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आईये, आज आपको गोबर पट्टी की यात्रा पर ले चलते हैं…

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आईये, आज आपको गोबर पट्टी की यात्रा पर ले चलते हैं...
आईये, आज आपको गोबर पट्टी की यात्रा पर ले चलते हैं…
हिमांशु कुमार, सामाजिक कार्यकर्त्ताहिमांशु कुमार

आईये, आज आपको गोबर पट्टी की यात्रा पर ले चलते हैं. मैं खुद गोबर पट्टी का हिंदू सवर्ण हूं. हम लोग मानते हैं कि जाति ईश्वर ने बनाई है. हम लोग सोचते हैं कि हम ही दुनिया हैं. हम सोचते हैं हमारा भगवान सारी दुनिया में फैला हुआ है. हम सोचते हैं पहले सारी दुनिया में हमारी ही भाषा बोली जाती थी. हम सोचते हैं पहले सारी दुनिया में हमारा ही धर्म चलता था, बाद में दूसरे धर्म पैदा हुए और लोग भ्रष्ट हो कर उस तरफ चले गए.

हम सोचते हैं हमारे त्यौहार और रीति रिवाज ही दुनिया के सबसे अच्छे रीति रिवाज हैं और सारी दुनिया में वही चलते हैं. हम लोग मानते हैं कि पूरे भारत में सभी औरतें करवा चौथ का व्रत रखती हैं, मांग भरती हैं, घुंघट करती है, पति के पैर छूती हैं. हम मानते हैं कि जो औरतें ऐसा नहीं करती वह धर्म विरोधी हैं, संस्कृति विरोधी हैं और बिगड़ी हुई हैं.

हम लोग भारत के दूसरे लोगों की भाषा की मजाक उड़ाते हैं, उनके पहनावे का मजाक उड़ाते हैं, उनकी बोली का मजाक उड़ाते हैं. हम लोग नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को चिंकी कहते हैं दक्षिण भारतीय सभी राज्यों के लोगों को मद्रासी कहते हैं और उनका मजाक उड़ाते हैं. हम उनके पहनावे का मजाक उड़ाते हैं, उनकी बोली का मजाक उड़ाते हैं, उनके खान-पान का मजाक उड़ाते हैं. कुछ साल पहले तक हम उपमा इडली डोसा तक का मजाक उड़ाते थे.

भारत की राजनीति हमें खुश करने में लगी रहती है. हमारे काल्पनिक भगवान का मंदिर बनाने के लिए हम दूसरों का धर्मस्थल तोड़ देते हैं, भारत की राजनीति और अदालत हमारा साथ देती है. सभी पार्टियां हमारा साथ देती हैं. मायावती, अखिलेश यादव, भाजपा सब परशुराम की मूर्ति बनाने की कंपटीशन में लग जाते हैं.

हम कहते हैं कि हम जिस जानवर का मांस खाते हैं, सब उसी का खाएंगे और जिस जानवर का मांस नहीं खाते, हम दूसरे को भी नहीं खाने देंगे. भारत की सरकार भी हमारी मूर्खता का समर्थन करती है और हमारे कहने से दूसरों को एक जानवर का मांस खाने पर जेल में डाल देती है. हम ही तय करते हैं कि क्या सही है, क्या गलत है, क्या धर्म है, क्या अधर्म है, क्या अच्छा है, क्या बुरा है, क्या पवित्र है, क्या अपवित्र है.

पूरे भारत की राजनीति हमारे कदमों में झुकी रहती है. हम जिसे चाहे लिंच कर देते हैं, जिसे चाहे पीटते हैं. पुलिस हमारा साथ देती है. हम लोगों की हत्या के वीडियो सोशल मीडिया पर डालते हैं लेकिन हमारा कुछ नहीं बिगड़ता. उल्टे हमारे समर्थन में कैंपेन चलाए जाते हैं. हमारी हत्याओं को समर्थन दिया जाता है. उसे धर्म का नाम दिया जाता है, उस के बल पर चुनाव जीते जाते हैं. भारत की आज की दुर्दशा के सबसे बड़े जिम्मेदार हम हैं. जिंदगी झंड है, फिर भी घमंड है.

पहलू खान की हत्या

पहलू खान की हत्या हिंदुत्व के नाम पर हुई थी लेकिन किसी ने हिंदू धर्म को असहिष्णु नहीं कहा. सच भी है कुछ गुंडों या गलत रास्ते पर जाने वाले लोगों के कामों के आधार पर आप पूरे समुदाय को अपराधी घोषित नहीं कर सकते. लेकिन अगर बात दूसरे मजहब वालों की है तो आपको यह बहुत आसान और मजेदार लगता है कि आप पूरे के पूरे समुदाय को गलत खराब और अपराधी घोषित कर दें.

क्या भारत के हिंदू दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान या मध्य प्रदेश में गाय का मांस बेचने वाली दुकान चलने देंगे ? मुसलमान अगर सचमुच में असहिष्णु होते तो यूएई में सूअर के गोश्त की दुकानें ना होती. मुस्लिम देश ऐसे हैं जहां दुनिया भर के टूरिस्ट जाते हैं. किसी टूरिस्ट को मुसलमान उसके मजहब के आधार पर नहीं मारते. मुस्लिम देशों में मंदिर है पर किसी पर मुसलमान हमला नहीं करते.

अब जरा यह बताइए कि दुनिया के जिन मुस्लिम देशों में लोकतंत्र नहीं है या मारकाट मची हुई है, वहां पर पश्चिमी देशों का क्या रोल रहा है ? क्या यह सच नहीं है कि सीआईए ने इंडोनेशिया और अन्य मुस्लिम देशों में लोकतांत्रिक लिबरल बुद्धिजीवियों, लेखकों, कवियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं की है ? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में यह कुबूल किया था कि इंडोनेशिया में सीआईए ने बहुत सारे समाजवादी कम्युनिस्ट और लिबरल की हत्या की थी.

कट्टरपंथ एक समस्या है

बेशक कट्टरपंथ एक समस्या है. मुसलमानों के बीच जो कट्टरपंथ है उसके खिलाफ मुसलमान ही लड़ सकते हैं. हिंदुओं के भीतर जो कट्टरपन है उसके खिलाफ हिंदू ही लड़ सकते हैं. कोई मुसलमान या ईसाई हिंदुओं को उदार और सहनशील नहीं बना सकता. इसी तरह कोई हिंदू या इसाई मुसलमानों को भी उदार नहीं बना सकता. अपना अपना कट्टरपंथ, अपनी अपनी समस्या है जिससे आपको खुद ही निपटना होगा. खुद का सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है. आप अगर दूसरों को उदार बनाना चाहते हैं तो उसका एक ही रास्ता है खुद उदार बनकर दिखाइए.

गांधी को किस धर्म को बचाने के नाम पर मारा गया था ? नरेंद्र दाभोलकर को किस धर्म को बचाने के नाम पर मारा गया था ?कलबुर्गी को किसने मारा था ? गौरी लंकेश को किसने मारा था ? अपने ही धर्म के दलितों की बस्तियां कौन से धर्म को बचाने के नाम पर जलाई जाती है ? वह कौन है जो बलात्कारियों के पक्ष में तिरंगा यात्रा निकालते हैं ? वह कौन है जो दलित लड़की को रात में ही जला देते हैं और बलात्कारियों के पक्ष में पूरी सरकार झोंक देते हैं ?इन हत्यारों आतंकवादियों कट्टर धर्मांध लोगों को किस धर्म के लोगों ने आज भारत की सत्ता सौंपी है ?

आप को मुसलमानों की कट्टरता से परेशानी है और खुद को आप सब से उदार और सहिष्णु धर्म वाला मानते हैं. किस धर्म के नाम पर यह लोग अपना राज चला रहे हैं ! आपको इस सब से कोई परेशानी नहीं है. आपको मुसलमान कट्टरपंथी लगते हैं ! मैं ऐसे लाखों मुसलमानों को जानता हूं जो अपने मजहब के कट्टरपंथियों के खिलाफ लिखते हैं, बोलते हैं, हमले सहन करते हैं.

मैं सैकड़ों मुसलमान नाम वाले नास्तिकों के नाम गिनवा सकता हूं. अफगानिस्तान कभी सेक्यूलर और प्रगतिशील देश था. अफगानिस्तान में लड़कियां स्कर्ट पहनती थी, कॉलेज जाती थी. साम्यवादी रूस को तोड़ने के लिए अमेरिका ने वहां तालिबान को खड़ा किया, उन्हें हथियार दिए.

अपने देश में व्यापार कर रहे ओसामा नाम के नौजवान व्यापारी को जो सूट और टाई पहनता था, दाढ़ी नहीं रखता था, उसे अफगानिस्तान भेजा. वहां कट्टरपंथ पैदा किया और रूस को तोड़ने के लिए उनका इस्तेमाल किया. लीबिया को किसने बर्बाद किया ? सीरिया में आईसीस को हथियार किसने दिए ?

अपने आर्थिक हितों मुनाफे लूट के लिए लैटिन अमरीकी देशों, अफ्रीकी देशों, मिडल ईस्ट में जाकर कौन युद्ध करवाता है ? आतंकवादी खड़े करता है, लिबरल और समाजवादी लोगों की हत्या करवाता है ? यह लोग आपको बहुत डेमोक्रेटिक उदार और विकसित लगते हैं ?

अपने ही देश में रोज सैकड़ों आदिवासियों को आपके ही सिपाही मार रहे हैं, जेलों में डाल रहे हैं, आदिवासी महिलाओं से बलात्कार किया जा रहा है, आपके विकास के नाम पर. आपको उस सब से कोई परेशानी नहीं है. वह आपको अपनी उदारता दयालुता लगती है. आप को सबसे बड़ी समस्या मुसलमानों की कट्टरता लगती है ! बेशक कट्टरता की लोकतांत्रिक समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए लेकिन पहले आप अपनी कट्टरता की तरफ तो एक नजर डालिए.

भाजपा और आरएसएस सबसे बड़े आतंकवादी संगठन है

मुंबई पर आतंकवादी हमला आरएसएस और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मिलकर किया था. एसटीएफ चीफ हेमंत करकरे ने यह पता लगा लिया था कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने आईएसआई से 24 करोड रुपए लिए हैं ताकि भारत में आतंकवादी घटनाएं की जा सके.

हेमंत करकरे की हत्या करने के लिए आरएसएस और आईएसआई ने मिलकर मुंबई पर आतंकवादी हमला किया, जिसमें कसाब भी शामिल था. पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या कर दी गई. भाजपा ने सत्ता में आने के बाद सारे आतंकवादियों को बरी करवा दिया.

यह सब आप पुलिस अधिकारी मुशरिफ की किताब ‘हु किल्ड करकरें’ में भी पढ़ सकते हैं और आनंद पटवर्धन की फिल्म विवेक के हिस्से में देख सकते हैं. एनआईए में कोई ऐसा देशभक्त अधिकारी नहीं है, जिसमें इतना जिगरा हो कि वह असली आतंकवादियों को पकड़ सके. भाजपा और आरएसएस सबसे बड़े आतंकवादी संगठन है.

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