Home गेस्ट ब्लॉग पुतिन ने फिर कहा रूस पश्चिमी श्रेष्ठतावाद का नामोनिशान मिटाकर रहेगा

पुतिन ने फिर कहा रूस पश्चिमी श्रेष्ठतावाद का नामोनिशान मिटाकर रहेगा

4 second read
0
0
264
पुतिन ने फिर कहा रूस पश्चिमी श्रेष्ठतावाद का नामोनिशान मिटाकर रहेगा
पुतिन ने फिर कहा रूस पश्चिमी श्रेष्ठतावाद का नामोनिशान मिटाकर रहेगा

सुबह 5 बजे अवदीवका पर रूसी झंडा फहरा दिया गया. पुतिन ने अवदीवका में रूसी सेना के कमांडर से सीधी बातचीत करते हुए कहा कि ‘हमें सैनिकों की आत्मरक्षा के साथ लक्ष्य पूरे करने हैं. मैं सभी जांबाज सैनिकों को इस मिशन की सफलता की बधाई देता हूं.’

रूसी राष्ट्रपति भवन, क्रेमलिन के एक उच्च अधिकारी के अनुसार – ‘अवदीवका हमारे लिए बखमूत के बाद एक और चुनौती लग रहा था लेकिन हमारे बहादुर सैनिकों ने अपेक्षित समय से पहले ही सफलता हासिल कर ली है. हमने अवदीवका में आज सुबह 8 बजे फ्लैग मार्च का आदेश दिया है.’

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की इस समय अपने को सन्नाटे में महसूस कर रहे हैं. जेलेंस्की के साथ विडम्बना ये है कि जेलेंस्की ने नाटो देशों से गिड़गिड़ाकर टैंक मिसाइल व अन्य हाइटेक हथियार प्राप्त तो कर लिए लेकिन उन हथियारों को चलाने के लिए जेलेंस्की के पास सैनिक नहीं बचे हैं, जो थोडे बहुत ट्रेंड सैनिक हैं भी तो वो युद्ध के अलग-अलग मोर्चों पर भारी मानसिक दबाव झेल रहे हैं.

रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने कहा है कि अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 तक 7500 यूक्रेनी सैनिक आत्महत्या कर चुके हैं. हालांकि जुलाई 2023 में ही यूक्रेनी सैनिकों की आत्महत्या के डरावने आंकड़े आने लगे थे, जिस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अलग से एक आधिकारिक बयान देकर स्पष्ट किया था कि ‘जो भी यूक्रेनी सैनिक सरेंडर करेंगे उन्हें बिल्कुल भी प्रताड़ित नहीं किया जायेगा. रूसी सेना उनके रहन सहन व उनके पारिवारिक मिलन का बखूबी ध्यान रखेगा.’

पिछले महीने जनवरी के आखिरी सप्ताह में रूसी सेना ने महज 6 दिन में जब यूक्रेन के 6635 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था तो तभी से नाटो सदस्य देश यूक्रेन को हथियार देने के नाम पर आश्वासनों का झुनझुना थमा रहे थे, जिसका नतीजा ये हुआ कि यूक्रेन का एक और बहुत बड़ा शहर अवदीवका अब हमेशा के लिए यूक्रेनी मानचित्र से गायब हो गया है.

बहरहाल, युद्ध जारी है. उधर इस्राइली सेना के एक विशेष अधिकारी ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि इसराइली कब्रगाहों में हर एक घंटे में एक इस्राइली सैनिक की लाश दफन हो रही है. उपरोक्त अधिकारी ने ये भी बताया कि 3 फरवरी से 6 फरवरी मध्यरात्रि तक 578 इस्राइली सैनिकों को दफ़नाया गया. इसका मतलब नेतन्याहू ने वास्तविक आंकड़ों को दबाने की साज़िश रची हुई है.

जबकि हिजबुल्ला, हूथी, हमास ने लगभग इस्राइली हमलों को न केवल कम होने दिया है बल्कि खुद एक इस्राइली एनजीओ ने कहा है कि फिलीस्तीन में हमास ने 27 हजार लोगों को बंधक बना रखा है, जिसमें 7 हजार इस्राइली सैनिक हैं. अब मामला जो भी हो यूक्रेन से धीरे-धीरे अपना पल्ला झाड़ने वाला अमरीका, अब भले ही इस्राएल को मानवता का ज्ञान ठेल रहा हो लेकिन अमरीका व नाटो यह बहुत गहराई से समझते हैं उनकी गुंडागिरी के दिन लद गए हैं.

आधिकारिक तौर पर जिस दिन नाटो व अमरीका ने दुनिया के देशों को लड़ाई से बचने की नसीहत दी तो रूस, चाइना, उत्तर कोरिया एक साथ नाटो गैंगस्टर अमरीका को निगल जायेंगे. इसीलिए अमरीका इस समय युद्ध नहीं कर रहा है बल्कि अपनी वैश्विक चौधराहट के अस्तित्व को बचाने के लिए भी युद्ध कर रहा है.

हालांकि ये अलग बात है कि खुद अमरीका के एक जाने-माने मीडिया मैगजीन ने अमरीका में कभी भी न्यूक्लियर अटैक से 40 करोड़ अमरीकी नागरिकों के हताहत होने की संभावना जताई है. अमरीका में न्यूक्लियर अटैक कौन करेगा इस पर कोई साफ खबर नहीं है. लेकिन यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई करने के बाद जिस तरह से रूस की अर्थव्यवस्था ने मजबूती के नाम कुलांचे मारते हुए पश्चिमी देशों को हक्का बक्का कर दिया और पुतिन के हौसलों को परवान चढ़ा दिया.

इससे तो यही लगता है कि अमरीकी खुफिया एजेंसियों के पास अमरीका पर न्यूक्लियर अटैक संभावना की पुख्ता जानकारी है, वरना अमरीका के बड़े शहरों में नागरिकों के बीच लगातार परमाणु हमलों से बचने की ट्रेनिंग व चेतावनी नहीं चल रही होती.

इन सबके बीच अजीब पहलू ये है कि अमरीका में संभावित परमाणु हमले पर दुनिया का कोई भी देश न ही बयान नहीं दे रहा है और न ही कोई अलग से टिप्पणी कर रहा है. मतलब कुछ तो ऐसा चल रहा है कि जिससे आने वाले दो तीन साल के अंदर पृथ्वी का कोई बड़ा हिस्सा परमाणु विभीषिका के साथ निर्जन व उजाड़ मरुस्थल में तब्दील हो जायेगा.

  • ए. के. ब्राईट

Read Also –

नवनाजी फासिस्ट जेलेंस्की और 31 देशों के फौजी झुंड नाटो का रुस के सामने अघोषित सरेंडर
रुस-नाटो महायुद्ध में रूस की बादशाह
अमेरिकी साम्राज्यवाद को अब ही उसे रुस के रुप में वास्तविक चुनौती मिली है
क्या मोदी सरकार रुस से संबंध खराब कर रही है ?
रुस जैसे भरोसेमंद दोस्त को खोकर अमेरिका से दोस्ती गांठने का साहस मोदी जैसे अवसरवादी के पास भी नहीं
जी 20 में नाटो की बेइज्जती और पुतिन का ‘नाटो मिटाओ’ की जिद
पुतिन बना देंगे – एक था अमेरिका
हमास ने ‘जेल तोड़ने का काम किया, जो मुक्ति का अनुभव देता है !’

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…