Home कविताएं श् श् श्…

श् श् श्…

0 second read
0
0
193

श् श् श्
अभी अभी
एक मौत हुई है
इस कमरे में
हम ढूंढ रहे हैं
उंगलियों के निशान
मृतक के गले पर
प्रथम दृष्टया
यह हत्या का मामला है
खुली खिड़की
जो बाग़ीचे की तरफ़ खुलती है
वहां पर लटका
झीना पर्दा
अब भी हिल रहा है
पर्दे में
ग्लानिबोध नहीं होता
वे एस्पेन के पते नहीं हैं

मृतक के शरीर के पास
बत्तीस गज की एक
टेढ़ी मेढ़ी लिपी है
कोई लाखों साल पुरानी
सर्वविदित किंतु
अनुद्धृत

मुआयना चल रहा है

मृतक कौन है
तय करना मुश्किल है
उसका चेहरा इतना आम है कि
कुछ भी ख़ास नहीं है उसमें

चश्मदीद कहते हैं
पिछली रात
मृतक को देखा गया था
जंगल में समाते हुए
उसके हाथ एक कुल्हाड़ी थी
जब वह लौटा तो
शाम हो चुकी थी
उसकी कुल्हाड़ी झक सफ़ेद
दांतों को निपोरे
आसमान की तरफ़ देख रहा था
मृतक के दाहिने कंधे पर
और उसके बाएं कंधे पर
छाल में लिपटी हुई हड्डियां थीं

अग्नि के पाथेय
घर्षण के बीजमंत्र हैं
करुणा इसमें तिरोहित होती है
फल्गु के रेतीले तट पर

श् श् श्
तहक़ीक़ात अभी चल रही है
कुछ मत छुओ
तुम्हारा एक अदना सा स्पर्श
मिटा देगा सारे सबूत

लकड़हारे
लकड़बग्घा के हाथों मारे जाते हैं
साधारण बात है
लेकिन यहां किसी चौपाए का
कोई निशान नहीं है

वह निशान
न्यायाधीश की मेज़ के नीचे
फ़र्श पर पर पाया जाएगा
फ़ैसले के दिन

फ़िलहाल
तहक़ीक़ात जारी है
आपका आना अभी निषिद्ध है
लाल डोरे से घेर दिया गया है
घटना स्थल

मृत्यु के पहले
मृतक ने दीवार पर लिखा था
भूख
प्रागैतिहासिक लिपि में
इसलिए तो हर बार रह जाती है
तहक़ीक़ात अधूरी
और आप लोग
ख़ामख़ाह दोष मढ़ते हैं
हमारे सक्षम
विश्व प्रसिद्ध ख़ुफ़िया तंत्र पर !

  • सुब्रतो चटर्जी

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • वो ढूंढ लेती है अपने हिस्से के उजाले

    उजाले भी बहुत हैं वहां वो ढूंढ लेती है अपने हिस्से के उजाले घर के काम को जल्द से निपटा कर …
  • तर्क

    दुनिया बदस्तूर चलती रहे इसके लिए हवा पानी और मिट्टी से भी ज्यादा जरूरी है तर्क जैसे, 7 परस…
  • सबसे उपयुक्त समय…

    सबसे सहज बातों से जब वे असहज हो जाते हैं वही समय सबसे उपयुक्त होता है सहज सत्य को सरल तरीक…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

किस चीज के लिए हुए हैं जम्मू-कश्मीर के चुनाव

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चली चुनाव प्रक्रिया खासी लंबी रही लेकिन इससे उसकी गहमागहमी और…