गिर
और गिर
गिरता जा
निचाइयां अतल हैं
गिरने का साहस तुझमें गजब है
गिर
और गिर
अबे और गिर
ओ मूर्ख
रुक मत
सांस मत ले
चड्डी गिरने की परवाह मत कर
गिर
गिरनेवाले की नंगई कौन
देखता है रे
तू तो गिर
अरे जब तूने गिरने का व्रत लिया है
तो फिर ईमानदारी से गिर
कैमरे पर गिरता हुआ दिख
गिर
और गिर
जब तक सांस है
तब तक
तेरे गिरने की
आस है
गिर
अबे ओ
और नीचे
और नीचे
और भी नीचे
गिर
तल नहीं है
मूर्ख
अतल है यह
गिरता चला जा
गिर…
- विष्णु नागर
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