं

जब देश को बचाना है
तो उस नाम को जैसे
और जिस गलत और सही तरीके से बचाना होगा
क्योंकि हम कोई नाम नहीं
हम अपना प्यारा देश बचा रहे हैं

हमें देश से प्यार है तो
वह नाम चाहे जितना गलत और सही
जितना तानाशाह या लोकशाह हो
हत्यारा या मुनाफाखोर एकाधिकार प्राप्त
व्यापारी क्यों न हो
हमें उस एक नाम को बचाना होगा
हमें उस नाम से प्यार करना होगा
उसके लिए हम सब को एक जुट लड़ना
और एकमुस्त जिताना होगा
क्योंकि उसकी जीत उसकी नहीं
उसकी जीत देश की जीत है

वह अब एक नाम तक नहीं है
वह एक देश से ऊपर अब खुद एक देश है
देश अब अपने नाम से देश नहीं है
देश अब उसके नाम से देश है
और उस नाम को मरने और मिटने नहीं देना
इस सनातन देश के हर नागरिक का
सनातन धर्म है

  • राम प्रसाद यादव

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