Home कविताएं मेरी थाली अलग है

मेरी थाली अलग है

0 second read
0
0
180

मेरे हाथ पैर
नाक नक़्श
बदन और दिमाग़
बिल्कुल तुम्हारे जैसे हैं
लेकिन
मेरी थाली अलग है

एक दिन
तुम्हारी मां की लोरियां सुनते हुए
मैं सो गया था
तुम्हारी हवेली के दालान पर
तो मुझे सपने में
तुम्हारे साथ खेलने से
कोई रोक नहीं रहा था
और न ही मेरे लिए कोई अलग से
छात्रावास बना था
लेकिन
तुम्हारी मां के भांडे बर्तन में
मेरी थाली अलग है

स्कूल के रास्ते
अमराई के नीचे बैठे
तुम्हारे झुंड का
मुझे आते देख कर हंसना
और गरारा कर ज़मीन पर थूकना
मुझे अपनी खाल के अंदर
समेट लेने को मजबूर करता था
किसी घोंघे की तरह
और याद दिलाता था कि
मेरी थाली अलग है

हस्ताक्षर करते समय
विष्णु के बाद ‘राम‘ लिखने में
हरेक बार कांप जाते हैं मेरे हाथ
क्योंकि मुझे मालूम है कि
मेरी थाली अलग है

इसलिए
शंबूक वध की कथा के साथ साथ
शबरी की भक्ति के घालमेल को
मैं कभी समझ नहीं पाया
तुम्हारी कहानी जब भी
परोसी गई मुझे
तो उसे सरका दिया गया
जेल की सींखचों के नीचे से
ताच्छिल्य के साथ
क्योंकि मेरी थाली अलग है

रोटी की तलाश में
गटर में उतरा हुआ मेरा बाप
जिस दिन लाश बन कर बाहर आया
सभी कह रहे थे कि
ऐसी तलाश का यही अंजाम
देर सबेर होना ही था
लेकिन मुझे और मेरी मां को मालूम था कि
उन रोटियों की असली जगह कहां है
क्योंकि मेरी थाली अलग है

  • सुब्रतो चटर्जी

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

चूहा और चूहादानी

एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था. एक दिन चूहे ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी…