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मीडिया पर भाजपा नेता की बेवाक टिप्पणी से ऊपजे सवाल

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बीजेपी नेता एस.वी. शेखर

तमिलनाडु में विगत दिनों आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला पत्रकार का गाल थपथपाने के बाद भाजपाई राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की काफी निंदा हुई थी. इससे क्रोधित भाजपा नेता एस.वी. शेखर ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मीडिया में कई अनपढ़ और जाहिल लोग हैं. राज्यपाल पर आरोप लगाने वाली ये महिला जर्नलिस्ट इसका अपवाद नहीं है. एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन के मुकाबले मीडिया सेक्टर में महिलाओं के साथ ज्यादा यौन उत्पीड़न होता है. महिला जर्नलिस्ट मीडिया में पद पाने और अपने काम निकालने के लिए बड़े लोगों के साथ सोती हैं.”

भाजपा नेता के इस पोस्ट की जहांं चौतरफा निंदा हो रही है, वहीं उनका यह पोस्ट भाजपा के चरित्र और बिकाऊ दलाल मीडिया पर कड़ी टिप्पणी भी है. मीडिया का यह बिकाऊ दलाल चरित्र हर काल में रहा है, पर उसके चरित्र का सीधा चित्रण कभी सरेआम नहीं किया गया. मीडिया की दलाली और पैसों के लिए कुछ भी करने की आतुरता ने भारतीय मीडिया को सीधा गलीज में धकेल दिया है, जिस गलीज का ही छींटा भाजपा नेता के इस टिप्पणी के रूप में नजर आया है.

भाजपा के इस नेता की मलामत जितनी की जाये कम है, परन्तु उसके उठाए सवाल भारतीय मीडिया का पीछा नहीं छोड़ेगा. नींद में भी अपनी आत्मा तक को सरेआम भाजपा के चरणों में बिछा देने की आतुरता पर भाजपा नेता की यह टिप्पणी टीस मारती रहेगी, खासकर उन महिला पत्रकारों, एंकरों को जो चीख-चीख कर हिस्टिरिया की हद तक भाजपा के कुख्यात जनविरोधी गतिविधियों का पक्षपोषण करती है और भाजपा के विरोधियों को अपने एंकरिंग के जरिए बेईज्जत करने की कोशिश करती है.

भारतीय बिकाऊ दलाल मीडिया पर भाजपा नेता के द्वारा की गई यह शर्मसार टिप्पणी मीडिया को चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए क्योंकि अगर वह खुद को दलाली के चंगुल से बाहर नहीं ला पाती है तो उसे इससे भी ज्यादा घृणास्पद टिप्पणी सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए, जब एक-एक पत्रकारों और एंकरों का बकायदा नाम लेकर सरेबाजार बोली लगाई जायेगी.

पिछले दिनों कोबरा पोस्ट के खोजी पत्रकारों के माध्यम से जिस प्रकार भारतीय मुख्यधारा की मीडिया के बिकाऊ और दलाल चरित्र को बेनकाब किया गया था, भाजपा के इस नेता का यह घृणास्पद पोस्ट मीडिया के इसी चरित्र पर एक बेवाक टिप्पणी है क्योंकि बिकाऊ और दलालों की इज्ज़त तभी तक की जाती है जब तक उससे काम लेना हो, उसके बाद उसकी इज्ज़त दो कौड़ी की भी नहीं होती, न तो जनता की नजर में और न ही उसके नजर में जिसके लिए उसने अपना स्वत्व गंवाया था. भाजपा नेता एस.वी. शेखर का यह बयान, ‘बड़े लोगों के साथ सोए बिना कोई भी रिपोर्टर या एंकर नहीं बन सकती’, देश की दलाल-बिकाऊ मीडिया के बदशक्ल चेेहरे पर एक करारा तमाचा हैै.

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2 Comments

  1. S. Chatterjee

    April 21, 2018 at 2:13 am

    He is not far off the mark but who is responsible?

    Reply

  2. AP Bharati

    April 21, 2018 at 5:30 am

    Apni mansikta to unhone byan ki hi par media ko aaina bhi dikhaya, yeh ham par hai ki ham sudharen aur aise mantriyon, netaon, naukarshahon, dhannsethon, dalal media ko sudharen

    Reply

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