मितरों !!! हिन्दुओं को लव जिहाद से बड़ा खतरा है. याने मुस्लिम लड़का, अक्सर हिन्दू लड़की से विवाह कर उस लड़की को मुस्लिम बना लेता है. मुस्लिम लड़की भी हिन्दू लड़के से विवाह कर उसे मुस्लिम बना लेती है. परन्तु कमजोर हिन्दू लड़के-लड़कियां, विधर्मी से विवाह कर उसे कभी हिन्दू नहीं बना पाते. लानत है भई..! मने सीरियस वाली लानत है. हमारे युवाओं की लानत छाप कमजोरी पर ही, संघियों की लव जिहाद की थ्योरी टिकी है.
हमारे युवा, यकीनन इतने कमजोर नहीं होंगे. चंद छपरी भक्तों के अलावे, अमूमन सबके पास एक अदद गर्लफ्रेंड तो है ही. लेकिन ‘धर्मरक्षा’ और ‘कट्टर हिंदू’ और ‘राज करेगा राजपूत’ ग्रुप में ल जिहाद के झूठे फार्वर्ड पढ़कर, हमारे युवा, अपनी मर्दाना- स्त्रियाना कमजोरी पे यकीन कर चुके हैं. इससे हिन्दू युवक युवतियों में भयंकर कुंठा का संचार हुआ है. अतएव यह पोस्ट, उनमें पुनः उम्मीद, गर्व और आत्मविश्वास जगाने का विनम्र प्रयास है.
मितरों, हर देश और कौम के इतिहास में कुछ गर्व के क्षण होते है, कुछ शर्म के क्षण. और हमारा तो 4000 साल का इतिहास है तो दोनों किस्म के पल बहुतेरे हैं. मूर्ख होते हैं वो, जो अपने इतिहास से दुःख और पराजय खोज-ओढ़ कर कुंठित रहते हैं. ऐसे लोग सत्ता के सिंहासन पर चढ़कर भी, खतरे से कांपते रहते हैं. रोते, गालियां गिनते और एड़ियां घिसते रहते हैं. 85 होकर भी 15 के डर से कलपते हैं.
लेकिन सच्चे वीर, डर को कूड़ेदान में फेंक, प्रेरणादायी विजेताओं का उदाहरण चुनते हैं. वह आदर्श सामने रखकर, इतिहास की जीतो की ऊर्जा से लबरेज, आगे बढ़ते हैं. सिर्फ ऐसे मुक्त हृदय बुद्धिमान ही, कौम का मुस्तकबिल ऊंचा कर पाते हैं.
तो मेरा मानना है कि आत्मविश्वास का संचार करने के लिए, तथा विश्व में हिन्दूओं की संख्या बढाने के लिए हमे ‘लव जिहाद’ के सामने ‘प्रेम धर्मयुद्ध’ का कॉन्सेप्ट लाना चाहिए. और इन फैक्ट, हमारे पास इसका एक तगड़ा एग्जाम्पल भी है.
जी हां, राजीव…, भारत का पहला प्रेम धर्मयोद्धा…! जो एक क्रिस्चियन महिला के प्रेम में आबद्ध होकर, स्वयं क्रिस्चियन न बना, न इटली में बसा. ब्याह कर उसे हिंदुस्तान लाया. हिन्दू नाम दिया, साड़ी, बिंदी, चूड़ी, हिंदुस्तानी प्रतीकों से लाद दिया. वो सोनिया जिसका प्रेमी, जिसका पति हमने छीन लिया, मगर उसने खुद को हिंदुस्तान की मिट्टी से जोड़े रखा है.
जितना जीवन उसने राजीव के साथ जिया, उससे ज्यादा राजीव के बगैर, इस मिट्टी पर जिया है. आज उसकी संताने, हिंदुस्तान में रहती हैं. शिव का नाम लेती है. जनेऊ धारण करती है. याने, एकद्दमे हिन्दू है. अब सोचो, इस प्रेम में कितना स्ट्रांग भारतीय रंग था. ये तो डीप सनातनी था. और राजीव कितना स्ट्रांग हिन्दू थे. आजकल के प्रेम में मुसलमान, क्रिस्तान बन जाने वाले छपरी छोरो से एकदम विपरीत…और क्या चिये बे ??
लानत है उन भाट्सप ग्रेजुएट्स पर, जो एलेना, चाणक्य, चन्द्रगुप्त, विदेशी महिला, संतान और तमाम तरह की बकैती फैला कर…गालियां, लांछन और चरित्र हत्या कर…भविष्य में किसी हिन्दू के प्रेम में हिन्दू बन सकने वाले वाले विधर्मियों को हतोत्साहित कर रहे हैं. अभी ही कई नामर्द कीड़े, सोनिया-राजीव की तस्वीर देखते गालियों का झोला लेकर कमेंट करने पधारेंगे. गंदे मीम चिपकाएंगे. उनसे पूछिये- ऐसा ही ‘हिन्दू विश्व’ बनायेगा रे तू ..??
तस्वीर देखिए. बाबाओं, बलात्कारियों, और पत्नीछोडक की रूखी-खीझी तस्वीर के मुकाबिल, इस तस्वीर से आंखों, और हृदय को पहुंचने वाली तरावट को महसूस कीजिए और प्रण कीजिए. क्योंकि अगर ‘लव जिहाद’ के सच्चे विरोधी हैं, तो ‘प्रेम धर्मयुद्ध’ का समर्थक बनना होगा. मोहब्बत की दुकान खोलनी होगी.
आइये, दुश्मन को उसी के खेल में हराइये और दुनिया को बताइये कि हमारे देश को अंगीकार करने वाले..हिन्दू धर्म को, भारत को गले लगाने वाले किसी स्त्री पुरूष को हम उतनी ही इज्जत देते हैं. उनकी संतानों को प्रेम देते हैं. फिर देखो.. धर्म की पताका कैसे वेटिकन तक लहराती है. अभी तो टेक्निक ही गलत है तुम्हारी !!!
- मनीष सिंह
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