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नाटो इस्राएल की बर्बरता के बावजूद फिलिस्तीन हमास की जीत सुनिश्चित

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नाटो इस्राएल की बर्बरता के बावजूद फिलिस्तीन हमास की जीत सुनिश्चित
नाटो इस्राएल की बर्बरता के बावजूद फिलिस्तीन हमास की जीत सुनिश्चित

पश्चिमी मीडिया के मुताबिक इस्राइली हमले में गजा पट्टी में विनाशकारी हमले जारी हैं. आज यानि रविवार सुबह 4 बजे तक 2300 से अधिक हमास नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिसमें 800 बच्चे, 500 महिलाएं होने का दावा किया जा रहा. हालांकि देश दुनिया के मीडियाई हलकों में मरने वालों की संख्या 5 हजार तक भी बताई जा रही है. गजा में हालात बेहद वीभत्स और अनियंत्रित हैं. चीख, चीत्कारों के कर्कश स्वर में मनुष्य होने की सारी परिभाषाएं निश्चेत हो चुकी हैं.

फिलिस्तीन को ‘एक देश’ की मान्यता सबसे पहले 1988 में भारत ने दी. उसके बाद ही बाकी दुनिया ने भी अपनी मान्यता दी. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने भी अप्रत्याशित तौर पर इस्राएल का समर्थन कर दिया था, जिससे रूस, चीन, उत्तर कोरिया सहित दुनिया के अमन पसंद देशों ने भारत की आलोचना की, इसके तुरंत बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को ‘ये आधिकारिक बयान नहीं है’ कहकर पल्ला झाड़ लिया और फिलिस्तीनी हमास को मान्यता देने वाली पूर्व की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए इस्राएल पर मानवाधिकारों की उपेक्षा का आक्षेप जड़ दिया.

फिलिस्तीन हमास की कार्यवाही को भारत ने ‘आत्मरक्षा’ कहकर एक तरह से अमरीका नाटो को चिढ़ाते हुए रूस चीन के खेमे में स्वयं को आबद्ध किया है. वैसे भी यूक्रेन युद्ध में नाटो अमरीका की बुरी हार के बाद अमरीका में अब सीधे तौर पर गीदड़-भभकी देने की कुव्वत नहीं बची है. यहां तक कि नाटो संगठन के बहुत सारे देश अमरीका से दांये बांये होने लगे हैं.

ब्रिटेन खुफिया एजेंसी एमआई-6 व इस्राएल खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस्राएल की कार्यवाही को सही ठहराते हुए हमास के हमले को रूस के इशारे पर किया गया हमला करार दे रहे हैं. हालांकि अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने हमास के हमले को ईरानी साजिश कहा है. अब मामला जो भी है हमास की राजधानी हमास गजा का 40 फीसदी हिस्सा इस्राइली बारूदी हमलों में मलबे में तब्दील हो चुका है.

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस समय भारी आलोचना की मार झेल रहे हैं और इस्राइली नागरिकों ने नेतन्याहू के गजा पर हमले को कायराना करतूत कहा है. उधर उत्तर कोरिया, रूस, भारत, चीन, ईरान, बेलारूस ने फिलिस्तीन हमास के संघर्ष को जायज ठहराते हुए एक तरह से इस्राएल को और भड़का दिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने गजा पट्टी पर इस्राइली हमलों को नाकाबिले बर्दाश्त कहा है, जिसका सीधा मतलब है पुतिन फिलिस्तीन की धरती से नाटो की शेष तबाही के लिए कमर कस चुके हैं.

वैसे दक्षिण कोरिया सरकार के खुफिया इनपुट के हिसाब से हमास इस्राएल युद्ध पुतिन की रणनीति का हिस्सा है. यूक्रेन युद्ध से नाटो-अमरीका को दूसरी जगह उलझाने के लिए बेलारूस, ईरान ने इस पर रूस की मदद की है. अमरीका, यूक्रेन युद्ध को समर्थन देने के कारण पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन खो रहा है और अमरीका में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों के चलते पुतिन ने अमरीका को इतनी बुरी तरह फंसा दिया है, जहां अब रुकने का मतलब सिर्फ और सिर्फ परमाणु युद्ध है.

और इस मामले में भी पुतिन ने वाशिंगटन डीसी को औकात में रहने की नसीहत देकर यह जाहिर कर दिया है कि अमरीकी राष्ट्रपति जो-बाइडेन अमरीकी नागरिकों को किसी भी हालत में परमाणु हमले से नहीं बचा सकते हैं. आत्मरक्षा के लिए भले ही नाटो-अमरीका रूस पर परमाणु हमले करेंगे लेकिन तब तक पुतिन दुनिया के एक हिस्से अमरीका को निर्जन भूभाग में तब्दील कर चुके होंगे.

रूस यूक्रेन युद्ध की एक ताजा खबर के अनुसार रूस ने यूक्रेन के जेपोरेजिया व खारकीव क्षेत्र में लगभग रूसी झंडा गाड़ दिया है. हालांकि बाहरी हिस्सों में हमले जारी हैं. ताजा रूसी हमलों में ब्रिटेन, फ्रांस से यूक्रेन को मिले हथियारों की नई खेप के 45 फीसदी हिस्सा, रूसी हमलों में तबाह हो गया है. ब्रिटेन प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने चिढ़ते हुए जेलेंस्की को हर तरफ से असफल नेता कहा है. ऋषि सुनक ने रूसी हमलों को यूक्रेनी सेना की मिलीभगत तक कह दिया है.

बीते दो दिनों के अंदर 971 यूक्रेनी सैनिकों की मौत हो चुकी है और 1349 सैनिक घायल बताए जा रहे हैं. शनिवार दोपहर दो बजे रूसी सेना ने खारकीव के एक सुरंग पर हमला कर एक ही हमले में 188 यूक्रेनी सैनिकों की जान ले ली. बहरहाल युद्ध जारी है और युद्ध काल में विश्वसनीय आंकड़ों की उम्मीद कतई नहीं की जा सकती. द्वितीय विश्व युद्ध के एक अमेरिकी कर्नल साइरिस हिक्सन के अनुसार ‘मैं दावा करता हूं कि कोई युद्धरत देश अगर कहता है कि उसके 5 सैनिक शहीद हो गए हैं और 5 घायल हैं तो आप इसे चार गुना समझा करें.’

  • ऐ. के. ब्राईट

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